Thursday, Nov 30, 2023
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मंदिर में पढ़ते हैं इस देश के बच्चे, हिंदू बच्चों को पढ़ाने आते हैं मुस्लिम टीचर

  • Updated on 8/8/2018

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। अब तक आप सभी ने धर्म के नाम पर लोगों को लड़ते ही देखा होगा, जब बात हिंदू और मुस्लिम की आती है तो मामल और भी संवेदनशील हो जाता है। लेकिन दुनिया में कुछ ऐसे लोग भी हैं जो धर्म के नाम पर आपसी विवादों को भूल सिर्फ इंसानियत का ही धर्म निभाते हैं।

भारत और पाकिस्तान के बंटवारे के बाद कुछ हिंदु परिवार अपना घर और अपनी यादों को छोड़ कर पाकिस्तान से भारत आ गए थे तो कुछ ने वहीं रूकने का फैसला किया था। जो हिंदू परिवार पाकिस्तान में रूके रहे उनके साथ आज भी शरणार्थियों जैसा बर्ताव किया जाता है, लेकिन आज हम आपको ऐसे  शिक्षक के बारे में बताने जा रहे हैं जो पाकिस्तान में हिंदुओं के पिछड़ी जातियों के बच्चों के लिए मसीहा हैं।

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पाकिस्तान के कराची में एक ऐसा मंदिर है जिसमें मुस्लिम शिक्षक हिंदुओं के पिछड़ी जातियों के बच्चों को पढ़ाते हैं। इस मंदिर में बच्चे अपने भविष्य को सुनहरा बनाने आते हैं और बच्चों के इस सपने को साकार करने में आईएचडीएफ नाम की एक एनजीओ अपना योगदान दे रही है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कराची की रहमान कॉलोनी में एक हिंदू मंदिर है, इस मंदिर में आईएचडीएफ( एनजीओ) की ओर से स्कूल चलता है। इस एनजीओ ने स्थानीय लोगों की अनुमति के बाद इस स्कूल को खोला।

पाकिस्तान में हिंदुओं की स्थिति कुछ अच्छी नहीं है, खासतौर से कराची के रहमान कॉलोनी में रहने वाले हिंदुओं की दशा बहुत खराब है। यहां उन्हें लोकल प्राधिकरणों द्वारा अक्सर धमकियां मिलती रहती हैं। उनके लिए पानी और टॉयलेट्स की भी व्यवस्था नहीं है। उन्हें लोकल प्राधिकरणों द्वारा अक्सर धमकियां मिलती रहती हैं।

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इन सब मुश्किलों के बीच इन परिवारों के लिए आईएचडीएफ( एनजीओ) एक मात्र आशा की किरण है। ये एनजीओ उन बच्चों के शिक्षा के लिए काम करता है। मुस्लिम शिक्षकों द्वारा उनके बच्चों को पढ़ाना उन्हें राहत दे रहा है। इस एनजीओ ने स्थानीय लोगों की अनुमति के बाद मंदिर में स्कूल को खोला और अब वहां करीब 93 हिंदू बच्चे पढ़ते हैं। इस टेंपल स्कूल में शिक्षक बच्चों को केवल आधारभूत कोर्स पढ़ाते हैं। जिसके बाद इन बच्चों को सरकारी स्कूल में भेज दिया जाता है।

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