नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। महाराष्ट्र (Maharashtra) के यवतमाल जिले (Yavatmal District) की एक अदालत ने एक कार्टून से संबंधित मानहानि के मामले में राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) को बरी कर दिया है। यह कार्टून 2016 में मराठा समुदाय (Maratha community) के सदस्यों द्वारा आयोजित विरोध मार्च से जुड़ा था और शिवसेना (Shivsena) के मुखपत्र ‘सामना’ में प्रकाशित हुआ था।
रैलियां पूरे राज्य में निकाली गई ठाकरे पिछले महीने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनने से ठीक पहले तक ‘सामना’ के संपादक थे। शिकायतकर्ता के वकील दत्ता सूर्यवंशी ने दावा किया था कि उन्होंने आरक्षण सहित मराठा समुदाय की विभिन्न मांगों के लिए ‘मुख मोर्चा’ (मौन रैली) में हिस्सा लिया था। ऐसी रैलियां पूरे राज्य में निकाली गई थीं।
मुखा मोर्चा उसी दिन ‘सामना’ में एक कार्टून छपा, जिसमें एक पुरुष एक महिला को चूम रहा था और इसका शीर्षक था - ‘मुखा मोर्चा।’ मराठी में ‘मुख्र’ का अर्थ है मौन और ‘मुखा’ का अर्थ है चुंबन। ऐसा लगा कि कार्टून में इसी समानता के आधार पर व्यंग्य किया गया। शिवसेना उस समय राज्य में भाजपा की अगुवाई वाली सरकार का हिस्सा थी। सूर्यवंशी ने कार्टूनिस्ट, कार्यकारी संपादक, पिंट्रर और प्रकाशक को भी वादी बनाया। यवतमाल जिले में पुसाड की अदालत ने बुधवार को सभी आरोपियों को बरी कर दिया।
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