नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए नए कृषि कानूनों (New farm law) के विरोध में किसानों का धरना लगातार जारी है। वहीं किसानों और सरकार के बीच आज होने वाली बातचीत भी खत्म हो गई है। कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने दो विषय पर रजामंदी की बात कही है। किसानों ने सरकार के सामने चार बिंदु रखे थे। अगले दौर की बातचीत ्अब 4 जनवरी को होगी।
अमित शाह की अगुवाई में इससे पहले मंगलवार को मंत्रियों की बैठक हुई थी जिसमें कृषि मंत्री ने भरोसा जताया था कि आज बातचीत के सकारात्मक नजीते सामने आएंगे।
Live Updates:-
किसान नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल तीन कृषि कानूनों पर केंद्र के साथ बातचीत करने के लिए सिंघू सीमा से निकलें।
A delegation of farmers leaders leave Singhu border to hold talks with Centre over three farm laws Union Government will hold sixth round of talks with the protesting farmers today. pic.twitter.com/RamZKPxwrQ — ANI (@ANI) December 30, 2020
A delegation of farmers leaders leave Singhu border to hold talks with Centre over three farm laws Union Government will hold sixth round of talks with the protesting farmers today. pic.twitter.com/RamZKPxwrQ
ग्रुप ऑफ मिनिस्टर की बैठक गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में 7वें दौर में ग्रुप ऑफ मिनिस्टर की बैठक हुई, जो लगभग 2 घंटे चली। बैठक के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि बुधवार को किसानों के साथ बातचीत होगी और उम्मीद है सरकार-किसान के बीच बातचीत सकारात्मक कदम के साथ आगे बढ़ेगी।
एमएसपी पर नया फार्मूला पेश कर सकती है सरकार वहीं जानकारी है कि किसानों की ओर से जारी गतिरोध खत्म करने के लिए सरकार बुधवार को होने वाली बातचीत में एमएसपी पर नया फार्मूला पेश करेगी। इस मुद्दे पर गृहमंत्री अमित शाह ने किसानों से बात करने वाले तीनों केंद्रीय मंत्रियों के साथ सोमवार को वार्ता की रणनीति तैयार कर ली है। बताया जा रहा है कि सरकार किसानों के साथ होने वाली वार्ता के मौके को जाने नहीं देना चाहती।
सरकार का अनुमान है कि किसान संगठन तीनों कानूनों की वापसी और एमएसपी को कानूनी बनाने संबंधी मांग पर अड़े रहेंगे। सरकार अब किसान संगठनों की इस रणनीति के जवाब में एमएसपी को लेकर नया फार्मूला लाएगी।
सरकार किसानों से पूछेगी ये बात किसान एमएसपी व्यवस्था के तहत सरकारी खरीद को भविष्य में जारी रखने के लिए लिखित गारंटी देने के लिए तैयार है, लेकिन इसे कानून का अंग बनाने के विरोध में है, इस बारे में सरकार को जानकारी है, इस मामले में सरकार किसान संगठनों से पूछेगी कि एमएसपी को जारी रखने का संदेश देने के लिए सरकार और क्या कर सकती है?
वहीं सरकार कहेगी कि कानून के लागू होने के बाद जिन प्रावधानों के कारण किसानों को परेशानी होगी, उनमें भविष्य में बातचीत के बाद बदलाव लाया जाएगा।
बता दें कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन 33 दिन पूरे कर चुका है। अब किसान एक दृढ़ उद्देश्य, पूरी एकता और संयुक्त रणनीति के साथ केंद्र सरकार से अपनी मांग मनवाने की तैयारी में हैं। संयुक्त किसान संघर्ष समिति ने सोमवार को कई बड़े फैसले किए हैं। जिनका आंदोलन के मंच से ऐलान भी किया गया।
यहां पढ़े अन्य बड़ी खबरें...
ट्रैक्टर चोरी के शक में भीड़ ने सब्जी विक्रेता की पीट-पीट कर हत्या...
बिलकिस बानो मामले के दोषियों को माफी छूट, गुजरात सरकार ने दी सफाई
अंबानी परिवार को धमकी: मुंबई की अदालत ने आरोपी को पुलिस हिरासत में...
महंगाई का तड़का- अमूल और मदर डेयरी का दूध के दाम बढ़ाए
केजरीवाल का गुजरात में AAP के सत्ता में आने पर मुफ्त शिक्षा देने का...
झुनझुनवाला के निवेश वाली कंपनियों के शेयरों में मिला-जुला रुख
कश्मीर में फिर टारगेट किलिंग, आतंकी हमले में सुनील कुमार भट्ट की मौत
J&K: पहलगाम सड़क हादसे में ITBP के 6 जवान शहीद, 35 अन्य घायल
नीतीश की महागठबंधन सरकार का शपथ ग्रहण, तेज प्रताप बने मंत्री
कर्नाटक: सावरकर और टीपू सुल्तान के बैनर पर बवाल, धारा- 144 लागू