Wednesday, Oct 04, 2023
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PAK: धर्मांतरण के लिए तब्लीगी जमात ने किया हिंदुओं का उत्पीड़न, सिंध में प्रदर्शन

  • Updated on 5/18/2020

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। पाकिस्तान के सिंध प्रांत में जबरन धर्मांतरण के खिलाफ हिंदुओं ने विरोध प्रदर्शन किया। हिंदुओं का आरोप है कि तब्लीगी जमात उन्हें मजहब बदलने के लिए मजबूर करती है। इनकार करने पर उन्हें टॉर्चर किया जाता है और उनके घर भी तोड़ दिए जाते हैं। इन लोगों का आरोप है कि जमात ने एक हिंदू लड़के का अपहरण इसलिए कर लिया क्योंकि उसने धर्म परिवर्तन से इनकार कर दिया था।

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2 वीडियो भी वायरल

सिंध के 2 वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। पहले वीडियो में भील हिंदू जबरन धर्मांतरण के खिलाफ  प्रदर्शन करते दिख रहे हैं। मटियार के नसूरपुर में महिलाएं और बच्चे हाथ से लिखी तख्तियां पकड़े हुए हैं। ये लोग तब्लीगी जमात के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए कह रहे हैं कि ‘हम मरना पसंद करेंगे लेकिन कभी भी इस्लाम कबूल नहीं करेंगे।’

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प्रदर्शनकारियों में शामिल एक महिला कह रही है कि उनकी संपत्ति हड़प ली गई और घर तोड़ दिए गए। उन्हें पीटा गया। महिला का आरोप है कि जमात के लोग कह रहे हैं कि अगर घर वापस चाहिए तो इस्लाम कबूल करें। दूसरे वीडियो में एक महिला जमीन पर लेटी हुई रो रही है। वह कहती है कि जमात के लोगों ने मेरे बेटे का अपहरण कर लिया है।

सिंध में हर साल 1,000 हिंदू लड़कियों का होता है अपहरण

पाकिस्तान में अक्सर जबरन धर्म परिवर्तन के मामले सामने आते हैं। हालिया वक्त में ये ज्यादा बढ़ गए हैं। अमरीका में सिंधी फाऊंडेशन के मुताबिक सिंध प्रांत में हर साल करीब 1,000 ङ्क्षहदू लड़कियों (12 से 28 साल के बीच) का अपहरण किया जाता है। उनका जबरन धर्म परिवर्तन करवाया जाता है। इसके बाद मुस्लिमों से शादी करवा दी जाती है।

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जबरन इस्लाम की  करवाई जाती है पढ़ाई

पाकिस्तान ने कई मौकों पर अल्पसंख्यक समुदायों की रक्षा का भरोसा दिलाया है लेकिन इनके साथ भेदभाव होता रहा है। हिंसा, हत्या, अपहरण, रेप और जबरन धर्म परिवर्तन जैसी घटनाएं होती हैं। हिंदू, ईसाई, सिख, अहमदिया और शियाओं को बहुत मुश्किलें झेलनी पड़ती हैं। पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग (एच.आर.सी.पी.) ने हाल ही में कहा था कि अल्पसंख्यक समुदायों पर भयानक हिंसा हुई है। हिंदू और ईसाइयों को जबरन इस्लाम की पढ़ाई करवाई जाती है। इसके साथ ही ईसाइयों को शव दफन करने की जगह बहुत कम है। हिंदुओं के लिए श्मशान तक नहीं हैं।

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