Saturday, Sep 30, 2023
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tmc urges modi government to increase free ration scheme after aap delhi govt rkdsnt

AAP के बाद TMC ने मोदी सरकार से मुफ्त राशन योजना बढ़ाने की गुजारिश की

  • Updated on 11/7/2021

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। दिल्ली में आम आदमी पार्टी सरकार की तर्ज पर तृणमूल कांग्रेस ने रविवार को केंद्र से ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना’ (पीएमजीकेएवाई) के तहत मुफ्त राशन देने की योजना अगले छह महीने के लिए बढ़ाने की अपील की। ऐसी खबरें हैं कि 30 नवंबर को यह कार्यक्रम बंद किया जा सकता है। कोविड-19 महामारी के फैलने पर लाखों लोगों के मुसीबतों से घिर जाने पर पिछले साल मार्च में यह योजना शुरू की गयी थी। 

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वरिष्ठ तृणमूल सासंद सौगत राय ने संवाददताओं से कहा कि वह इस योजना की अवधि बढ़ाने की मांग करते हुए प्रधानमंत्री को शीघ्र ही एक पत्र लिखेंगे। उन्होंने कहा ‘‘ यदि यह योजना बंद कर दी गयी तो अब भी इस महामारी के विनाशकारी प्रभावों से जूझ रहे इस देश के गरीब लोगों सबसे अधिक प्रभावित होंगे। ’’ 

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केंद्र ने शुक्रवार को कहा था कि अर्थव्यवस्था के पटरी पर लौटने और खुला बाजार बिक्री योजना के तहत खाद्यान्न की अच्छी बिक्री के मद्देनजर पीएमजीकेएवाई को जारी रखने का फिलहाल कोई प्रस्ताव नहीं है। राय ने कहा कि राज्य सरकार लोगों को मुफ्त राशन देती रहेगी। 

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उन्होंने कहा, ‘‘ तेल के बढ़ते दाम के बीच आर्थिक संकट से जूझ रहे लोगों को राज्य एवं केंद्र से मदद की दरकार होगी। यदि केंद्र सरकार यह योजना बंद कर देती है तो इससे उनकी दुश्वारियां बढ जाएंगी। ’’ उन्होंने केंद्र से अपनी योजना पर पुनर्विचार करने की उम्मीद करते हुए कहा, ‘‘मैं शीघ्र ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर उनसे योजना को अगले छह महीने के लिए बढ़ाने का अनुरोध करूंगा।’’ वह यहां एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। 

भारत में 33 लाख से अधिक बच्चे कुपोषित, : सरकारी आंकड़े
महिला और बाल विकास मंत्रालय ने सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत पूछे गये एक प्रश्न के उत्तर में बताया है कि देश में 33 लाख से ज्यादा बच्चे कुपोषित हैं और इनमें से आधे से अधिक अत्यंत कुपोषित की श्रेणी में आते हैं। कुपोषित बच्चों वाले राज्यों में महाराष्ट्र, बिहार और गुजरात शीर्ष पर हैं। महिला और बाल विकास मंत्रालय ने निर्धन से निर्धनतम लोगों में कोविड महामारी से स्वास्थ्य और पोषण संबंधी संकट और अधिक बढऩे संबंधी आशंका जताते हुए अनुमान व्यक्त किया कि 14 अक्टूबर, 2021 की स्थिति के अनुसार देश में 17,76,902 बच्चे अत्यंत कुपोषित तथा 15,46,420 बच्चे अल्प कुपोषित हैं। 

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मंत्रालय ने ‘पीटीआई’ की एक आरटीआई अर्जी के जवाब में कहा कि 34 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के आंकड़ों से कुल 33,23,322 बच्चों के आंकड़े आये। ये आंकड़े पिछले साल विकसित पोषण ऐप पर पंजीकृत किये गये ताकि पोषण के परिणामों पर निगरानी रखी जा सके। ये संख्या अपने आप में चिंताजनक हैं लेकिन पिछले साल नवंबर की तुलना में ये और अधिक चिंता पैदा करते हैं। नवंबर 2020 से 14 अक्टूबर, 2021 के बीच गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों की संख्या में 91 प्रतिशत की वृद्धि देखी गयी। 

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हालांकि इस संबंध में दो तरह के आंकड़े हैं जो आंकड़ों के संग्रह के विविध तरीकों पर आधारित हैं। पिछले साल अत्यंत कुपोषित बच्चों (छह महीने से लेकर छह साल तक) की संख्या 36 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा गिनी गयी और केंद्र को बताई गयी। ताजा आंकड़े पोषण ट्रैकर ऐप से लिये गये हैं जहां आंकड़े सीधे आंगनवाडिय़ों द्वारा दर्ज किये जाते हैं तथा केंद्र इन्हें प्राप्त करता है। 


 

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