नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के एक संयुक्त मंच ने अगले साल संसद के बजट सत्र के दौरान दो दिन की हड़ताल का आह्वान किया है। ट्रेड यूनियनों ने सरकारी कंपनियों में हिस्सेदारी के विनिवेश और मूल्यवृद्धि समेत कई अन्य मुद्दों को लेकर हड़ताल पर जाने की घोषणा की है।
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इस संबंध में जारी संयुक्त बयान के अनुसार सरकार के निजीकरण पर जोर देने से पैदा हो रही स्थिति और राष्ट्रीय मौद्रिकरण पाइपलाइन (एनएमपी) नीति पर विचार करने के लिए एक नवंबर, 2021 को मंच की बैठक में हड़ताल का निर्णय लिया गया। बयान में कहा गया कि इस नीति के खतरनाक प्रभावों से अवगत कराने के लिए बैठक में लोगों तक पहुंचने का निर्णय लिया गया।
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इसकी शुरुआत 11 नवंबर को दिल्ली में ट्रेड यूनियनों के राष्ट्रीय सम्मेलन के साथ की जाएगी और व्यापक हस्ताक्षर अभियान समेत राज्यस्तरीय सम्मेलन और प्रदर्शन भी किया जाएगा। बैठक में 26 नवंबर को ट्रेड यूनियनों की राष्ट्रीय आम हड़ताल की वर्षगांठ और किसान विरोध मार्च दिवस के रूप में मनाने का निर्णय भी लिया गया।
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