Thursday, Mar 30, 2023
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पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत के खिलाफ CBI जांच का निर्देश देने संबंधी हाई कोर्ट का आदेश निरस्त

  • Updated on 1/4/2023

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। उच्चतम न्यायालय ने उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने संबंधी उच्च न्यायालय का आदेश बुधवार को निरस्त कर दिया।

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उच्च न्यायालय ने 27 अक्टूबर, 2020 को पत्रकार उमेश शर्मा और शिव प्रसाद सेमवाल के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता के खिलाफ लगाए गए आरोपों की सीबीआई जांच का आदेश दिया था।

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शीर्ष अदालत ने कहा कि दोनों पत्रकारों ने अपने खिलाफ प्राथमिकी रद्द करने का अनुरोध करते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था और उन्होंने सोशल मीडिया में रावत के खिलाफ उनके द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच की मांग नहीं की थी। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि रावत के खिलाफ जांच या आपराधिक कार्यवाही शुरू करने का कोई अनुरोध नहीं किया गया था।

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न्यायमूर्ति एम. आर. शाह और न्यायमूर्ति सी. टी. रविकुमार की पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश बरकरार नहीं रखा जा सकता और नैसर्गिक न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ है। पीठ ने कहा, "अपीलकर्ता के खिलाफ आपराधिक जांच के निर्देश और इस दौरान (उच्च न्यायालय द्वारा) की गयी टिप्पणियों को निरस्त किया जाता है। यह विशेष रूप से उल्लेखित किया जाता है कि उपरोक्त आधारों पर ही आदेश रद्द किए जाते हैं।" रावत 2017 से 2021 के बीच उत्तराखंड के मुख्यमंत्री थे। 

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