नई दिल्ली/प्रियंका। भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित मामले बढ़ कर 153 हो गए हैं। ताजा 4 पॉजिटिव केस नॉएडा से सामने आए हैं। इसके अलावा बेंगलुरु से भी दो नए मामले आए हैं। कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में दहशत फैला दी है लोग घरों में कैद होने को मजबूर हैं। हालांकि ये पहली बार नहीं है कि किसी बीमारी के चलते लोग दहशत में हैं, इससे पहले भी दुनियाभर में कई ऐसी बीमारियां फैली हैं जिसकी वजह से लाखों लोगों की जान गई और लोग डर के साये में जीने को मजबूर हुए हैं।
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ये बीमारियां भी हैं खरतनाक एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में दिल की बीमारियों से अधिकतर लोगों की मौत होती है। देश में हर साल दिल की बीमारी के चलते करीब 15.4 लाख लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ती है। इसके बाद डायरिया और टीबी से हर दिन करीब 2 हजार लोगों की मौत होती है। इतना ही नहीं, इस जानलेवा बीमारी के अलावा दस ऐसी बीमारियां हैं जिनकी वजह से भारत में हर साल लाखों लोगों की मौत होती है। इन बीमारियों में दिल की बीमारी के अलावा कैंसर, डायरिया, डायबिटीज जैसी बीमारियां शामिल हैं।
वहीं, क्रॉनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) यानी फेंफड़ों से जुड़ी बीमारियों के चलते हर साल 9.6 लाख लोगों की मौत होती है। जबकि कैंसर से 7.8 लाख, स्ट्रोक से 7.3 लाख, डायरिया से 7.2 लाख, इन्फेक्शन से 5.1 लाख, टीबी से 4.5 लाख, नवजात बच्चों में होने वाली बीमारियों से 4.3 लाख, अस्थमा से 2.5 लाख और डायबिटीज यानी मधुमेह से करीब ढाई लाख लोगों की हर साल मौत होती है।
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इन महामारियों ने भी ली हैं लाखों जानें प्लेग- साल 1720 में महामारी बनकर फैले प्लेग के कारण 2 साल में 1 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हुई। प्लेग मार्सिले नामक फ्रांस के एक शहर में फैला जिसके बाद इसे ग्रेट प्लेग ऑफ मार्सिले कहा जाता है। मार्सिले में फैले प्लेग की वजह से कुछ महीनों में 50 हजार लोग मारे गए और बाकी 50 हजार लोग अगले दो सालों में मर गए।
कॉलरा- यह बीमारी साल 1820 में महामारी बनकर सामने आई। इस महामारी ने भारत समेत जापान, फारस की खाड़ी के देश, बैंकॉक, मनीला, जावा, ओमान, चीन, मॉरिशस, सीरिया आदि देशों में अपना कहर बरपाया। इस बीमारी से सबसे ज्यादा मौतें थाईलैंड, इंडोनेशिया और फिलीपींस में हुई थी. जबकि केवल एक जावा में ही 1 लाख लोगों को कॉलरा लील गया था।
स्पेनिश फ्लू- प्रथम विश्वयुद्ध के बाद 1920 में स्पेनिश फ्लू महामारी बन का उभरा। वैसे कहा जाता है कि इसकी शुरुआत 1918 में हुई थी लेकिन इसका सबसे ज्यादा और बुरा असर 1920 में देखने को मिला। इस फ्लू की वजह से फ्रांस की सीमा के करीब की खंदकों में गंदगी की वजह से ये बीमारी पैदा हुई और तेजी से फैल गई। हालांकि कोई प्रमाण नहीं है लेकिन ऐसा माना जाता है कि स्पेनिश फ्लू से 5 से 10 करोड़ के करीब लोग मारे गए थे।
स्वाइन फ्लू- साल 2009 में स्वाइन फ्लू महामारी बनकर फैला और इस बीमारी की वजह से दुनियाभर में तकरीबन 6 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। इस बीमारी का प्रकोप ऐसा है कि आज तक इस बीमारी पर पूरी तरह से नियंत्रण नहीं किया जा सका है।
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इबोला- 2014 में अफ्रीकी देशों में इबोला की वजह से 10 हजार से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी। भले ही इस बीमारी को महमारी घोषित नहीं किया गया लेकिन इस बीमारी के कारण लोगों में दहशत का माहौल बना रहा।
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