नई दिल्ली/टीम डिजिटल। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के वीसी प्रो. एम जगदीश कुमार (M Jagadesh Kumar) ने रविवार को कैंपस में नाकाबपोशों द्वारा किए गए हमलो को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। इसके साथ ही छात्रों से एक नई शुरुआत करने को कहा। वीसी (JNU VC) ने कहा कि जेएनयू हिंसा (JNU Attack) में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। जगदीश कुमार ने मंगलवार को छात्रों से कहा कि वे बीती बातों को पीछे छोड़कर विश्वविद्यालय परिसर लौट आएं। कुमार इस बात को लेकर छात्रों और शिक्षकों के निशाने पर हैं कि उन्होंने तब पर्याप्त कदम नहीं उठाये जब उन पर (छात्रों-शिक्षकों पर) परिसर में नकाबपोशों द्वारा बेरहमी से हमला किया जा रहा था।
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5 जनवरी को हुई घटना दुर्भाग्यपूर्ण जगदीश कुमार ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "हमारा कैंपस किसी भी मुद्दे को हल करने के लिए और उसपर डिबेट और चर्चा के लिए जाना जाता है। हिंसा किसी भी चीज का समाधान नहीं है। हम विश्वविद्यालय में हालातों को फिर से सामान्य स्थिति सुनिश्चित करने के लिए पूरी कोशिश करेंगे।"
रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया फिर से शुरू रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में बाधित होने पर वीसी ने कहा, "पंजीकरण प्रक्रिया (Registration Process) फिर से शुरू कर दी गई है। छात्र अब शीतकालीन सत्र के लिए पंजीकरण कर सकते हैं। आइए हम एक नई शुरुआत करें और अतीत को पीछे छोड़ दें।"
JNU VC M Jagadesh Kumar: The registration process has been restarted. Students can register for the winter semester now. Let us make a new beginning and put the past behind. https://t.co/fRukfsGK8A — ANI (@ANI) January 7, 2020
JNU VC M Jagadesh Kumar: The registration process has been restarted. Students can register for the winter semester now. Let us make a new beginning and put the past behind. https://t.co/fRukfsGK8A
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छात्रों के लिए जेएनयू कैंपस सुरक्षित जेएनयू के वीसी कुमार ने एक बयान में कहा,"सभी घायल छात्रों के प्रति मेरी संवेदना है। घटना (हिंसा) दुर्भाग्यपूर्ण है। मैं छात्रों से कहना चाहूंगा कि जेएनयू परिसर एक सुरक्षित स्थान है।" उन्होंने कहा, "मैं सभी छात्रों से आग्रह करता हूं कि वे परिसर लौट आयें। आइए हम बीती सभी बातों को पीछे छोड़ दें।" वीसी ने आगे कहा, "मैं छात्रों को बताना चाहता हूं कि जेएनयू परिसर उनके लिए बिलकुल सुरक्षित है।" उन्होंने सभी छात्रों ने छात्रों से कहा कि वे बीती बातों को पीछे छोड़कर विश्वविद्यालय परिसर लौट आएं। इसके साथ ही कहा कि रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया का विरोध करने वाले कुछ छात्रों ने सर्वर रुम में तोड़फोड़ की। वहीं 14 दिसंबर को मुझ पर हमला भी किया
उल्लेखनीय है कि रविवार शाम को 35 से अधिक छात्रों और फैकल्टी सदस्यों पर तब हमला किया गया था जब एक भीड़ ने तोड़फोड़ करने के साथ ही छात्रों पर लाठी और लोहे की छड़ों से हमला किया था और वहां तोड़फोड़ की थी।
JNUSU अध्यक्ष समेत 19 पर FIR दर्ज वहीं जेएनयू हिंसा मामले में दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए जेएनयूएसयू (JNUSU) अध्यक्ष आइशी घोष और 19 अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज की है। ये एफआईआर 4 जनवरी को सुरक्षाकर्मियों पर हमला करने, सर्वर रूम को तबाह करने को लेकर की गई है। बता दें कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने 5 जनवरी को शिकायत दर्ज करवाई थी।
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4 जनवरी को रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया बहाल 4 जनवरी की सीआईएस के टेक्निकल स्टाफ ने पुन: पंजीकरण प्रक्रिया बहाल कर दी, जिसमें हजारों छात्रों ने नए छात्रावास नियमों के मुताबिक फीस भरकर पंजीकरण कराया। 4 जनवरी को दिन में 1 बजे करीब रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया का विरोध कर रहे छात्रों का समूह गलत इरादे से एक बार फिर एसआईएस में घुस आया।
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क्या है सर्वर रुम जेएनयू में विरोध कर रहे छात्रों ने परीक्षा का भी बहिष्कार किया। इसके बाद प्रशासन की ओर से दाखिला प्रक्रिया शुरु हुई, उससे भी छात्रों ने किनारा किया। विश्वविद्यालय में दाखिला प्रक्रिया ऑनलाइन की जाती है। ऑनलाइन दाखिला में सर्वर रुम की बड़ी भूमिका होती है। बताया जा रहा है कि शनिवार को जेएनयू छात्र संघ ने सर्वर रुम लॉक कर दिया। जिसके बाद रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया (Registration Process) में बाधा आयी और छात्रों ने आपस झगड़ा कर लिया।
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फीस वृद्धि से शुरु हुआ था मामला देशभर में हो रहे विरोध के बाद प्रशासन ने फीस में आंशिक घटाव किया। जिसके बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (ABVP) के छात्रों ने आंदोलन वापस ले लिया। लेकिन जेएनयू छात्रसंघ (JNU Student Union) बढ़ी हुई पूरी फीस वापस लेने की मांग पर अड़ा रहा। छात्रों की इस मुहिम को देश के अन्य विश्वविद्यालयों के साथ-साथ लेफ्ट समर्थकों का भी साथ मिलता रहा। उसके बाद जेएनयू प्रशासन ने शनिवार को बयान जारी कर कहा था कि जो बीपीएल (BPL) धारक होंगे, उनको आर्थिक रुप से मदद दी जाएगी। लेकिन फिर भी छात्रों का प्रदर्शन जारी रहा।
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