Tuesday, Mar 21, 2023
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चमोली आपदा: तपोवन टलन और रेणी से आज अब तक मिले 12 शव, मरने वालों का आंकड़ा हुआ 50

  • Updated on 2/14/2021

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। चमोली (Chamoli) में आपदा के बाद से लगातार राहत और बचाव कार्य जारी है। आज यानी रविवार को अब तक 12 शव बरामद कर लिए गए हैं, जिनमें से दो की शिनाख्त भी हो चुकी है। वहीं रेणी गांव से भी आज शव बरामद किए गए हैं। चमोली जिले में डिप्टी कमांडेंट एनडीआरएफ आदित्य प्रताप सिंह ने इस बात की जानकारी दी है। 

उत्तराखंड में एनटीपीसी की तपोवन विष्णुगढ़ जल विद्युत परियोजना की गाद से भरी सुरंग के अंदर फंसे लोगों के संभावित स्थान तक पहुंचाने के लिए एक सहायक सुरंग में सुराख किया गया। 

इस सुराग को बचाव टीमों ने शनिवार को और चौड़ा करना शुरू कर दिया, पिछले रविवार को अचानक आई बाढ़ के बाद वहां 30 से अधिक लोगों के फंसे होने की आशंका है। 

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130 मीटर तक हो चुकी है सुरंग की खुदाई
उत्तराखंड डीजीपी अशोक कुमार का कहना है कि सुरंग से आज सुबह मिले दो शवों बरामद किए गए है। रात भर की खुदाई में ज्यादातर मलबा निकला है। टीमें 130 मीटर तक पहुंच गई हैं और जल्द ही अगली सुरंग तक पहुंचने के लिए प्रक्रिया को तेज करने की कोशिश की जा रही है। उत्तराखंड सरकार ने जानकार दी है कि अब तक 50 शव बरामद किए जा चुके हैं।

तीन रणनीतियों पर हो रहा बचाव कार्य
परियोजना के महाप्रबंधक आरपी अहिरवाल ने कहा है कि हम सुरंग में फंसे हुए लोगों तक पहुंचने के लिए तीन रणनीति पर काम कर रहे हैं। कल किए गए सुराख को 1 फुट चौड़ा किया जा रहा है, ताकि बाद में भरी सुरंग के अंदर उस स्थान तक कैमरा और एक पाई पहुंच सके जहां लोगों के फंसे होने की आशंका है। उन्होंने कहा कि 1 फुट परिधि वाला सुराख एक कैमरा एवं पाई भेजने और फंसे हुए लोगों के स्थान का पता लगाने में मदद करेगा। सुरंग के अंदर जमा पानी को इस पाइप के जरिए बाहर निकाला जाएगा।

उन्होंने कहा कि दो अन्य रणनीति के तहत एनटीपीसी बैराज की गाद वाली बेसिन को साफ किया जा रहा है, जिसकी गाद लगातार सुरंग में जा रही है। साथ ही धौली गंगा की धारा को फिर से दायीं और मोड़ा जा रहा है, जो कि अचानक आई बाढ़ के चलते बायींम ओर मुड़ गई थी और जिससे गाद हटाने के कार्य में बाधा आ रही है।

अहिरवाल ने फंसे हुए लोगों की जान बचाने को प्राथमिकता बताते हुए कहा कि एनटीपीसी ने अपने 100 से अधिक वैज्ञानिकों को इस कार्य में लगाया है। यह पूछे जाने पर कि सुरंग के अंदर फंसे लोगों के संभावित स्थान तक बचाव कर्मियों को भी सुराग के जरिए भेजने की कोशिश की जा सकती है? महाप्रबंधक ने कहा कि इस सुराख को और अधिक चौड़ा करने की जरूरत होगी और जरूरत पड़ने पर ऐसा किया जाएगा।

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11 शवों की हो चुकी पहचान
उन्होंने कहा कि बचाव अभियान के लिए जरूरी सभी संसाधन और यांत्रिक उपकरण परियोजना स्थल पर उपलब्ध है। हालांकि उन्होंने सुरंग के अंदर की परिस्थितियों का जिक्र करते हुए कहा हम एक समय पर कुछ मशीनों के जरिए एक ही कार्य कर सकते हैं। इसको तैयार रखना होगा, क्योंकि हमारी रणनीति 24 घंटे अभियान जारी रखने की है। डीआईजी नीलेश आनंद भारने ने कहा कि मृतकों में 11 की पहचान की जा चुकी है। आपदा से प्रभावित इलाकों से शवों के 18 हिस्से भी बरामद किए गए हैं, जिनमें से 10 के डीएनए नमूने लेने के बाद उनकी अंत्येष्टि कर दी गई। 

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