नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी दलों द्वारा प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ दिये महाभियोग के नोटिस में ठोस कारणों की कमी बताते हुए आज उसे खारिज कर दिया। सूत्रों ने यह जानकारी दी। उपराष्ट्रपति कार्यालय के सूत्रों ने भी इसकी पुष्टि की है।
नायडू ने इस संबंध में शीर्ष कानूनी और संवैधानिक विशेषज्ञों के साथ गहन विचार- विमर्श के बाद यह फैसला लिया है। सूत्रों का कहना है कि उपराष्ट्रपति नायडू ने मामले की गंभीरता को देखते हुए अपने यात्रा कार्यक्रमों में बदलाव किया और इस मामले में कई विशेषज्ञों के साथ सलाह- मश्विरा किया।
कांग्रेस सहित सात राजनीतिक दलों ने महाभियोग नोटिस दिया था। यह पहली बार है जब किसी वर्तमान प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग का नोटिस दिया गया था।इससे पहले चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग नोटिस को लेकर उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने कांग्रेस के साथ- साथ अन्य विपक्षी दलों पर बातचीत की प्रक्रिया शुरू की थी। इसी मुद्दे को लेकर रविवार को एम. वेंकैया नायडू ने अटॉर्नी जनरल के. के. वेणुगोपाल के अलावा संविधानविदों और कानूनी विशेषज्ञों के साथ विचार-विमर्श भी किया।
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इससे पहले, केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कांग्रेस पर निशाना साधा और प्रधान न्यायाधीश ( सीजेआई ) दीपक मिश्रा पर महाभियोग चलाने की मांग को लेकर राज्यसभा के सभापति के समक्ष नोटिस लाने को महामूर्खता बताया। यह पहली बार है जब वर्तमान सीजेआई के खिलाफ महाभियोग चलाने की मांग को लेकर नोटिस लाया गया है।
अल्पसंख्यक कार्य मंत्री नकवी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘ऐसा प्रस्ताव लाना कांग्रेस की महामूर्खता है। जैसा कि कहते हैं‘ विनाश काले विपरीत बुद्धि ’, उसी तरह यह कांग्रेस पार्टी की ‘ विनाश काले पप्पू बुद्धि ’ है। ’’ हालांकि नकवी ने पार्टी पर हमला बोलते वक्त कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का नाम तो नहीं लिया लेकिन ‘ पप्पू ’ शब्द का इस्तेमाल राहुल पर निशाना साधने के लिए किया जाता रहा है।
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कांग्रेस के नेतृत्व में सात विपक्षी दलों ने सीजेआई मिश्रा पर महाभियोग चलाने के लिए शुक्रवार को यह अभूतपूर्व कदम उठाया था। दलों ने सीजेआई पर आरोप लगाए थे।
जिन सांसदों ने नोटिस पर हस्ताक्षर किए थे, वे कांग्रेस , राकांपा , माकपा , भाकपा , सपा , बसपा और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग से हैं।विपक्षी दलों के नेताओं ने राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू से मुलाकात की थी और उन्हें वह नोटिस सौंपा था। नोटिस पर 64 सांसदों और सात पूर्व सांसदों के हस्ताक्षर हैं।
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