Wednesday, Mar 29, 2023
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शरीर के लिए अच्छा नहीं है बढ़ा हुआ Cholesterol, इस तरह करें बैलेंस

  • Updated on 9/6/2018

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। शरीर में कोलेस्ट्रोल का होना एक सामान्य बात है। यह शरीर के लिए आवश्यक होता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल दिल की जानलेवा बीमारियों को बढ़ावा देता है।  कोलेस्ट्रॉल दो तरह का होता है, गुड कोलेस्ट्रॉल (एचडीएल) और बैड कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल)। आइए जानते हैं क्या होता है गुड़ और बैड कोलेस्ट्रोल और हमारे शरीर में इनकी क्या भूमिका होती है।

गुड कोलेस्ट्रॉल (एचडीएल)

खून में पाए जाने वाले कोलेस्ट्रोल का पच्चीस से तीस प्रतिशत हिस्सा गुड कोलेस्ट्रोल यानी हाई डेन्सिटी कोलेस्ट्रोल का होता है। इसमें प्रोटीन की अधिक मात्रा होती है। एचडीएल को गुड कोलेस्ट्रॉल इसलिए भी कहते हैं क्योंकि शरीर में इसकी अधिकता दिल के दौरे से बचाती है। डॉक्टरों का कहना है कि यह धमनियों से बैड कोलेस्ट्रोल को हटाने में मदद करता है जिससे वे ब्लॉक न हो पाएं।

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बैड कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल)

बैड कोलेस्ट्रोल या एलडीएल का शरीर में बढ़ना नुकसानदायक है। इसमें प्रोटीन की मात्रा कम और फैट अधिक होती है। जब इसकी खून में मात्रा बढ़ जाती है तो यह हृदय और मस्तिष्क की धमनियों को ब्लॉक कर देता है। ऐसे में दिल का दौरा, धमनियों में रुकावट या स्ट्रोक जैसी समस्याएं पैदा हो सकती हैं। ऐसी स्थिति में इसको नियंत्रित करना जरुरी होता है।

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ऐसे करें बेलेंस

कोलेस्ट्राल को नियंत्रित रखने में हमारी जीवनशैली और खानपान की अहम भूमिका होती है। एलडीएल सबसे ज्यादा हानिकारक होता है। वे लोग जो अपनी डाइट में सैचुरेटेड फैट और ट्रांस फैट का अधिक मात्रा में इस्‍तेमाल करते हैं, उनमें एलडीएल कोलेस्ट्राल बढ़ने का खतरा सबसे ज्यादा होता है। अगर आप एलडीएल कोलेस्ट्राल को रोकना चाहते हैं तो सबसे पहले सैचुरेटेड फैट, ट्रांस फैट और हाई कोलेस्ट्राल वाले भोजन को अपनी खुराक से हटा दें। तले-भुने भोजन, फास्ट फूड आदि में भी इस तरह के फैट ज्यादा मात्रा में पाये जाते हैं इसलिए इनका कम से कम सेवन करें। 

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एचडीएल को नियंत्रित करने के लिए सुस्त जीवन शैली और एक्सरसाइज न करने की आदतों को बदलें। एचडीएल का उचित स्तर बनाए रखने के लिए आपको नियमित व्‍यायाम करना चाहिए। मछली या मछली के तेल में ओमेगा-3 भरपूर होता है जो एचडीएल को बढ़ाता है। आप इसका भी सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा ताजी सब्जियों, फल, सोयाबीन आदि का सेवन भी लाभदायक होता है। इन बातों का ध्यान रख कर आप एलडीएल और एचडीएल को संतुलित कर सकते हैं।

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