Friday, Mar 31, 2023
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कोशिश रहेगी जाम, शोर और प्रदूषण न मिलेे : ताज हसन

  • Updated on 6/14/2021

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। किसी भी शहर को सुंदर बनाने और उसे खूबसूरत दिखने में ट्रैफिक का अहम रोल होता है। अगर शहर की ट्रैफिक व्यवस्था अच्छी नहीं है तो शहर की दिखने वाली हर खूबसूरती बदरंग दिखती है। यहीं नहीं, अगर ट्रैफिक व्यवस्था सही नहीं हो तो सड़क हादसे सहित ध्वनि प्रदूषण, वायू प्रदूषण भी बढ़ता है, साथ ही जाम की समस्या भी बनी रहती है। इसी के चलते अनलॉक हुई दिल्ली के ट्रैफिक को नई दिशा में लाने की पहल की है, जिसके तहत कई योजनाएं और सख्त नियम भी बनाए गए हैं। दावा है कि महज 6 माह में राजधानी की ट्रैफिक व्यवस्था विदेश के कई शहरों की तर्ज पर दिखेगी, जहां हैवी ट्रैफिक होने के बाद भी किसी तरह का प्रदूषण और हादसे नहीं होते। आखिर क्या हैं कोशिशें और किस तरह की गई तैयारियां, इसी पर ट्रैफिक पुलिस के मुखिया स्पेशल सीपी ताजहसन से नवोदय टाइम्स के लिए संजीव यादव और शाहरुख खान ने बातचीत की।

एक बार फिर शहर अनलॉक हो गया है और अनलॉक के बीच स्पीड को लेकर नई ट्रैफिक एडवाइजरी जारी की गई है, आखिर क्या रणनीति है इसके पीछे। 
स्वभाविक सी बात है, जब राजधानी अनलॉक होगी तो एक बार फिर से ट्रैफिक का दबाव शहर पर बढ़ जाएगा और जहां ध्वनि/वायु प्रदूषण बढ़ेगा, वहीं जाम की समस्या दिखने लगती है। इन्हीं समस्याओं को दूर करने के लिए कोविड महामारी के दौरान हमारी टीम ने एक्सपर्ट और सरकार के अधिकारियों के साथ राजधानी की सड़कों का निरीक्षण किया, जिसके बाद ट्रैफिक पुलिस के अधिकारी और एक्सपर्टों ने सड़कों की स्थिति, रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर, ट्रैफिक सेनेरियो और जमीनी हकीकत का ब्यौरा दिया, जिस पर विस्तृत रिपोर्ट एक माह के दौरान तैयार की गई। इसी के बाद सरकार ने इसी रिपोर्ट पर ये नोटिफिकेशन जारी किया, जिसके तहत राजधानी की सड़कों पर स्पीड मानक तय किए गए। ये मानक पूरी तरह से साइंटिफिक हैं, अगर आप नियमित स्पीड पर हैं तो राजधानी में आपको न रेडलाइट का सामना करना पड़ेगा और न ही जाम का। क्योंकि हमने स्पीड के साथ-साथ रेड लाइट और चौराहों पर भी ट्रैफिक मूवमेंट को इसी तरह से कंट्रोल किया ताकि व्यक्ति अगर नियमित स्पीड पर गाड़ी को चलाए तो उसे जाम से न जूझना पड़े। 

ट्रैफिक पुलिस का प्लान है कि 6 माह में राजधानी की सड़कों पर ट्रैफिक एक नई तस्वीरों में दिखेगा और जाम से काफी हद तक निजात, कैसे। 
ये मुशिकल चुनौती है, लेकिन नामुमकिन नहीं। वैसे अगर आंकड़ों की तरफ गौर करें तो राजधानी की सड़कों का दायरा गत 5 सालों में केवल 7 फीसदी बढ़ा है, जबकि ट्रैफिक 21 फीसद, साफ है तीन गुना। ऐसे में मुश्किलें हैं। राजधानी में हर साल करीब 6 से 7 लाख गाड़ियां सड़कों पर आ जाती हैं। इस वजह से भी ट्रैफिक पर लगातार दबाव बढ़ रहा है। ऐसे में अब सड़कों के चौड़ीकरण मुख्य समस्या हैं, क्योंकि दिल्ली की करीब 66 फीसदी सड़कें अब चौड़ी नहीं की जा सकतीं। इसलिए इन्हीं सड़कों  पर वाहनों के दबाव को कम करना, उनकी स्पीड को नियत्रंण रखना और ट्रैफिक सिग्नल के दबाव के मुताबिक मूवमेंट करना ही हमारा प्लान है। इसी के तहत हमने एक साल लगातार इस पर सर्वे किया,जिसके बाद ही स्पीड सहित कई कठोर निर्णय लिए गए हैं। लिए गए निर्णय में लेन में गाड़ी को चलाना, स्पीड को नियंत्रित करना सहित कई अहम बातें हैं। जिन पर अगर लोगों ने अमल किया तो जल्द ही शहर ट्रैफिक के मामले में बेहद खूबसूरत देखने को मिलेगा।

क्या केवल हाईटेक कैमरों के जरिए दिल्ली में ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार होगा, इसके अलावा अवैध पार्किंग, ओवरलोड वाहनों की संख्या और कई कारण भी हैं। 
सही बात है, केवल कैमरे के डर से लोग स्पीड नियंत्रण करेंगे, लेकिन कई और चीजें भी हैं, जिन पर काम किया गया है। अभी स्पीड पर नोटिफिकेशन आया है, लेकिन इससे पूर्व में आप देखें तो लेन को लेकर और ध्वनि सहित प्रदूषण चालानों के स्तर पर काफी काम किया जा चुका है। ओवरलोडिंग और नो एंट्री वाहनों की समस्या 90 फीसदी खत्म हो चुकी है। बाकी बाहरी रिंग रोड और केएमपी, पेरिफेरल सहित कई और मार्ग बनने से कॉमर्शियल दबाव कम हुआ है, जिसका फायदा दिल्ली के सड़कों को ही मिला है। रही बात स्पीड कैमरों की तो दिल्ली की सड़कों पर अब तक 130 से ज्यादा ओवर स्पीड वॉएलेशन डिटेक्शन कैमरे लग चुके हैं और लगातार इनकी संख्या बढ़ाई जा रही है। हमारा उद्देश्य है कि इस दो माह के अंत तक पूरे शहर की मुख्य सड़कों को जल्द से जल्द कैमरे की जद में ले आया जाए। ये हाईटेक कैमरे ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों पर नजर रखने के साथ उनके मोबाइल पर चालान भी भेज रहे हैं। 

दिल्ली के ट्रैफिक को कैसे डिवाइड किया गया है और कैसे ट्रैफिक के दबाव को कम करने की कोशिश। 
जैसा मैं पहले ही कह चुका हूं, जगह सीमित है, दबाव लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में हमने नोटिफाई किया है दबाव वाली सड़कों को। यही नहीं, शहर में अमूमन हम देखें तो 22 तरह के वाहनों का ट्रैफिक दबाव है। जिनमें कॉमर्शियल और निजी वाहन हैं। हमने एक्सपर्टों के जरिए सबसे पहले ये चिन्हित किया कि वो कौन सी सड़कें हैं, जहां पर कॉमॢशयल दबाव ज्यादा है,वो कौन सी सड़कें हैं जहां निजी वाहनों का दबाव ज्यादा है। कहां मिक्स ट्रैफिक ज्यादा है, कहां सड़कों पर अवैध पार्किंग की समस्या। किन चौराहों पर दो पाहिया वाहनों का दबाव है। इसी पर स्टडी की गई है, जिसके बाद 3 हजार ट्रैफिक कर्मियों को ट्रेनिंग और दिशा निर्देशों के साथ एक बार फिर सड़कों पर उतारा गया है। यही नहीं, ग्रामीण सेवा, तिपहिया वाहन, फटफट सेवा, बैट्री रिक्शा और माल वाहक वाहनों के लिए अलग से गाइडलाइन जारी की गई है जो आपको जल्द सड़कों पर देखने को मिलेगी। इसके अलावा क्रेनों की संख्या बढ़ाई गई है, चालानों पर लगातार सख्ती और मॉनिटरिंग की जा रही है। हमारी कोशिश है,अगर लोग साथ देंगे तो जल्द ही बेहतर परिणाम सामने आएंगे। 

देखा गया है कि लोगों के चालान कटे हैं, ये संख्या काफी है, लेकिन अगर देखें तो 50 फीसदी से अधिक लोगों के चालान पेंडिंग है और वे इसे नहीं भर रहे, ऐसे में क्या प्लानिंग है। 
देखिए, चालान सिस्टम ऑटोमैटिक है जिसके तहत अगर चालान कटा तो स्वत: गाड़ी मालिक के पास ये पहुुंच जाएगा। हमने चालान भरने वालों को सहूलियत भी दी है, जिसके लिए ट्रैफिक पुलिस ने ऑनलाइन सिस्टम भी शुरू कर दिया है। इसके तहत जिन लोगों का चालान कटेगा, उनके मोबाइल पर ट्रैफिक कंट्रोल रूम से एक वेब लिंक भेजी जाएगी, जिस पर क्लिक करके लोग अपने डेबिट या क्रेडिट कार्ड के जरिए जुर्माने की राशि भरकर चालान की कॉपी का प्रिंटआउट निकाल सकेंगे। लोग अपने लैपटॉप या डेस्कटॉप के जरिए भी इस लिंक के माध्यम से ऑनलाइन तरीके से जुर्माने की रकम अदा कर सकेंगे। इस सिस्टम के शुरू होने से ट्रैफिक पुलिस इंश्योरेंस कंपनियों, गाडिय़ोंं के डीलरों, ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट और दूसरी एजेंसियों के माध्यम से भी अधिक से अधिक लोगों के मोबाइल नंबर, डीएल और आरसी की डिटेल्स कलेक्ट की जा रही हैं, ताकि लोगों को तुरंत चालान की जानकारी मिल सके। लेकिन अगर इसके बाद भी चालान भरने में लोगों की लापरवाही है तो आने वाले समय में बने नियम के तहत उन पर कोर्ट और सरकार मोटर व्हीकल एक्ट के तहत कड़ी कार्रवाई करेगी। 

चेक कर लें कहीं आपकी गाड़ी का चालान पेंडिंग तो नहीं हैं , इंश्योरेंस प्रीमियम से है वसूलने की तैयारी
ट्रैफिक चालान के जुर्माने की रकम न चुकाना अब और भारी पड़ सकता है। अगर आपका चालान कट गया है और आपने अभी तक नहीं चुकाया है, तो फटाफट भुगतान कर दें। कहीं ऐसा न हो कि आपको जुर्माने की रकम इंश्योरेंस से चुकानी पड़ जाए, साथ ही आपका ड्राइविंग लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन और वाहन का पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल यानी पीयूसी सर्टिफिकेट भी रद्द किया जा सकता है।

कट गया है गलत चालान तो नो टेंशन, घर बैठे कराएं कैंसल, जानें पूरा प्रोसेस
ओवर स्पीड, रेडलाइट जंप और स्टॉप लाइन से आगे गाड़ी रोकने जैसे ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन को रोकने के लिए दिल्ली में जगह-जगह कैमरे लगाए हैं लेकिन ऐसी शिकायतें भी मिल रही हैं कि कैमरे कई बार गाड़ी की नंबर प्लेट को ठीक से रीड नहीं कर पा रहे हैं। इस वजह से गलती करने वाले के बजाय किसी और व्यक्ति का चालान कट जाता है। यही नहीं अगर व्यक्ति को लगता है तो उसका चालान गलत काटा गया तो उसे माफ भी करवाया जा सकता है। इसके लिए हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराने के अलावा ई-मेल के जरिए भी अपनी शिकायत भेज सकते हैं।  ट्रैफिक पुलिस इस तरह की शिकायतों की जांच करके गलत कटे चालान को कैंसल कर रही है। इसके लिए आप अपनी शिकायत दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के ई-मेल info@delhitrafficpolice.nic.in पर भेज सकते हैं। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के कंट्रोल रूम के इन नंबर 11-2584-4444,1095 पर भी अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इसके अलावा लोगों की सहूलियत के लिए अब ट्रैफिक पुलिस सोशल मीडिया के जरिए एक फॉरमेट भी शेयर कर रही है, जिसमें यह बताया गया है कि गलत चालान कटने पर लोग किस तरह अपनी शिकायत भेज सकते हैं। 

स्पीड पर रखें नियंत्रण, नहीं तो भरना पड़ेगा जुर्माना, इन सड़कों पर रखे विशेष ध्यान
राजधानी में अब वाहन को तेज चलाया या फिर स्पीड पर नियत्रंण नहीं रखा तो आपको भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की जारी एडवाइजरी और नोटिफिकेश के तहत दिल्ली की सड़कों पर स्पीड लिमिट में कई बदलाव किए गए हैं, ताकि जाम सहित सड़क हादसों में कमी लाई जा सके। 

ये हुए  बड़े बदलाव, हादवे पर रखे 70 तो शहर के बीच 60 से न जाए ऊपर
नए नोटिफिकेशन मेंं कार की जो अधिकतम स्पीड लिमिट तय की गई है वह तकरीबन 60-70 किमी/घंटा है। दोपहिया वाहनों के लिए भी नियम में बदलाव किए गए हैं। इनकी अधिकतम स्पीड लिमिट को 50-60 किमी/घंटा तय की गई है। इधर पब्लिक ट्रांसपोर्ट जैसे बस, टेम्पो और तीन पहिया वाहनों के लिए 40 किमी प्रति घंटा तय की गई है।

दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के सराहनीय कार्य
कोविड महामारी के दौरान सड़कों से लोगों को ट्रैफिक पुलिस नदारद दिखी, ऐसा नहीं था। ट्रैफिक दवाब कम था, वाहन नहीं थे तो ट्रैफिक ने कई मानवता के कार्य किए। ऐसे कार्य तस्वीरों में कैद किए गए। इन दिनों सोशल मीडिया सेंट्रल दिल्ली के ट्रैफिक डीसीपी बिजेन्द्र यादव ने ऐसी की कुछ तस्वीरों को शेयर किया, जो  काफी वायरल हो रही है जिससे उनके इस कार्य की काफी सराहना हो रही है।

पैदल यात्रियों के लिए ये इलाके खतरनाक
बवाना, नरेला, मंगोलपुरी, बुराड़ी, नांगलोई, सिविल लाइंस, कल्याणपुरी, सरिता विहार, कालकाजी, द्वारका, अशोक विहार, वसंत विहार, दिल्ली कैंट, नजफगढ़, शाहदरा, सीमापुरी, द्वारका, सरिता विहार, कल्याणपुरी, लाजपत नगर, मायापुरी, दिल्ली कैंट, वसंत विहार, नजफगढ़, नांगलोई, बवाना, कापसहेड़ा, जहांगीरपुरी, बुराड़ी, कालकाजी और डिफेंस कॉलोनी आदि इलाके शामिल हैं।

लोग सुधरे और ये काम हो गए सफल तो बदल जाएगी राजधानी दिल्ली की सूरत
- कोशिश करें हॉर्न कम बजाएं :
 विदेशों में हॉर्न पर प्रतिबंध नहीं है लेकिन लोग हॉर्न नहीं बजाते। नतीजतन ट्रैफिक होने के बाद भी शहर में ध्वनि प्रदूषण नहीं होता। लोगों में डिप्रेेशन कम होता है और ट्रैफिक होने के बाद शोर न होने के कारण स्मूथ रहता है। इसी तर्ज पर दिल्ली में जहां ट्रैफिक पुलिस ने प्रेशर हॉर्न पर सख्ती की है वहीं अब वेवजह हार्न बजाने पर भी गाइडलाइन बनाई गई है। वेवजह हार्न बजाने पर अब आपका चालान हो सकता है, नतीजतन वे वेजह हॉर्न न बजाए। अपील भी है अगर लोग हार्न बजाना बंद कर दें तो आपको स्वत: ही ट्रैफिक व्यवस्था में नया बदलाव मिलेगा। ट्रैफिक को सुधारने के लिए दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस सहित सड़क परिवहन मंत्रालय ने एकजूट होकर कई नीतियां बनाई हैं, और कई नीतियों पर काम चल रहा है। दावा किया जा रहा है अगले 6 माह में राजधानी की सडक़ों पर विदेशों की तरह ट्रैफिक दिखे। दावा हैकि जाम दिखेगा कि चंद मिनटों में खत्म भी होगा,और जल्द ही सडक़ों पर वाहनों का शोर देखने को नहीं मिलेगा। इस प्लान में ट्रैफिक पुलिस ने लोगों से भी सहयोग और अपील की है कि आप देगें साथ तो दिल्ली को खुशहाल देखने का सपना हो जाएगा साकार।

- लेन में गाड़ी चलाने की करें पहल : विदेशों में गाड़ियों को रेडलाइट पर उचित दूरी पर खड़ा किया जाता है, ताकि ग्रीन सिग्नल होने पर गाडिय़ां तेजी से निकल सके। यही नहीं अगर गाड़ियां लेने में खड़ी होगीं तो ट्रैफिक लाइट ग्रीन होने पर 90 प्रतिशत वाहन स्मूथ चल पाएगें। इसी तर्ज पर उतरी टीम लोगों को आगाह करने के लिए विशेष ड्राइव चला रही है। यही नहीं अगर गाडिय़ां सड़कों पर लेन में चले 60 फीसदी सड़क हादसे भी कम हो जाएंगे। 

- अवैध और सड़क पार्किंग न करें : दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने शहर की 67 सड़कों को चिन्हित किया है, जिनमें सबसे ज्यादा सड़कों पर ही गाडिय़ों को पार्क किया जाता है। ऐसे सड़के अधिकांश वो है जो व्यस्त हैं और कमर्शियल हैं,जहां पर लोग सड़कों पर गाड़ी पार्क करते हैं। इसके लिए प्रत्येक ट्रैफिक सर्किल में टीमों का गठन किया गया है और सभी सर्किल में क्रेन भी मुहैया करवा दी गई है। 
रफ्तार पर मानकों का पालन करें

- रफ्तार पर मानकों का पालन करें : दिल्ली में सड़कों पर सभी ग्रामीण सेवा, तिपहिया वाहन, फटफट सेवा, बैट्री रिक्शा और माल वाहक वाहनों के लिए अधिकतम गति सीमा 40 किलोमीटर प्रति घंटा निर्धारित की गई है लेकिन आवासीय क्षेत्रों, बाजारों के अंदर की छोटी सडक़ों, सर्विस रोड व सर्विस लेन पर अधिकतम गति सीमा 30 किलोमीटर प्रति घंटा ही रहेगी।
सार्वजनिक वाहनों का करें इस्तेमाल

- सार्वजनिक वाहनों का करें इस्तेमाल : लगातार बढ़ रहे दबाव पर ट्रैफिक पुलिस की सलाह है, जैसे बैंकांक, दुबई, टोक्यों, फ्रांस, इटल के मिलान शहर में हैवी ट्रैफिक के चलते लोग निजी गाडिय़ों की जगह सार्वजानिक वाहनों का इस्तेमाल करतें हैं उसी तरह राजधानी को लोगों को सार्वजनिक प्रणाली का इस्तेमाल करना चाहिए। इससे वाहनों का दवाब कम होगा। बता दे कि राजधानी की सार्वजानिक प्रणाली देश की अन्य शहरों की प्रणाली में सबसे बेहतर है। जहां राजधानी में हर 2 मिनट औसतन में किसी भी जगह जाने के लिए बस है तो 2 ही मिनट के अंतराल पर मेट्रो सेवा भी उपलब्ध है। 

पांच बड़ी वजह : ट्रैफिक होगा स्मूथ, जाम और प्रदूषण से मिलेगी निजात

  • गाड़ी को गति सीमा में चलाएं तो आपको स्वत: ही अधिकांश ट्रैफिक सिग्नल ग्रीन मिलेंगे
  • गति सीमा के साथ लेन में और उचित दूरी पर रखें तो सिग्नल होने पर जल्द निकल सकेंगे आप
  • कोशिश करें कि हॉर्न न बजाएं, पेशेंस रखें अन्य देशों की तरह तो ध्वनि प्रदूषण होगा कम
  • लेन में गाड़ी रखने की सलाह जिससे एक समान दिखेगा शहर का ट्रैफिक 
  • प्रदूषण पर लगाम कसने के लिए हर जोन में 2 टीमों का गठन जो सख्ती से निगाह रखेंगी
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