Saturday, Sep 30, 2023
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was told dead in the district hospital, found healthy in private investigation

जिला अस्पताल में गर्भस्थ को बताया मृत, निजी जांच में निकला स्वस्थ

  • Updated on 7/18/2022

नई दिल्ली,(टीम डिजिटल):दिल्ली से सटे नोएडा के सेक्टर 30 स्थित जिला अस्पताल में अल्ट्रासाउंड करने वाले डाक्टरों ने स्वस्थ गर्भस्थ को मृत बताकर रिपोर्ट जारी कर दी। लेकिन परिजनों को जिला अस्पताल की जांच रिपोर्ट पर भरोसा नहीं हुआ। इसके बाद परिजनों ने दो निजी डायग्नोस्टिक सेंटर पहुंचकर जांच कराई। जांच रिपोर्ट में गर्भस्थ को स्वस्थ बताया गया है। इससे नाराज परिजन निजी डायग्नोस्टिक सेंटर की जांच रिपोर्ट लेकर जिला अस्पताल पहुंचे। रिपोर्ट के आधार पर विरोध जताया, लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई। परिजनों के हंगामा करने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने शिकायत के आधार पर कार्रवाई का आश्वासन देकर घर भेज दिया। 

सेक्टर 45 सदरपुर निवासी राजन मिश्रा सेक्टर-18 में निजी कंपनी में नौकरी करते हैं। पत्नी सोनम कुमारी (27) को रविवार रात प्रसव पीड़ा होने पर जिला अस्पताल लेकर पहुंचे थे। डाक्टरों ने सोमवार सुबह 10:50 बजे अल्ट्रासाउंड जांच कराई। स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. प्रीति ने जांच रिपोर्ट को देखने के बाद गर्भस्थ को मृत बताया। साथ ही गर्भ की सफाई के लिए दवा खाने की सलाह दी, लेकिन पत्नी ने बताया कि पेट में हलचल हो रही है। अस्पताल की अल्ट्रासाउंड जांच रिपोर्ट पर भरोसा नहीं है, इसलिए मरीज को ले जाने के लिए कहा। इसपर डाक्टरों ने जबरन सादे कागज पर मरीज को अपनी मर्जी से ले जाने के बारे में लिखवाना चाहा, लेकिन परिजनों ने ऐसा करने से मना कर दिया। 

दो जगह जांच कराने पर गर्भस्थ को बताया स्वस्थ
इसके बाद सेक्टर-26 में शालू डायग्नोस्टिक सेंटर पहुंचकर 850 रुपए में अल्ट्रासाउंड की जांच कराई। यहां गर्भस्थ को स्वस्थ बताया गया। साथ ही 800 रुपये खर्च करके आरजी क्लीनिक में अल्ट्रासाउंड जांच कराई। यहां भी गर्भस्थ को स्वस्थ और सही बताया गया। निजी अल्ट्रासाउंड की जांच रिपोर्ट के आधार पर जिला अस्पताल पहुंचे। यहां इलाज करने वाली डाक्टर को इस संबंध में जानकारी दी। 

अस्पताल स्टॉफ ने की अभद्रता, सीएमएस ने शिकायत सुनने से किया इनकार 
आरोप है कि डाक्टर और स्वास्थ्यकर्मियों ने अभद्रता की। महिला डाक्टर ने कहा कि डाक्टर बनने के लिए दस साल का समय लगता है। हमें मत बताओ हमारा काम क्या है। डाक्टर और स्टाफ नर्स के रवैये से नाराज परिजनों ने करीब दो घंटे तक अस्पताल में हंगामा किया। परिजनों का कहना है कि अगर डाक्टर के कहने पर गर्भस्थ की सफाई के लिए जरूरी दवा गर्भवती को खिलाते तो जच्चा और बच्चा दोनों की जान को नुकसान हो सकता था। इसलिए मामले की जांच होनी चाहिए। मामले की शिकायत कार्यवाहक सीएमएस डा राजेंद्र कुमार से करनी चाही, लेकिन उन्होंने शिकायत सुनने से मना कर दिया। वहीं इस पूरे मामले में सीएमओ सुनील कुमार शर्मा का कहना है कि अगर ऐसा कैसा हुआ इस संबंध में अल्ट्रसाउंड करने वाले डाक्टरों और स्त्री रोग विशेषज्ञ से पूछताछ की जाएगी। परिजन मामले में शिकायत करेंगे, तो आवश्यक कार्रवाई होगी।
 

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