Sunday, May 28, 2023
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फ्रांस से तीन और राफेल विमान बिना रुके पहुंचे भारत, UAE में आसमान में भरा गया ईंधन

  • Updated on 4/1/2021

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। लड़ाकू विमान का राफेल (Rafel Jet) का एक और खेप फ्रांस (France) से भारत आया है। फांस से तीन और राफेल लड़ाकू विमान बुधवार को भारत पहुंच गए है। भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) से मिली जानकारी के अनुसार ये विमान फ्रांस के उतरे हवाई अड्डे से उड़े और बिना कहीं रुके सीधे भारत पहुंच गए। फ्रांस में भारतीय दूतावास ने ट्विट कर बताया कि रास्ते में संयुक्त अरब अमीरात के विमान ने इन लड़ाकू विमानों में आसमान में ही ईंधन भरा। इससे पहले पांच राफेल विमानों का पहला जत्था 29 जुलाई 2020 को भारत पहुंचा था। 

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भारत-फ्रांस के बीच 36 एयरक्राफ्ट खरीदने की डील
बता दें कि हाल ही में संसद में पेश की गई नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक रिपोर्ट के अनुसार राफेल जेट की खरीद को लेकर रक्षा मंत्रालय ने अपनी खरीद नीति में बदलाव किया था। ये बदलाव 2016 में किया गया था। इस बदलाव के बाद 2016 में भारत और फ्रांस के बीच 36 एयरक्राफ्ट खरीदने की डील हुई थी। इस डील और नीति में बदलाव के कारण  ऑफसैट पार्टनर घोषित करने की अनिवार्यता खत्म हो चुकी थी। संसद में पेश हुए रिपोर्ट में बताया गया है कि रक्षा खरीद नीति में ये बदलाव साल 2015 में किया गया था लेकिन इसे अप्रैल 2016 से यह लागू किया गया था। 

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सदन में पेश हुई कैग रिपोर्ट
रक्षा खरीद नीति में हुए इस बदलाव के अनुसार विदेशी वेंडर को कॉन्ट्रैक्ट साइन करते समय अपने ऑफसैट पार्टनर के बारे में बताना जरूरी नहीं है। लेकिन सदन में पेश हुई कैग रिपोर्ट में बताया गया है कि ऑफसैट दायित्वों को सितंबर 2019 से लागू होना था और राफेल डील की पहली वार्षिक प्रतिबद्धता इस महीने पूरी हो जानी चाहिए थी और इसका रक्षा मंत्रालय के पास विवरण होना चाहिए। 

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खराब प्रबंध व्यवस्था को लेकर नाराजगी
बता दें कि सरकार ने ऑफसेट को खत्म करने का फैसला तब लिया है जब कुछ समय पहले ही कैग ने ऑफसेट नीति के खराब प्रबंध व्यवस्था को लेकर नाराजगी प्रकट की थी। यहां ये भी बता दें कि खत्म की गई ऑफसेट नीति के तहत विदेशी रक्षा उत्पादन इकाइयों को 300 करोड़ रुपये से अधिक के सभी कॉन्ट्रेक्ट के लिए भारत में कुल कॉन्ट्रेक्ट प्राइस का कम से कम 30% खर्च करना होता है। जिसे कलपुर्जों की खरीद, प्रौद्योगिकियों के हस्तांतरण या अनुसंधान और विकास इकाइयों की स्थापना करके करना होता है।

इस बारे में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि डीएपी में भारत के घरेलू उद्योग के हितों की रक्षा करने तथा आयात प्रतिस्थापन तथा निर्यात के लिए विनिर्माण केंद्र स्थापित करने के लिहाज से विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) को बढ़ावा देने के प्रावधान भी शामिल हैं।

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