Tuesday, May 30, 2023
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लॉकडाउन में फंसे मजदूरों को लाने के लिए ट्रेन भी होंगी इस्तेमाल, मोदी सरकार ने दी इजाजत

  • Updated on 5/1/2020

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। कोरोना लॉकडाउन में फंसे मजदूरों को लाने के लिए गैर भाजपा राज्यों से स्पेशल ट्रेन चलाने की मांग उठने के बाद केंद्र की मोदी सरकार झुक गई है। अब सरकार ने ट्रेन चलाने का फैसला कर लिया है। इससे पहले केंद्र के दिशा-निर्देशों में सिर्फ सड़क यातायात के इस्तेमाल की इजाजत दी गई है। इसके साथ ही केंद्र के दिशा-निर्देश 4 मई से लागू करने की बात गई गई थी। 

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लॉकडाउन (Lockdown) की वजह से अलग-अलग राज्‍यों में फंसे लोगों के लिए बेहद अच्‍छी खबर है। केंद्र की मोदी सरकार ने लॉकडाउन में विभिन्न राज्यों में फंसे लोगों के लिए स्‍पेशल ट्रेन चलाने की इजाजत दे दी है। इसका फैसला प्रधानमंत्री आवास पर हुई अहम बैठक में लिया गया। इस बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी के साथ गृह मंत्री अमित शाह, चीफ ऑफ डिफेंस स्‍टाफ जनरल बिपिन रावत, रेल मंत्री पीयूष गोयल, कैबिनेट सचिव राजीव गौबा और पीएम के प्रधान सचिव पीके मिश्रा शामिल थे।

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मोदी सरकार की हरी झंडी के बाद रेलवे मंत्रालय ने अपने सभी जोन्‍स को इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं। उनको निर्देश दिया गया है कि वे राज्‍यों की मांगों के आधार पर ट्रेनों का इंतजाम करें। सूत्रों के मुताबिक स्‍पेशल ट्रेनें एक या दो दिन में भी शुरू की जा सकती हैं। यूपी, मध्‍य प्रदेश और झारखंड ने महाराष्‍ट्र से अपने मजदूरों को लाने के लिए इजाजत दे दी है। बिहार इस मामले में पीछे चल रहा है। 
 

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खास बात यह है कि बिहार सरकार ने भी ट्रेन चलाने की मांग की थी। बिहार के सबसे ज्यादा मजदूर देश के विभिन्न भागों में फंसे हुए हैं। इसके साथ ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सरकार ने संसाधनों की कमी के चलते अपने हाथ खड़े भी कर दिए थे और रेलवे का सहारा उन्हें था। जिन राज्यों ने मजदूरों की वापसी के लिए खास ट्रेनें चलाने की मांग की थी उनमें केरल, महाराष्ट्र, पंजाब, तमिलनाडु, राजस्थान, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और तेलंगाना भी शामिल थे। 

लॉकडाउन में फंसे मजदूरों को लाने के लिए गैर भाजपा राज्यों से उठी स्पेशल ट्रेन चलाने की मांग

राज्य सरकारों की दलील थी कि दूर के राज्यों से बसों का सफर आसान नहीं है। गर्मी भी बढ़ती जा रही है। ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मजदूरों को जल्द लाना आसान नहीं होगा। यह काम रेल बेहतर तरीके से कर सकती है। केरल सरकार का कहना था कि केंद्र सरकार को मजदूरों की वापसी के लिए निरंतर खास ट्रेनें चलाने पर गौर करना चाहिए। मुख्यमंत्री पिनराई विजयन पहले भी इस तरह की मांग कर चुके हैं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी पिछले सप्ताह मोदी सरकार से ट्रेनें चलाने की मांग कर चुके थे। 

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बता दें कि मोदी सरकार ने रेलवे का निजीकरण किया है, लेकिन कोरोना वायरस की वजह से ये ट्रेन ही सबसे पहले बंद पड़ी है। निजी कंपनियों ने अपनी ओर से फिलहाल इस दिशा में कोई पहल नहीं की है। बल्कि सरकारी रेलवे कर्मचारियों ने जान पर खेलकर कोरोना संकट में सकारात्मक भूमिका निभाई है। लेकिन, केंद्र सरकार ने सरकारी रेल को भी लॉकडाउन कर दिया है। देखना होगा कि सरकार अब क्या रुख अपनाती है। 

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