Monday, May 29, 2023
-->
this-14-years-girl-set-a-world-record-in-yoga

#International Yoga Day: ये है भारत की पहली ऐसी लड़की जिसने कम उम्र में बनाया योगा का वर्ल्ड रिकॉर्ड

  • Updated on 6/21/2019

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। 21 जून यानि की विश्व योग दिवस (International Yoga Day)। भारत में योगाभ्यास की परंपरा करीब 5000 साल पुरानी है। योग को शरीर और आत्मा के बीच सामंजस्य का अद्भुत विज्ञान माना जाता है। इस प्राचीन पद्धति के बारे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से हर साल 21 जून को इंटरनेशनल योगा डे या विश्व योग दिवस मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 2015 में हुई थी। इस दिन लोग अपने सब कामों को भूलकर योग की ओर अपना ध्यान केंद्रीत करते हैं।

योग एक ऐसा आसन है जिससे आप अपने शरीर को चुस्त और तंदुरुस्त रख सकते हैं। आमतौर पर लोग योगा अपनी सेहत बनाने के लिए करते हैं। इससे हमारे शरीर के साथ-साथ मानसिक विकास भी होता है। दुनियाभर में कई ऐसे लोग है जो योगा अपनी सेहत बनाने के लिए करते हैं। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनके लिए योग सिर्फ एक आसन नहीं बल्कि उनके जीवन का एक हिस्सा है। हर इंसान अपने स्वास्थ्य को बरकरार रखने के लिए योगाभ्यास करता है। लेकिन जिस लड़की के बारे में आज हम बात करने जा रहे हैं उसके लिए योग ही सब कुछ है।

#International Yoga Day: अनजाने भी हम कई बार कर जाते हैं योग, जानें इसके 5 फायदे

जी हां, हम बात कर रहे हैं मैसूर की रहने वाली एक ऐसी लड़की के बारे में जिसके लिए योग एक पूजा है। मैसूर (Mysore) की रहने वाली इस लड़की का नाम खुशी एच (Khushi H.) है। खुशी ने महज 14 साल की उम्र में योगा का वर्ल्ड रिकॉर्ड (World Record in Yoga) बनाया है। वैसे तो योगा में कई तरह के आसन होते हैं लेकिन इन सब में से सबसे कठीन आसन होता है नीरालांबा पूर्ण चक्रासन। इस आसन को बहुत कम ही लोग कर पाते हैं लेकिन 15 साल की उम्र में खुशी इस आसन को बढ़े ही आसानी से कर सकती हैं। यहां तक कि खुशी ने इस आसन में करीब 15 बार का रिकॉर्ड भी दर्ज किया है।

जीरो टोलरेंस नीति ने तोड़ी आतंकवाद की कमर, मुख्यधारा में लौट रहे कश्मीरी युवक

बता दें कि, खुशी एच (Khushi H.) को सांस लेने संबंधित बीमारी (Breathing Problem) थी लेकिन योगा करते-करते उसकी ये बीमारी भी ठीक हो गई। मैसूर शहर वैसे तो योग के लिए काफी प्रचलित है। मगर यहां की रहने वाली इस लड़की खुशी एच ने अपने कारनामों से मैसूर को और भी ज्यादा जाना-माना बना दिया है। यही नहीं बल्कि खुशी ने अपने शहर के साथ-साथ अपने देश का भी नाम रौशन किया है। आपको ये बात जानकर काफी हैरानी होगी की 14 साल की उम्र में ही खुशी ने अपने देश को कई ऐसे गोल्ड (Gold Medal) और सिल्वर मेडल (Silver Medal) दिला दिए हैं। इसके अलावा खुशी का एक सपना भी है जो वे पूरा करना चाहती हैं उन्होंने बताया कि, 'मैं एक योगा टीचर बनना चाहती हूं और कई ऐसे रिकॉर्ड बनाना चाहती हूं। साथ ही उन्होंने आईएएस अधिकारी बनने की भी अपनी इच्छा प्रकट की है।

comments

.
.
.
.
.