नई दिल्ली/टीम डिजिटल। वर्ल्ड कप (ICC World Cup 2019) के पहले सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड (New Zealnd) ने भारत (India) को हरा दिया। इस हार के बाद टीम इंडिया का 8 साल बाद चैम्पियन बनने का सपना टूट गया। भारत को इस टूर्नामेंट में दूसरी बार हार का सामना करना पड़ा। टीम ने सेमीफाइनल को छोड़कर पिछले आठों मैचों में बेहतरीन प्रदर्शन किया था। टॉप-10 बल्लेबाजों में भारत के रोहित शर्मा (Rohit Sharma) और विराट कोहली (Virat Kohli) शामिल हैं। वहीं, जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah) और मोहम्मद शमी Mohammad Shami टॉप-10 गेंदबाजों में शामिल हैं। हम आपको यहां बता रहे हैं कि टीम इंडिया इस वर्ल्ड कप में कहां सफल रही और कहां नाकाम हो गई। टीम को इस टूर्नामेंट से क्या मिला और किस क्षेत्र में सुधार की जरूरत है।
कहां पास हुई टीम इंडिया पास :
1. बेहतरीन रही भारत की गेंदबाजी
भारत के पांच गेंदबाजों ने इस वर्ल्ड कप में 10 से ज्यादा विकेट लिए। तीन गेंदबाजों की इकोनॉमी रेट टॉप-10 में रहा। बुमराह ने 18 और शमी ने 14 विकेट अपने नाम किए। युजवेंद्र चहल ने 12, भुवनेश्वर कुमार ने 10 और हार्दिक पंड्या ने 10 विकेट लिए। पेस अटैक को बुमराह, शमी और भुवनेश्वर ने संभाला। उनकी मदद हार्दिक पंड्या ने की। वहीं, लेग स्पिनर चहल ने भी अपने प्रदर्शन से प्रभावित किया। आखिरी दो मैचों में जडेजा ने 3.70 की इकोनॉमी रेट से रन देकर दो विकेट लिए।
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2. जडेजा साबित हुए शानदार ऑलराउंडर
विश्व कप में जडेजा (Ravindra Jadeja) ने 2 मैच में 2 विकेट लेने के साथ-साथ 3 कैच भी लिए। उन्होंने सेमीफाइनल में 77 रन की पारी खेली। संजय मांजरेकर की आलोचना के बाद उनको ट्विटर पर जवाब भी दिया। उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ जिम्मेदारी के साथ अर्धशतक लगाया। टूर्नामेंट से पहले उनकी इमेज ऐसे स्पिनर की थी जो कभी-कभी बल्लेबाजी भी कर सकता है, लेकिन 77 रन की पारी के बाद उन्होंने खुद को ऑलराउंडर के तौर पर साबित किया है।
3. किफायती ओपनर साबित हुए राहुल
लोकेश राहुल (KL Rahul) ने इस वर्ल्ड कप में ओपनर के तौर पर 7 मैच खेले। इस दौरान 324 रन बनाए। उनका औसत 46.28 का रहा। एक शतक और दो अर्धशतक लगाए। वहीं, मध्यक्रम में दो बार बल्लेबाजी की। तब राहुल ने 2 मैच में सिर्फ 37 रन बनाए। उन्होंने शिखर धवन (Shikhar Dhawan) के बाद टीम को संभाला और खुद को ओपनर के तौर पर साबित भी किया। टूर्नामेंट के दौरान कई इंटरव्यू में उन्होंने कहा भी कि यह उनका सबसे पसंदीदा बल्लेबाजी क्रम है।
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4. इस विश्व कप मे मिले नए रोहित शर्मा
इस वर्ल्ड कप में अब तक सबसे ज्यादा 648 रन बनाने वाले रोहित शर्मा ने 5 शतक लगाए। टूर्नामेंट से पहले कई बार बल्लेबाजी में निरंतरता नहीं होने के कारण उनकी आलोचना हो चुकी थी। उन्होंने लगातार तीन मैच में शतक लगाए। 3 दोहरे शतक लगाने वाले रोहित ने बड़े शतक लगाने की जगह टिककर बल्लेबाजी की। उन्होंने 30 से ज्यादा ओवरों तक बल्लेबाजी की। निरंतरता आने के बाद उनकी बल्लेबाजी एक लेवल ऊपर हो गई।
कहां फेल हुई टीम इंडिया :
1. बनी रही नंबर चार की समस्या
पिछले वर्ल्ड कप के बाद भारतीय टीम ने चौथे क्रम पर अजिंक्य रहाणे, अंबाती रायडू, दिनेश कार्तिक, केदार जाधव, श्रेयस अय्यर, विजय शंकर को चौथे और पांचवें नंबर पर फिट करने की कोशिश की। रायडू तो पिछले चार साल में 26 मुकाबलों में खेले। उन्होंने 56.68 की औसत से 907 रन भी बनाए, लेकिन वर्ल्ड कप टीम में उन्हें शामिल नहीं किया गया। उनकी जगह विजय शंकर को इंग्लैंड ले जाया गया, लेकिन वे 3 मैच में 29 की औसत से 58 रन ही बना सके। बीच टूर्नामेंट में चोटिल होकर बाहर हो गए। उनकी जगह ऋषभ पंत को टीम में शामिल किया, लेकिन वे भी बड़ी पारी खेलने में नाकाम रहे।
2. ICC में चोकर्स साबित हो रही टीम इंडिया
2013 चैम्पियंस जीतने के बाद भारतीय टीम आईसीसी टूर्नामेंट में कोई खिताब नहीं जीत पाई। टीम इंडिया उसके बाद 2014 टी-20 वर्ल्ड कप, 2015 वर्ल्ड कप, 2016 टी-20 वर्ल्ड कप, 2017 चैम्पियंस ट्रॉफी और 2019 वर्ल्ड कप में चैम्पियन नहीं बन पाई। इस दौरान भारतीय टीम दो फाइनल और तीन सेमीफाइनल हार गई।
3. टॉप ऑर्डर पर निर्भर रही टीम इंडिया
टीम इंडिया इस वर्ल्ड कप में अपने टॉप ऑर्डर पर निर्भर रही। लीग मैचों के दौरान टीम इंडिया ने कुल 2295 रन बनाए। इनमें टॉप ऑर्डर ने 1626 यानी 71% रन बनाए। नतीजा यह रहा कि टीम 8 में से 7 मैच जीती। भारतीय ओपनर्स ने इस दौरान 7 शतक लगाए। रोहित शर्मा ने 5, राहुल और धवन ने एक-एक शतक लगाया। सेमीफाइनल में रोहित-राहुल और कोहली 1-1 रन ही बना सके। इसके बाद टीम इंडिया हार गई।
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4. भारत ने नहीं क्या धोनी का सही इस्तेमाल
इस वर्ल्ड कप में पूर्व क्रिकेटर्स ने धोनी (MS Dhoni) के सही क्रम को लेकर कई बार बातें कीं। उन्हें 5, 6 और 7 नंबर पर बल्लेबाजी मिली। सचिन, लक्ष्मण, पीटरसन, डीन जोंस और संगकारा जैसे पूर्व क्रिकेटर्स ने धोनी को चौथे नंबर पर खिलाने की बात की। पूर्व भारतीय कप्तान क्रीज पर टिकने के लिए के लिए समय लेते हैं। ऐसे में चौथा नंबर उनके लिए सही होता। सचिन ने सेमीफाइनल मुकाबले के बाद भी कहा कि उन्हें कार्तिक से पहले भेजना चाहिए था। अगर चौथे नंबर पर नहीं भेजा तो कम से कम पंत और हार्दिक के बीच उन्हें रखना चाहिए था। इससे धोनी का सही इस्तेमाल हो पाता।
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