Wednesday, Mar 22, 2023
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सुप्रीम कोर्ट ने दिया SC-ST आरक्षण पर बड़ा फैसला, अब राज्य सरकार को उप-वर्गीकरण का अधिकार

  • Updated on 8/27/2020

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की संवैधानिक बैंच ने आज एससी एसटी आरक्षण (SC ST Reservation) को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने अब राज्य सरकार कों को यह शक्ति दी है कि प्रदेश में एससी एसटी समुदाय को दिए गए आरक्षण में कैटेगरी बना सकते हैं और इसका लाभ उन लोगों को दिया जा सकता है जो इन कैटेगरी में होने के बावजूद भी यह लाभ नहीं ले सके हैं। 

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2004 के सुप्रीट कोर्ट के फैसले पर हो विचार
कोर्ट ने अपने फैसले में 2004 के ईवी चिन्नैया बनाम आंध्र प्रदेश के उस फैसले की समीक्षा करने को भी कहा है जिसमें राज्यों को यह अधिकार नहीं दिया गया था कि वह एससी एसटी आरक्षण का उप-वर्गीकरण करें। कोर्ट ने इस फैसले पर भी विचार करने के लिए 7 जजों की बैंच को भेजा है।  

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राज्य को आरक्षण के उप-वर्गीकरण का अधिकार
जस्टिस अरुण मिश्रा (Arun Mishra) की बैंच ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा है कि इससे राष्ट्रपति (President) के आदेश के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं होगी। उनकी बैंच ने कहा है कि अगर राज्य के पास आरक्षण देने की शक्ति है तो उनके पास यह भी शक्ति है कि इसका फायदा सभी तक पहुंचाने के लिए वह इसका उप-वर्गीकरण करे। जस्टिस अरुण मिश्रा के साथ इस बैंच में इंदिरा बनर्जी, विनीत सरन, एमआर शाह और अनिरुद्ध बोस भी शामिल थे। 

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पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने दिया था फैसला
बता दें पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट (Hariyana Highcourt) ने यह फैसले के बाद यह अपील की गई थी। पंजाब सरकार ने अपने यहां एससी एसटी समुदाय की भर्ती में 50 फीसद बाल्मिकी और मजहबी सिखों को वरीयता में प्रधानता दिए जाने के फैसले को कोर्ट ने निरस्त कर दिया था।  

 

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