Sunday, Dec 10, 2023
-->
Theater can become a way of change in society: Richa Chadha

थिएटर समाज में बदलाव का रास्ता बन सकता है : रिचा चड्ढा

  • Updated on 3/28/2022

नई दिल्ली/पुष्पेंद्र मिश्र। आईआईसी में आयोजित किए जा रहे जश्न ए अदब के तीसरे दिन ‘ये दुनिया एक रंगमंच है’ कार्यक्रम में बॉलीवुड अभिनेत्री रिचा चड्ढा ने कहा कि थिएटर से मेरा पहला परिचय क्लास 1 से हो गया था। लेकिन मुख्य रूप से मेरी पहली शुरूआत एनएसडी की पीआई रिप्रेटरी कंपनी के एक नाटक ‘और कितने टुकड़े’ से हुई। इसके बाद मैं रफी पीरजादा फाउंडेशन के लिए पाकिस्तान शो करने गए थे। चड्ढा ने कहा कि थिएटर समाज में बदलाव का रास्ता बन सकता है। क्योंकि जो चीज बड़े बड़े ओपीईडी और लेख लिखकर लोगों को नहीं समझाई जा सकती उसे थिएटर में परफॉर्मेंस के जरिए समझाया जा सकता है। अभिनेता बनते हैं या जन्म लेते हैं पर रिचा चड्ढा ने कहा कि मुझे लगता है कि अगर आपको क्रिकेटर बनना है तो आपको बल्ला पकडऩे या गेंद फेंकने की ट्रेनिंग लेनी होगी। तभी आप क्रिकेटर बन सकते हैं। इसी तरह अभिनेता बनने के लिए भी ट्रेनिंग जरूरी है। उन्होंने कहा कि बिना सीखे कोई एक्टर कैसे बन सकता है।

NSD: शकुंतला दुश्यंत की कहानी देख दर्शक हुए भाव भिवोर

गांव में छठ पूजा पर हुए नाटक से हुई अभिनय की शुरूआत : पंकज त्रिपाठी
कार्यक्रम में बॉलीवुड अभिनेता पंकज त्रिपाठी को जश्न ए अदब फाउंडेशन द्वारा पुरस्कृत किया गया। उन्होंने अपने थिएटर की शुरूआत की कहानी बताई। जिसमें कहा कि बिहार से निकलकर एनएसडी तक का सफर आसान नहीं रहा। मेरा नाटक से पहला परिचय गांव में छठ पूजा पर होने वाले पारंपरिक नाटक से हुई। जिसके बाद पटना आया तो यहां एक कॉलेज में नाटक का मंचन देखा बहुत प्रभावित होकर रोज देखने जाने लगा। कई सालों तक मैं नाटक देखकर सीखता समझता रहा। इसके बाद एनएसडी आकर पढ़ाई करने का ख्याल आया। जब हमें गैंग्स ऑफ वासेपुर जैसी फिल्म मिली थिएटर के बाद ये  मेरे लिए नया अनुभव था। कार्यक्रम में चरित्र अभिनेता राजेश तैलंग ने कहा कि चाचा द्वारा मुहल्ले में कराए गए नाटक से मेरे अभिनय की शुरूआत हुई।

EWS DG Admission : कल से शुरू होगी ईडब्ल्यूएस डीजी कैटेगरी में आवेदन प्रक्रिया

निजामी ब्रदर्स की कव्वाली से हुआ जश्न ए अदब के 11वें संस्करण का समापन
फिर एनएसडी की बाल रंगशाला से जुड़ा और बाद में एनएसडी से पढ़ाई भी की। अस्मिता थिएटर समूह के अरविंद गौर ने कहा कि मेरे नाटक की यात्रा पुरानी दिल्ली की पब्लिक लाइब्रेरी से हुई। रविवार को अस्मिता थिएटर गु्रप ने जश्न ए अदब में कोर्ट मार्शल नाटक का मंचन किया। दिन के आखिर में निजामी ब्रदर्स की कव्वाली ने दर्शकों को स्तब्ध कर दिया। एक अन्य प्रोग्राम में कथक नृत्यांगना डॉ. उमा शर्मा ने प्रस्तुति दी।
कार्यक्रम में जश्न ए अदब फाउंडेशन के संस्थापक कुंअर रंजीत सिंह चौहान ने कहा कि कोविड-19 की पाबंदियों बाद हुए जश्न ए अदब साहित्योत्सव में दर्शकों, युवाओं के जोश ने हमें भारतीय कला संस्कृति और साहित्य के साहित्योत्सव को और बेहतर तरीके से प्रस्तुत करने में मदद की

comments

.
.
.
.
.