नई दिल्ली/टीम डिजिटल। उत्तराखंड (Uttarakhand) के चमोली जिले में 7 फरवरी को ग्लेशियर के कारण आई आपदा में अब तक 36 लोगों के शव बरामद हुए हैं। ऐसे में राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत (Trivendra Singh Rawat) ने चमोली के आपदा-ग्रस्त रैंणी और तपोवन क्षेत्र की स्थिति सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा की। इस दौरान रावत ने हालात को लेकर कहा कि सावधान रहने की जरूरत है घबराने की नहीं।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा, 'झील (रैंणी गांव के पास) की जो अभी स्थिति है उससे सवाधान रहने की जरूरत है, घबराने की जरूरत नहीं। झील लगभग 400 मीटर लंबी है गहराई का अभी अनुमान नहीं है। आज भी वहां वैज्ञानिकों की टीम जा रही है, वो वहां का अध्ययन कर सरकार को रिपोर्ट देगी।'
We've information about a lake that has been formed near Raini village in Joshimath. Present situation suggests that we need to be cautious but nothing to worry. Scientists working on it. We're also planning to airdrop experts for review: Uttarakhand CM Trivendra Singh Rawat pic.twitter.com/N6tS7Zp0lk — ANI (@ANI) February 12, 2021
We've information about a lake that has been formed near Raini village in Joshimath. Present situation suggests that we need to be cautious but nothing to worry. Scientists working on it. We're also planning to airdrop experts for review: Uttarakhand CM Trivendra Singh Rawat pic.twitter.com/N6tS7Zp0lk
उत्तराखंड आपदा : धौलीगंगा में पानी बढ़ने से बचाव कार्य मे अस्थाई बाधा
अब तक 36 शव बरामद उत्तराखंड के धौलीगंगा नदी में गुरुवार को जलस्तर बढ़ जाने के बाद पिछले चार दिनों से तपोवन-विष्णुगाड परियोजना की सुरंग में फंसे 25-35 लोगों को बचाने के लिए चलाए जा रहे मैराथन अभियान को बीच में ही रोकना पड़ा जबकि एक और शव मिलने के साथ ही आपदाग्रस्त क्षेत्र से अब तक 36 शव बरामद हो चुके हैं और 169 अन्य लापता हैं। राज्य के चमोली जिले में रविवार को आई आपदा के बाद से लगातार सुरंग में फंसे लोगों को निकालने के लिए अभियान चला रही सेना, आइटीबीपी, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की संयुक्त टीम के बचाव कर्मियों को दोपहर बाद धौलीगंगा के जलस्तर में अचानक वृद्धि होने के कारण सुरंग से बाहर निकालना पड़ा।
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पानी बढ़ने से रुका बचाव आभियान पानी बढने के बाद क्षेत्र में अफरा-तफरी फैल गयी और बचावकर्मी लोगों को दूर हटने का इशारा करते नजर आए। धौलीगंगा के जलस्तर में वृद्धि की सूचना आते ही संयुक्त बचाव अभियान के अधिकारियों द्वारा किया जा रहा संवाददाता सम्मेलन भी बीच में ही रोकना पडा। सुरंग के अंदर कार्य कर रहे बचावर्किमयों और बुलडोजर तथा जेसीबी जैसी ड्रिलिंग में लगी भारी मशीनों को बाहर निकालना पड़ा और तत्काल ही क्षेत्र में अलर्ट जारी किया गया जिससे लोग सुरक्षित स्थानों पर भाग सकें। चमोली की जिलाधिकारी स्वाति भदौरिया ने कहा कि एहतियात के तौर पर बचाव कार्य फिलहाल रोक दिया गया है।
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तपोवन सुरंग में छठे दिन भी बचाव अभियान जारी उत्तराखंड के चमोली जिले में गाद और मलबे से भरी तपोवन सुरंग में फंसे 25 से अधिक लोगों की तलाश में बचाव दलों ने विपरीत परिस्थितियों में शुक्रवार को छठे दिन भी अपना अभियान जारी रखा। उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने देहरादून में कहा कि सुरंग में गाद और मलबे को साफ करने तथा छोटी सुरंग तक पहुंचने के लिए ड्रिलिंग का कार्य साथ-साथ चल रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि छोटी सुरंग में लोग फंसे हो सकते हैं। कुमार ने कहा, 'आपदा आए छह दिन हो चुके हैं लेकिन हमने अभी उम्मीद नहीं छोड़ी है और हम ज्यादा से ज्यादा जिंदगियां बचाने के लिए सभी मुमकिन प्रयास करेंगे।'
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