Monday, Sep 25, 2023
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water of triveni sangam will be used in ram temple land worship vhp gets responsibility prshnt

UP: राम मंदिर भूमि पूजन में इस्तेमाल होगा त्रिवेणी संगम का जल, VHP को मिली जिम्मेदारी

  • Updated on 7/22/2020

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के भूमि पूजन की तैयारियां जोरों पर है। 5 अगस्त को होने जा रहे रामलला के भव्य मंदिर निर्माण की भूमि पूजन में तीर्थराज प्रयागराज के त्रिवेणी संगम के जल का उपयोग किया जाएगा। त्रिवेणी संगम में गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती का जल है, जिसे लाने की जिम्मेदारी विश्व हिंदू परिषद को दी गई है। वीएचपी और प्रयागराज के लोग इस गौरव से काफी खुश है और खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।

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3 अगस्त को अयोध्या पहुंचेंगा संगम का जल
भूमि पूजन के लिए वीएचपी के दो पदाधिकारी संगम का जल लेकर 3 अगस्त को अयोध्या पहुंचेंगे, विश्व हिंदू परिषद में जल ले जाने वाले पदाधिकारियों का नाम अभी तय नहीं किया गया है। बताया जा रहा है कि विश्व हिंदू परिषद संगम का जल अयोध्या भेजने से पहले एक कार्यक्रम करने की तैयारी में जुटे हुए हैं। वहीं जानकारी के मुताबिक त्रिवेणी संगम के जल को रथ पर रखकर प्रयाग में घुमाने की भी बात सामने आ रही है।

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मंदिर से परिषद प्रयागराज और संगम तीनों का सीधा जुड़ाव
विश्व हिंदू परिषद के काशी प्रांत के गौ रक्षा विभाग के प्रमुख लालमणि तिवारी का कहना है कि लाल रामलला के प्रस्तावित मंदिर से परिषद प्रयागराज और संगम तीनों का सीधा जुड़ाव है उन्होंने कहा कि मंदिर निर्माण के लिए सबसे बड़ा आंदोलन बीएचपी नहीं लड़ा है चलाया है उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं बीएचपी के आंदोलन का केंद्र बिंदु हमेशा प्रयागराज ही रहा है।

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तीन चरणों में पूरा होगा पूजन का विधान
बता दें कि भूमि पूजन का विधान तीन चरणों में पूरा किया जाएगा। पूजन के प्रथम चरण में सूर्यादि नवग्रह का आह्वान किया जाएगा। वही दूसरे चरण में इंद्रादि प्रधान देवताओं एवं गंधर्वों का आह्वान की होगा जबकि तीसरे चरण में महागणपति पूजन के साथ भूमि पूजन किया जाएगा और इन तीनों चरणों के दौरान वैदिक ब्राह्मणों द्वारा चतुर्वेद पारायण निरंतर होता रहेगा। इस राम मंदिर भूमि पूजन के साक्षी काशी के तीन विद्वान होंगे।

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