Saturday, Jun 03, 2023
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Supreme court instructions to Jammu and Kashmir administration 4G Internet service rkdsnt

4जी इंटरनेट सेवा बहाल करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन को दिए निर्देश

  • Updated on 8/7/2020


नई दिल्ली/टीम डिजिटल। उच्चतम न्यायालय ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन से शुक्रवार को कहा कि वह कुछ इलाकों में 4जी इंटरनेट सेवा बहाल करने की संभावना तलाशे। जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने उच्च गति की इंटरनेट सेवा बहाल करने पर निर्देश लेने के लिए समय मांगते हुए कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में नये उपराज्यपाल की नियुक्ति हुयी है। 

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उपराज्यपाल पद से जी सी मुर्मू के इस्तीफा देने के बाद मनोज सिन्हा को नया उपराज्यपाल नियुक्त किया गया है। केंद्र ने पिछले साल अगस्त में जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा निरस्त करने और उसे दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित करने की घोषणा की थी। तभी से जम्मू-कश्मीर में उच्च गति की इंटरनेट सेवा निलंबित है। शीर्ष अदालत ने प्रशासन से कहा कि उपराज्यपाल बदलने से कुछ बदला नहीं है, क्योंकि इस मामले को देखने के लिए विशेष समिति है।

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जस्टिस एन वी रमन, जस्टिस आर सुभाष रेड्डी और जस्टिस बी आर गवई की पीठ ने गैर सरकारी संगठन फाउण्डेशन फॉर मीडिया प्रफेशनल की अवमानना याचिका संक्षिप्त सुनवाई के बाद 11 अगस्त के लिये सूचीबद्ध कर दी। इस संगठन ने न्यायालय के 11 मई के आदेश के अनुपालन की कथित रूप से ‘‘जानबूझकर अवहेलना’’ करने के लिए केंद्रीय गृह सचिव और जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू किए जाने अनुरोध किया है। जम्मू-कश्मीर प्रशासन की ओर से सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा कि उन्हें निर्देश लेने की आवश्यकता है, क्योंकि केंद्र शासित प्रदेश के उपराज्यपाल बदल गए हैं और कल ही नए उपराज्यपाल ने प्रभार संभाला है। 

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पीठ ने कहा कि उपराज्यपाल बदलने से कुछ नहीं बदलता है क्योंकि उच्चाधिकार प्राप्त समिति मामले को देख रही है। पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत यह नहीं बता सकती कि वहां जमीनी स्तर पर हालात कैसे हैं, लेकिन मुद्दा यह है कि मामले में देर नहीं की जानी चाहिए। पीठ ने मेहता को इस बात पर निर्देश लेने के लिये कहा कि क्या कुछ इलाकों में 4जी सेवा बहाल की जा सकती है या नहीं। मेहता ने कहा कि मामले में देरी करने का कोई इरादा नहीं है, क्योंकि शीर्ष अदालत के आदेश को शब्दश: लागू किया गया है और वह निर्देश लेंगे। 

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पीठ ने मेहता से यह बताने के लिये कहा कि उपराज्यपाल ने किन परिस्थितियों में कथित तौर पर यह कहा था कि 4जी इंटरनेट सेवा बहाल की जा सकती है और उपराज्यपाल के इस बयान का आधार क्या था। एनजीओ की ओर से पेश वरिष्ठ वकील हुजेफा अहमदी ने प्रतिवादी इस मामले में बार-बार समय मांग रहे हैं। पीठ ने अहमदी से कहा कि उन्हें बदलावों के बारे में भी पता होना चाहिए और कहा कि वह दो और दिन इंतजार कर लें। पीठ ने मेहता से कहा कि इस मामले अब और स्थगन का कोई प्रश्न नहीं है तथा उन्हें इस मामले पर निर्देश लेने चाहिए।

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