Friday, Dec 01, 2023
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उत्तराखंड की धामी सरकार ने दलित भोजनमाता को फिर किया बहाल, 31 के खिलाफ FIR 

  • Updated on 12/31/2021

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। उत्तराखंड के चंपावत के एक स्कूल में उस दलित महिला रसोइया को फिर से नियुक्त किया गया है, जिसे कुछ दिन पहले तब पद से हटा दिया गया था, जब अगड़ी जाति के कुछ छात्रों ने उसके द्वारा तैयार मध्याह्न भोजन करने से इनकार कर दिया था। पुलिस ने 31 व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है, जिनमें से छह को प्राथमिकी में नामजद किया गया है। इन व्यक्तियों के खिलाफ मामला धमकी देने और जातिवादी टिप्पणी करने के लिए दर्ज किया गया है।

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यह मुद्दा विवादों में घिर गया था और राज्य सरकार ने पहले इसकी जांच के आदेश दिए थे। उत्तराखंड अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति आयोग ने भी उसके लिए न्याय की मांग करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाने की धमकी दी थी। चंपावत के मुख्य शिक्षा अधिकारी आर सी पुरोहित ने बताया कि शुक्रवार को स्कूल की प्रबंधन समिति की बैठक हुई, जिसने महिला को दोबारा नियुक्त किया। 

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उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें (महिला को) फिर से नियुक्त करने का निर्णय एक सरकारी आदेश के आधार पर लिया गया, जिसमें कहा गया था कि अगर ऐसे मामलों में आम सहमति नहीं बनती है, तो अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति या अन्य पिछड़़ा वर्ग (ओबीसी) समुदायों के उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।’’     बैठक में स्कूल प्रबंधन समिति के 26 सदस्यों में से 21 सदस्य मौजूद थे, लेकिन उन सभी का विचार एक जैसा नहीं था। 

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चूंकि आम सहमति नहीं बन पायी, इसलिए सरकार के आदेश के आधार पर निर्णय लिया गया। सुनीता देवी को पद से हटाये जाने के बाद पुरोहित ने पहले कहा था कि उनकी नियुक्ति में ‘प्रक्रियागत खामियां’ थीं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मामले की जांच के आदेश दिए थे। 

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पुलिस ने सुनीता देवी की शिकायत के आधार पर 31 व्यक्तियों के खिलाफ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की धारा 506 के तहत मामला दर्ज किया है। चंपावत के पुलिस अधीक्षक देवेंद्र पिंचा ने कहा कि जिन व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, उनमें से छह की पहचान महेश चौराकोटी, दीपा जोशी, बबलू गहटोरी, सतीश चंद्र, नागेंद्र जोशी और शंकर दत्त के रूप में हुई है, जबकि 25 अन्य अज्ञात व्यक्ति हैं।

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