नई दिल्ली/ टीमडिजिटल। पश्चिम बंगाल विधानसभा में सोमवार को उस वक्त अराजकता का माहौल पैदा हो गया, जब तृणमूल कांग्रेस और भाजपा विधायकों के बीच बीरभूम में हुई हत्या को लेकर सदन में तीखी नोकझोंक हुई और वे हाथापाई पर उतर आए। इसके बाद अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने नेता प्रतिपक्ष शुभेन्दु अधिकारी सहित पांच भाजपा विधायकों को निलंबित कर दिया।
बजट सत्र के अंतिम दिन टीएमसी और भाजपा के विधायकों ने बीरभूम हिंसा मामले को लेकर तीखी झड़प के बाद एक- दूसरे पर घूंसे बरसाए, जिसकी वजह से कुछ विधायकों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। सदन की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू होने के तुरंत बाद भाजपा विधायकों ने हंगामा करना शुरू कर दिया और वे अध्यक्ष के आसन तक पहुंच गए तथा बीरभूम ङ्क्षहसा की पृष्ठभूमि में राज्य की बिगड़ती कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बयान की मांग करने लगे।
अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने सदन में लगातार नारेबाजी कर रहे भाजपा विधायकों को शांत करने का प्रयास किया, लेकिन वे शांत नहीं हुए। सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों के बीच जुबानी जंग जारी रही, जिसने बाद में मारपीट का रूप अख्तियार कर लिया। अधिकारी ने उसके बाद सदन से बहिर्गमन किया तथा दावा किया कि टीएमसी के विधायकों ने भाजपा विधायकों के साथ मारपीट की।
अधिकारी ने कहा, ‘विधानसभा के भीतर भी विधायक सुरक्षित नहीं हैं। टीएमसी विधायकों द्वारा हमारे कम से कम आठ से 10 विधायकों के साथ सिर्फ इसलिए मारपीट की गई क्योंकि हमने कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर मुख्यमंत्री से बयान देने की मांग की थी। जिन विधायकों के साथ मारपीट की गई उनमें पार्टी के मुख्य सचेतक मनोज टिग्गा भी शामिल हैं।’
इस बीच, तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं राज्य के मंत्री फिरहाद हकीम ने दावा किया कि भाजपा, विधानसभा में अराजकता फैलाने के लिए नाटक कर रही है। उन्होंने कहा, ‘सदन में हमारे कुछ विधायक घायल हो गए हैं। हम भाजपा के इस कृत्य की ङ्क्षनदा करते हैं।’ इस झड़प में जो नेता घायल हुए हैं, उनमें टीएमसी के असित मजूमदार और भाजपा के मुख्य सचेतक मनोज टिग्गा भी शामिल हैं। दोनों को अस्पताल ले जाया गया।
मजूमदार ने दावा किया कि अधिकारी ने नाक पर प्रहार किया था, लेकिन भाजपा नेता ने इस आरोप का खंडन किया है। अधिकारी और भाजपा के अन्य विधायक - दीपक बर्मन, शंकर घोष, मनोज टिग्गा और नरहरि महतो को अध्यक्ष ने सदन के सत्रावसान होने तक पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया है। अध्यक्ष ने उसके बाद सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी। संसदीय कार्य मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा कि भाजपा नेताओं ने सदन के भीतर और बाहर व्यवधान पैदा करने का प्रयास किया।
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