नई दिल्ली/टीम डिजिटल। कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को पार्टी के ‘एसेट्स' (धरोहर) कहे जाने के एक दिन बाद मंगलवार को मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि गांधी के कहने के बाद कुछ भी कहने की गुंजाइश नहीं है। राहुल गांधी के गहलोत-पायलट पर दिये बयान में बारे में पूछे जाने पर गहलोत ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा ‘‘राहुल गांधी हम सबके नेता है। जब राहुल गांधी ने कहा है कि एसेट्स (धरोहर) है तो फिर एसेट्स है। फिर चर्चा किस बात की।''
उन्होंने कहा ‘‘ हमारी पार्टी की सबसे बड़ी खूबी यही है। आजादी से पहले और आजादी के बाद, जो नंबर एक नेता होता है उनके अनुशासन में पार्टी चलती हैं। हमारे यहां राहुल गांधी के कहने के बाद कोई गुंजाइश नहीं रहती ।'' उन्होंने कहा कि सभी नेता ‘‘भारत जोडो यात्रा'' को राज्य में एक साथ मिलकर सफल बनायेंगे। गहलोत ने कहा कि ‘‘जब राहुल गांधी ने कह दिया है कि एसेट्स है तो इसका मतलब यह भी है कि पार्टी का हर कार्यकर्ता भी एसेट्स है।''
अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच सत्ता की खींचतान के बीच राहुल गांधी ने सोमवार को इंदौर में कहा था कि दोनों नेता पार्टी के लिए एसेट्स (धरोहर) हैं। गहलोत ने बृहस्पतिवार को एक टीवी चैनल (एनडीटीवी) को दिये साक्षात्कार में कहा था कि पायलट एक 'गद्दार' (देशद्रोही) हैं, जो उनकी जगह नहीं ले सकते क्योंकि उन्होंने 2020 में कांग्रेस के खिलाफ विद्रोह किया था और राज्य सरकार को गिराने की कोशिश की थी। गहलोत के बयान पर पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि इस तरह "कीचड़ उछालने" के बजाय सबको मिल कर कांग्रेस को मजबूत करना चाहिए।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय के बाहर संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि पार्टी के सामने मुख्य मुद्दा 2023 का विधानसभा चुनाव है और उनकी सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाओं और कार्यक्रमों के कारण माहौल कांग्रेस पार्टी के पक्ष में है। उन्होंने कहा कि ‘‘मुख्य मुद्दा अगला चुनाव 2023 का है.. वह हम जीतकर बतायेंगे। माहौल हमारे पक्ष में है.. जो योजनाएं हमने बनाई है.. उनका सबको लाभ मिला । इसलिये जब मैं कहीं दौरा करने जाता हूं तो देखते है कि जनता का असाधारण समर्थन मिलता है। सड़कों पर आकर लोग मिल रहे है।.. हाथ मिलाते है स्वागत करते है। इसके मायने क्या हुआ। इसके मायने है कि हमारी सरकार इस बार फिर से आ रही है।''
गहलोत ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस पर टिप्पणी करने के बजाय पार्टी को अपना घर देखना चाहिए। राजस्थान और कुछ अन्य राज्यों में सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को लागू करने की घोषणा पर नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी की चिंता संबंधी खबरों पर गहलोत ने कहा कि नीति आयोग हो या रिजर्व बैंक, उन्हें पहले यह बताना चाहिए कि उन्होंने नोटबंदी के समय क्या कोई चिंता जताई थी? उन्होंने कहा कि राज्य में सरकारी कर्मचारियों की पुरानी पेंशन योजना को सामाजिक सुरक्षा की दृष्टि से पुनर्जीवित किया गया है। उन्होंने कहा कि कर्मचारी शासन में मदद करते हैं और यह फैसला मानवीय आधार पर लिया गया है।
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