नई दिल्ली/टीम डिजिटल। किसान आंदोलन से संबंधित टूलकिट मामले (Toolkit Case) में गिरफ्तार जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि (Disha Ravi) के समर्थन में अब ग्रेटा थनबर्ग उतरी हैं। उन्होंने दिशा के समर्थन में अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के महत्व के बारे में लिखा है। ग्रेटा ने लिखा है कि किसी भी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, शांतिपूर्ण विरोध ऐसे मानवाधिकार हैं जिन्हें किसी भी प्रकार से कम या समाप्त नहीं किया जा सकता। ये एक लोकतंत्र का मूल भाग होते हैं।
Freedom of speech and the right to peaceful protest and assembly are non-negotiable human rights. These must be a fundamental part of any democracy. #StandWithDishaRavi https://t.co/fhM4Cf1jf1 — Greta Thunberg (@GretaThunberg) February 19, 2021
Freedom of speech and the right to peaceful protest and assembly are non-negotiable human rights. These must be a fundamental part of any democracy. #StandWithDishaRavi https://t.co/fhM4Cf1jf1
इस ट्वीट में उन्होंने फ्राइडेज फॉर फ्यूचर इंडिया के ट्वीट को कोट किया था। इस ट्वीट में लिखा था कि फ्राइडेज फॉर फ्यूचर इंडिया भारत जलवायु न्याय के लिए वैश्विक आंदोलन का एक हिस्सा है। हम छात्रों के एक समूह से मिलकर बने हैं, जो केवल एक आशा की किरण के साथ, एक ऐसा भविष्य बनाने की दिशा में प्रयास करते हैं, जो जीवन जीने लायक है।
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दिशा रवि को तीन दिन की न्यायिक हिरासत बता दें कि दिल्ली की एक अदालत ने दिशा रवि को शुक्रवार को तीन दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।दिल्ली पुलिस ने पांच दिन की हिरासत अवधि समाप्त होने के बाद रवि को अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट आकाश जैन के समक्ष पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेजा गया। पुलिस ने कहा कि फिलहाल रवि की हिरासत की आवश्यकता नहीं है।
पुलिस ने दलील दी कि इस मामले में सह-आरोपी शांतनु मुकुल और निकिता जैकब के जांच में शामिल होने के बाद रवि से आगे की पूछताछ की जरूरत हो सकती है। पुलिस ने कहा कि हिरासत में पूछताछ के दौरान रवि टालमटोल भरा रवैया अपनाती रहीं और सह-आरोपियों पर दोष मढऩे का प्रयास किया।
FIR से जुड़ी जांच सामग्री में मीडिया में लीक होने से कोर्ट नाराज दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि टूलकिट मामले में जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी की जांच के बारे में मीडिया में आई कुछ खबरें ‘सनसनीखेज और पूर्वाग्रह से ग्रसित रिपोर्टिंग की ओर संकेत करती हैं। हालांकि अदालत ने सुनवाई के इस चरण में इस तरह की सामग्री को हटाने का निर्देश देने से इंकार कर दिया।
अदालत ने साथ ही मीडिया प्रतिष्ठानों से कहा कि लीक हुई जांच सामग्री प्रसारित नहीं की जाए। गौरतलब है कि किसानों के प्रदर्शनों के समर्थन में एक टूलकिट को साझा करने में कथित भूमिका के चलते दिशा रवि के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
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पुलिस ने कोर्ट में दी सफाई जस्टिस प्रतिभा एम सिंह ने कहा कि इस तरह की समाचार सामग्री तथा दिल्ली पुलिस के ट्वीट को हटाने से संबंधित अंतरिम याचिका पर विचार बाद में किया जाएगा। बहरहाल, उच्च न्यायालय ने मीडिया प्रतिष्ठानों से कहा कि लीक हुई जांच सामग्री को प्रसारित नहीं किया जाए क्योंकि इससे जांच प्रभावित हो सकती है। अदालत ने पुलिस को निर्देश दिया कि वह हलफनामा में दिए गए अपने इस रुख का पालन करे कि उसने जांच संबंधी कोई जानकारी प्रेस को लीक नहीं की और न ही उसका ऐसा कोई इरादा है।
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