नई दिल्ली/टीम डिजिटल। उच्चतम न्यायालय ने चिकित्सकों को वेतन का कथित रूप से भुगतान नहीं किए जाने को लेकर दिल्ली के मुख्य सचिव के खिलाफ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की अवमानना याचिका पर सुनवाई से बृहस्पतिवार को इनकार कर दिया और उससे इस मामले को देख रहे उच्च न्यायालय के पास जाने को कहा।
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जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस आर सुभाष रेड्डी और जस्टिस एम आर शाह की पीठ ने कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय इस संबंधी मामले को देख रही है और शीर्ष अदालत में इस याचिका का सुनवाई करने का कोई औचित्य नहीं है। आईएमए की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मङ्क्षनदर सिंह ने कहा कि उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद अप्रैल और मई के वेतन का भुगतान किया गया, लेकिन जून से अक्टूबर के बीच पुन: वेतन का भुगतान नहीं हुआ।
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पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय इस मामले पहले ही 29 जुलाई को आदेश दे चुका है और वह इस मामले की निगरानी कर रहा है। सिंह ने कहा कि डाक्टरों को फ्रंटलाइन वारियर्स बताया जा रहा है और ऐसी स्थिति में उन्हें समय से वेतन भुगतान होना चाहिए लेकिन उच्च न्यायालय में इस पर विस्तार से सुनवाई नहीं होरही है।
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