नई दिल्ली/टीम डिजिटल। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को कहा कि शिवसेना, कांग्रेस और राकांपा मिलकर सरकार बनाने का रास्ता खोज लेंगे। उन्होंने कहा कि शिवसेना को भी कांग्रेस और राकांपा की तरह न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर स्पष्टीकरण की आवश्यकता है। एक संवाददाता सम्मलेन को संबोधित करते हुए ठाकरे ने कहा कि शिवसेना ने कांग्रेस और राकांपा से पहली बार 11 नवंबर को संपर्क किया था।
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उन्होंने कहा, 'कांग्रेस और राकांपा की तरह ही शिवसेना को भी न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर स्पष्टीकरण की आवश्यकता है। शिवसेना ने कांग्रेस और राकांपा से पहली बार सोमवार को संपर्क किया था। इससे भाजपा का यह आरोप गलत साबित होता है कि शिवसेना चुनाव परिणाम के बाद से ही कांग्रेस और राकांपा के संपर्क में थी।'
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सोमवार को शिवसेना राज्यपाल के सामने सरकार बनाने के लिए जरूरी राकांपा और कांग्रेस का समर्थन पत्र प्रस्तुत नहीं कर पायी थी। ठाकरे ने आरोप लगाया कि भाजपा को दी गयी समयसीमा समाप्त होने से पहले ही शिवसेना को सरकार बनाने का न्योता दिया गया। ठाकरे ने राज्यपाल पर तंज कसते हुए कहा, 'महाराष्ट्र के राज्यपाल ने भाजपा को दी गयी समयसीमा समाप्त होने से पहले ही हमें सरकार बनाने के लिए पत्र दिया। जब हमने राज्यपाल से और समय माँगा तो उन्होंने नहीं दिया। हमने राज्यपाल से 48 घंटे मांगे थे लेकिन अब लगता है कि उन्होंने हमें सरकार बनाने के लिए पर्याप्त छह महीने दे दिए हैं।’’
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हिंदुत्व के प्रति शिवसेना की प्रतिबद्धता दोहराते हुए उन्होंने कहा कि विभिन्न विचारधाराओं वाले दलों ने भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाई है। उद्धव ने कहा, 'मैंने इस विषय पर जानकारी मंगाई है कि भाजपा ने किस प्रकार अपनी विचारधारा के विपरीत चलने वाले महबूबा मुफ्ती, नीतीश कुमार, चंद्रबाबू नायडू और रामविलास पासवान के साथ गठबंधन किया। इससे मुझे कांग्रेस और राकांपा को साथ लेकर चलने में आसानी होगी।’’
भाजपा के साथ शिवसेना का गठबंधन टूटने के प्रश्न पर ठाकरे ने कहा, च्च्यदि गठबंधन टूटता है तो यह उनके कारण होगा मेरे कारण नहीं। उन्होंने झूठ बोला और मुझे झूठा साबित करने की कोशिश की।' उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का पद विधानसभा चुनाव के पहले ही तय हो गया था लेकिन भाजपा ने अपना वादा नहीं निभाया। ठाकरे ने कहा, च्च्आप राम मंदिर के समर्थन में हैं और वादे तोड़ते हैं तो यह सच्चा हिंदुत्व नहीं है।’’
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगने के बाद संभावित सरकार बनाने को लेकर फिर से सक्रिय हो गए हैं। इसके लिए उन्होंने होटल में अपने विधायकों से मुलाकात की और प्रेस कांफ्रेंस कर अपना रूख साफ किया। उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने उन्हें ज्यादा समय ना देकर ज्यादती की है।
ठाकरे ने कहा कि हम अब भी सरकार बना सकते हैं, लेकिन हमें और समय चाहिए। राज्यपाल ने हम बहुमत जुटाने के लिए पर्याप्त वक्त नहीं दिया। बहुमत साबित करने के लिए 24 घंटे का समय बेहद कम है। न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर हम सभी कांग्रेस-NCP से बातचीत करेंगे।
कल हमने आधिकारिक तौर पर एनसीपी-कांग्रेस से समर्थन के लिए बातचीत की थी। ठाकरे ने राज्यपाल पर तंज कसते हुए कहा कि हमने तो उनसे 48 घंटे मांगे थे, लेकिन उन्होंने तो 6 महीने का समय दे दिया है।
उन्होंने कहा कि मोदी कैबिनेट से इस्तीफा देने वाले अरविंद सावंत सच्चे शिव सैनिक हैं। शिवसेना प्रमुख ठाकरे ने कहा कि BJP ने अपना वादा नहीं निभाया है। इसलिए उससे नाता तोड़ा गया है।
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Uddhav Thackeray, Shiv Sena chief: Yesterday we formally requested Congress-NCP for their support to form the government. We needed 48 hours, but the Governor didn't give us time. #Maharashtra https://t.co/2XL0YRallL — ANI (@ANI) November 12, 2019
Uddhav Thackeray, Shiv Sena chief: Yesterday we formally requested Congress-NCP for their support to form the government. We needed 48 hours, but the Governor didn't give us time. #Maharashtra https://t.co/2XL0YRallL
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बता दें कि शिवसेना ने इससे पहले जरूरी समर्थन पत्र सौंपने के वास्ते 3 दिन का वक्त नहीं देने के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के फैसले के खिलाफ मंगलवार को उच्चतम न्यायालय का रुख किया।
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शिवसेना की ओर से पेश हो रहे वकीलों ने बताया कि उन्होंने इस मामले पर मंगलवार को ही अविलंब सुनवाई किए जाने के संबंध में रजिस्ट्रार से अनुरोध किया है। साथ ही बताया कि उन्हें फिलहाल इस पर कोई जवाब नहीं मिला है। शिवसेना ने अतिरिक्त समय न देने के राज्यपाल के निर्णय को असंवैधानिक, अनुचित और दुर्भावनापूर्ण करार दिया।
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गौरतलब है कि शिवसेना राज्य में कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के समर्थन से गठबंधन सरकार बनाने का प्रयास कर रही है लेकिन वह दोनों दलों से समर्थन पत्र प्राप्त करने में विफल रही है।
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