नई दिल्ली/टीम डिजिटल। तुर्की में आए भूकंप और मची तबाही से हर कोई दहशत में है। संवेदनशीलता के अनुसार दिल्ली सिस्मिक जोन 4 में आता है। इसलिए यहां पर आशंकाएं बड़ी हैं। यदि तुर्की ती तरह रिक्टर पैमाने पर 7 या उससे अधिक तीव्रता वाला भूकंप दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में आया तो यहां भारी तबाही मच सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार गगनचुंबी इमारतें जो पूरी तरह से भूकंपरोधी नहीं हैं, वह ताश के पत्तों की तरह ढह जाएंगी।
भूकंप कहां और कब आएगा, इसका कुछ पता नहीं होता। हां, भूकंप आने पर किस तरह से बचा जा सकता है और अगर इमारतें गिरीं तो किस तरह से बचाव कार्य तेजी से किया जा सकता है, इस पर ध्यान दिया जाना जरूरी है। तुर्की, सीरिया जैसे भूकंप के तेज झटकों की कल्पना करके ही मन में डर बैठ जाता है। पिछले दिनों जब 5 की तीव्रता वाला भूकंप आया था, जिसका केंद्र नेपाल था, उससे ही लोग दहशत में आ गए थे। उस दौरान इमारतें डोलने लगी थीं।
भूकंप आने कहां कितना खतरा हो सकता है, इसको देखते हुए पांच जोन बनाए गए हैं। इनमें सबसे ज्यादा खतरनाक सिस्मिक जोन 5 है। इसके बाद सिस्मिक जोन 4 है। इसी जोन में दिल्ली है। राजधानी दिल्ली में कुछ क्षेत्र तो सिस्मिक जोन चार के खतरे से भी अधिक खतरे वाली स्थिति में हैं। पांच जोन बताते हैं कि कौन से राज्य या इलाकों में भूकंप का सबसे ज्यादा खतरा है।
पांचवें जोन को सबसे ज्यादा खतरनाक माना जाता है। इस जोन में नुकसान की आशंका सबसे ज्यादा होती है। साथ ही यहां पर तीव्रता भी ज्यादा हो सकती है। सिस्मिक जोन-4 में होने के कारण दिल्ली में भूकंप का खतरा हमेशा बना रहता है। यहां अक्सर भूकंप के झटक महसूस भी किए जाते हैं। यहां पर 6 से लेकर 8 तीव्रता तक वाला भूकंप आ सकता है।
अधिक तीव्रता वाला भूकंप आने पर सबसे ज्यादा नुकसान पुरानी और जर्जर पड़ चुकी इमारतों को होता है। विशेषज्ञों के अनुसार पुरानी इमारतों की जांच जरूरी है, क्योंकि पहले भूकंपरोधी निर्माण नहीं किया जाता था। पुरानी दिल्ली में इमारतों के जमींदोज होने का खतरा ज्यादा है। 6 से 6.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आया तो इनकी नींव दरक सकती है और ऊपर की मंजिले ढह सकती हैं। 7 से 7.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर यह इमारतें गिर सकती हैं।
एनसीआर के लिए भी खतरा है बड़ा
यदि रिक्टर पैमाने पर 7 की तीव्रता के साथ भूकंप आए तो एनसीआर में भारी तबाही मच सकती है। इन इलाकों में बनी बहुमंजिली मलबे के ढेर में बदल सकती हैं। सरकार की रिपोर्ट के अनुसार भी अगर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में 6 तीव्रता वाला भूकंप आया तो हालात काफी बुरे हो सकते हैं।
इमारतों की जांच काम धीरे
4600 इमारतों की गई हैं चिन्हित
750 इमारतों की जांच ही हुई पूरी
40 लाख इमारतों में अधिकतर कमजोर
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