Thursday, Sep 28, 2023
-->
trying-to-save-the-lost-art-of-awadh-manjari-mishra

अवध की खोई कला को बचाने का कर रही हूं प्रयास : मंजरी मिश्रा

  • Updated on 9/16/2021

नई दिल्ली। टीम डिजिटल। करीब 10 सालों से मैं अवध की खोई कला को बचाने के प्रयास में लगी हुई हूं। जब हम हर वस्तु एंटिक खोजते हैं तो ये क्यों भूल जाते हैं कि उसके लिए हमें भी कुछ प्रयास करना होगा। मेरे परिवार ने मुझे ये बात समझाई क्योंकि मैं तो लॉ की स्टूडेंट थी, ज्यूडिशिरी में जाना चाहती थी लेकिन मेरे मन में बसी कला ने मुझे अपनी ओर आखिर में खींच ही लिया। उक्त बातें हैंडीक्राफ्ट कलाकार मंजरी मिश्रा ने कहीं, बता दें की उनकी दो दिवसीय प्रदर्शनी शिल्पमंजरी का आयोजन बिकानेर हाऊस में किया गया था। 
17 सितंबर से होगी प्रधानमंत्री के उपहारों व स्मृति चिन्हों की ई-नीलामी

पोटली पर्स में मेगा प्रिशियस स्टोन का होता है इस्तेमाल
मंजरी मिश्रा ने बताया कि उनका परिवार सांस्कृतिक रूप से काफी समृद्ध रहा है। यही वजह रही कि उनका झुकाव कला की ओर बढा। मंजरी कहती हैं मेरे क्षेत्र अवध की जरदोजी कढाई को आगे बढाना अब जीवन का लक्ष्य बन गया है। जरदोजी की कढाई पहले सोने-चांदी के तारों से की जाती थी लेकिन अब कलाकार इसे सामान्य धागे से करते हैं और इसकी सुंदरता को बढाने के लिए मेगा प्रिशियस स्टोन का प्रयोग किया जाता है। हमने इसे पोटली वाले पर्स बनाकर जीवित रखने का प्रयास किया है।
दिल्ली देहात के मुद्दों को लेकर सीएम से की पालम 360 के प्रधान ने मुलाकात

साडी और जैकेट भी लगती है बेहतरीन
मंजरी मिश्रा ने बताया कि बनारस का कटवर्क जरदोजी के साथ खत्म होता जा रहा है। लेकिन आज भी हम इसे जिंदा रखे हुए हैं। कटवर्क की साडियां और जैकेट लोगों को काफी पसंद भी आ रहे हैं। 
 

Hindi News से जुड़े अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, ट्विटर पर फॉलो करें।हर पल अपडेट रहने के लिए NT APP डाउनलोड करें। ANDROID लिंक और iOS लिंक।
comments

.
.
.
.
.