नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। उत्तर प्रदेश के बिजली विभाग के कर्मचारियों ने अपनी तीन दिन की हड़ताल के दूसरे दिन शुक्रवार को दावा किया कि इसका राज्य के कुछ हिस्सों में बिजली आपूर्ति पर व्यापक असर हुआ है। उन्होंने टकराव दूर करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मामले में हस्तक्षेप की मांग भी की। वहीं, हड़ताल के लिए बिजली कर्मचारी संघों के कुछ "हठधर्मी" नेताओं को जिम्मेदार ठहराते हुए राज्य के बिजली मंत्री एके शर्मा ने शुक्रवार को आश्वासन दिया कि स्थिति नियंत्रण में है।
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विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने कहा, “ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबंधन अधिकारियों की हठधर्मिता के कारण हड़ताल हुई। हड़ताल का बिजली आपूर्ति पर व्यापक असर दिखाई दे रहा है। अनपरा, ओबरा और पारीछा में ताप बिजलीघरों की पांच इकाइयां ठप हो गई हैं।” दुबे ने आरोप लगाया, “ताप बिजलीघरों के प्रबंधन ने हड़ताल में हिस्सा नहीं ले रहे विद्युत कर्मियों को भले ही भूखा-प्यासा रखकर लगातार 16 घंटे तक काम लिया, लेकिन वह बिजली इकाइयों को चला नहीं पाया।” उन्होंने दावा किया, “अनपरा में 210 मेगावाट क्षमता की दो इकाइयां, ओबरा में 200 मेगावाट क्षमता की दो इकाइयां और पारीछा में 210 मेगावाट क्षमता की एक इकाई ठप हो गई है। इसका बिजली आपूर्ति पर व्यापक असर पड़ा है। बिजली कर्मियों के नहीं होने से प्रदेश के कई जिलों में वितरण प्रणाली चरमरा गई है।”
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बिजली मंत्री शर्मा ने शुक्रवार दोपहर संवाददाताओं से कहा, "मुझे लगता है कि बिजली संगठनों के कुछ गैर जिम्मेदार नेता हड़ताल के लिए जिम्मेदार हैं। हमने उन्हें सब कुछ समझाया था, कर्मचारियों के हित में कदम उठाए थे। फिर भी उन्होंने अपनी 'हठधर्मिता' के कारण हड़ताल शुरू कर दी और हम इससे निपटने के लिए हर संभव कदम उठा रहे हैं।" राज्य के कुछ हिस्सों में बिजली कर्मचारियों द्वारा फीडर और लाइनों को नुकसान पहुंचाने की कुछ घटनाओं पर मंत्री ने चेतावनी दी कि कानून हाथ में लेने और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले सभी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मंत्री ने कहा कि देवरिया जिले के जंगल में विद्युत लाइन में बाधा डालने की कोशिश की गयी, जो भी ऐसा काम कर रहा हैं उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस प्रशासन को भी एलर्ट किया गया है।
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यह दावा करते हुए कि कुछ कर्मचारी संघों ने सरकार को समर्थन दिया है, उन्होंने चेतावनी दी कि संविदा कर्मचारियों और आउटसोर्सिंग पर काम करने वालों को नौकरी से निकालने की कार्रवाई तुरंत शुरू की जाएगी। मंत्री ने कहा कि राज्य में बिजली व्यवस्था नियंत्रण में है। राज्य की जनता को आश्वासन देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘आपूर्ति और उत्पादन की दृष्टि से कहीं कोई समस्या नहीं है।'' बिजली कंपनियों में चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक के चयन और कुछ अन्य मुद्दों को लेकर उत्तर प्रदेश के विद्युत कर्मी बृहस्पतिवार रात 10 बजे से तीन दिन की हड़ताल पर हैं। उधर, बलिया से मिली खबर के अनुसार, जिले के कोतवाली क्षेत्र में बृहस्पतिवार रात बिजली कर्मचारियों की हड़ताल के दौरान शहर की बिजली आपूर्ति दुरुस्त करते समय एक निजी कर्मचारी हाईटेंशन तार की चपेट में आकर गंभीर रूप से झुलस गया। कर्मचारी को नाजुक स्थिति में स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से उसे वाराणसी रेफर कर दिया गया।
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