Saturday, Sep 30, 2023
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हिंडन के काया पलट के लिए आईआईटी का सहारा, आईआईटी कानपुर की सी-गंगा शोध टीम को सौंपा जिम्मा

  • Updated on 7/16/2022

नई दिल्ली/टीम डिजीटल।  दम तोड़ती हिंडन को नया जीवन देने के लिए शासन ने आईआईटी का सहारा लेने का फैसला लिया है। शनिवार को आईआईटी कानपुर सी-गंगा की टीम प्रभारी मुख्य विकास अधिकारी पीएन दीक्षित से मिली। इस दौरान हिंडन को पुर्नजीवित करने के लिए तैयार एक्शन प्लान पर चर्चा की गई। इसके अलावा आईआईटी की टीम ने हिंडन का स्थालिय निरीक्षण भी किया। जिसके आधार पर आगे की कार्ययोजना तैयार की जाएगी। 

तकनीक के सहारे हिंडन के काया पलट की होगी कोशिश 
प्रभारी सीडीओ पीएन दीक्षित ने बताया कि हिंडन को पुर्नजीवित करने के लिए तकनीक सहारा लिया जाएगा। इसमें तकनीकी मदद के लिए सरकार ने आईआईटी कानपुर की सी- गंगा शोध टीम को चुना है। सी- गंगा की टीम तीन अन्य तकनीकी संस्थानों के एक्सपर्ट के साथ मिलकर नदियों को नया जीवन देने में सहायक बनेगे। शोध सहायकों की टीम ने जनपद की हिन्डन, काली ईस्ट एवं काली नदी का प्रारंभिक सर्वे किया है। टीम हापुड़ की नदियों का सर्वे करके शनिवार को गाजियाबाद पहुंची है। प्रदेश ने मनरेगा के माध्यम से लुप्त होने वाली 61 नदियों पर काम कराने का फैसला लिया है। तकनीकी मदद के लिए सरकार ने आईआईटी कानपुर सी- गंगा की टीम को नोडल अधिकारी बनाया है। उनकी टीम में एनआइएच रूडक़ी, बीबीएयू लखनऊ और आईआईटी बीएचयू के शोधकर्ता भी रखे गये हैं। 

सिंचाई विभाग तैयार करेगा डीपीआर, मदद करेगा आईआईटी 
सर्वे टीम के लीडर प्रीत तिवारी ने बताया कि सिंचाई विभाग के अधिकारियों को नदियों को नया जीवन देने के लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करनी हैं। शोध टीम उनकी तकनीकी मदद करेगी। यह सुनिश्चित किया जाना है कि पूरे साल नदियों में जल रहे। नदियों को नया जीवन मिलने से भूगर्भ जल स्तर बढ़ेगा। उन्होंने बताया कि इसको सुनिश्चित कराने के लिए पहले चरण में छोटी नदियों की सेटेलाइट इमेज देखी गई। इमेज में जहां-जहां पानी का बहाव रुका हुआ है। वहां-वहां जाकर टीम सत्यापन कर रही है। यहा पर फैक्ट्रियों और बिल्डरों द्वारा कालोनी काटने के कारण कैमिकल युक्त पानी होता है। 

अन्य विभागों से भी मांगा गया है डेटा 
सर्वे टीम ने अपने शोध को मजबूत आधार देने के लिए अन्य विभागों से भी डाटा साझा करने को कहा है। जिसमें सामाजिक वानिकी प्रभाग, गाजियाबाद विकास प्राधिकरण, जिला ग्राम्य विकास अभिकरण, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व, जिला उद्योग केन्द्र, सिचाई निर्माण खण्ड- 2, लघु सिंचाई, नलकूप खण्ड, जिला पंचायत राज अधिकारी, जल निगम, उप निदेशक कृषि, प्रभारी कृषि विज्ञान केन्द्र, मुख्य पशुचिकित्साधिकारी, सहायक निदेशक (मत्स्य) शमिल हैं। टीम के भौतिक सर्वे के आधार पर उनकी समस्याओं को खोजा जाएगा, जिसके कारण नदियों में जल का बहाव रुका हुआ है। 
 

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