नई दिल्ली/टीम डिजिटल। उत्तर प्रदेश विधान परिषद की 12 सीटों के लिए नामांकन दाखिल करने वाले इतने ही प्रत्याशी बृहस्पतिवार को निॢवरोध निर्वाचित घोषित कर दिए गए। इनमें भाजपा के 10 और समाजवादी पार्टी (सपा) के दो उम्मीदवार शामिल हैं। रिर्टिनंग ऑफिसर बृज भूषण दुबे ने बताया कि नामांकन वापसी की अवधि गुजरने के साथ ही आज विधान परिषद चुनाव के सभी 12 उम्मीदवार विर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिए गए। उन सभी को प्रमाण पत्र दिये गए हैं।
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दरअसल मंगलवार को नामांकन पत्रों की जांच के दौरान निर्दलीय प्रत्याशी महेश चंद्र शर्मा का नामांकन निरस्त होने के बाद बाकी बचे 12 उम्मीदवारों का निर्विरोध निर्वाचन तय हो गया था। दुबे ने बताया कि शर्मा का नामांकन इसलिए निरस्त किया गया क्योंकि उनका कोई प्रस्तावक नहीं था। उन्होंने बताया कि साथ ही नामांकन के लिए जरूरी शुल्क जमा करने की रसीद भी संलग्न नहीं की गई थी।
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प्रदेश विधान परिषद की 12 सीटों के लिए नाम वापसी की आखिरी तारीख 21 जनवरी थी। जरूरत पड़ने पर 28 जनवरी को मतदान का कार्यक्रम था। निर्विरोध निर्वाचित घोषित किए गए भाजपा के उम्मीदवारों में उपमुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा, पूर्व आईएएस अधिकारी ए के शर्मा, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह तथा लक्ष्मण प्रसाद आचार्य, कुंवर मानवेंद्र सिंह, गोविंद नारायण शुक्ला, सलिल विश्नोई, अश्वनी त्यागी, धर्मवीर प्रजापति तथा सुरेंद्र चौधरी शामिल हैं। वहीं, सपा के अहमद हसन और राजेंद्र चौधरी भी निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं।
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आबादी की जांच की जा चुकी है। संक्रमण के नए मामलों में कमी आयी है। कल सिर्फ 228 नए मामले आए जबकि संक्रमण का दर 0.36 प्रतिशत है। इसलिए कम कह सकते हैं कि महामारी नियंत्रण में है।’’ यह पूछने पर कि क्या दिल्ली में संक्रमण शून्य पर पहुंचेगा, जैन ने कहा कि स्वाईन फ्लू पर नियंत्रण कर लिया गया है लेकिन अभी भी उसके मामले आते हैं, इसलिए महामारी चली जाएगी लेकिन यह कहना मुश्किल है कि नए मामले बिलकुल नहीं आएंगे।
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टीकाकरण के लिए कम संख्या में स्वास्थ्यर्किमयों के पहुंचने पर जैन ने कहा कि उन्हें प्रोत्साहित किया जा रहा है और अब वे आगे आ रहे हैं। जैन ने कहा, ‘‘हमने एक प्रावधान किया है, जिसे तहत स्वास्थ्यकर्मी को पंजीकृत केन्द्र पर टीकाकरण के अपने तय समय से पहले टीका लगवाने की सुविधा दी जाएगी। अगर किसी को 15 दिन बाद भी टीका लगना है तो उसका नाम डेटाबेस से लेकर समय से पहले टीका लगाया जा सकता है।’’
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प्रशासन से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, टीकाकरण के तीसरे दिन 19 जनवरी को दिल्ली में 4,900 से ज्यादा स्वास्थ्यर्किमयों ने टीका लगवाया। आंकड़े के अनुसार, मंगलवार को 10,125 लोगों को टीका लगाने का लक्ष्य रखा गया था लेकिन महज 48 प्रतिशत लोगों को ही टीका लगा।
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