Thursday, Mar 30, 2023
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इस तरह अपनी आंतो को रखे दुरुस्त वरना हो सकती है ये बड़ी परेशानी

  • Updated on 6/17/2018

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। डिप्रेशन और इसके लक्षणों के इलाज में आहार और पोषण एक महत्वपूर्ण कारक है। हाल के एक शोध में इसकी पुष्टि की गई है। मस्तिष्क 60 प्रतिशत वसा से बना हुआ होता है। नतीजतन, जिस प्रकार की वसा को आहार में शामिल किया जाता है, उससे व्यक्ति के मस्तिष्क का स्वास्थ्य भी प्रभावित होता है।

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शोध से इस तथ्य की पुष्टि हुई है कि मस्तिष्क का स्वास्थ्य ओमेगा 3 फैटी एसिड के सेवन से सुधरता है। ऐेसे में स्वास्थ्यप्रद भोजन के महत्व पर जागरूकता पैदा करने की आवश्यकता है। अवसाद या डिप्रेशन विश्व में लगभग 30 करोड़ लोगों को प्रभावित करता है। विशेषज्ञों के मुताबिक यह सिर्फ उदासी की स्थिति ही नहीं है। वहीं सही मायने में इसे मानसिक रोग भी नहींं कहा जा सकता है क्योंकि अवसाद दिमाग और शरीर दोनों को प्रभावित करता है। अवसाद आत्महत्या के सबसे आम कारणों में से एक है। 

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एचसीएफ आई के अध्यक्ष डॉ. के के अग्रवाल के मुताबिक शारीरिक स्वास्थ्य पर फ ल और सब्जियों के फायदे देखे जा सकते हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर के कई अध्ययनों में आहार के फ फायदों की पुष्टि की गई है। हालांकि, यह व्यापक रूप से ज्ञात नहीं है कि क्या इस तरह के आहार पैटर्न से व्यक्तिके मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य में भी लाभ होता है। गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट को दूसरे मस्तिष्क के रूप में देखा जाता है। रीढ़ की हड्डी की तुलना में आंत में 50 करोड़ से अधिक न्यूरॉन्स होते हैं। आंत एक बुद्धिमान संवेदनशील अंग है। यह मस्तिष्क को बहुत सारी जानकारियां वापस भेजता है।

आंत में रहने वाले विभिन्न बैक्टीरिया की 300 से 600 प्रजातियां प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने, मैटाबोलिज्म, पाचन व न्यूरोट्रांसमिशन में सहायता करने और कई फायदेमंद कार्यों का प्रदर्शन तथा मस्तिष्क को सिग्नलिंग जैसे काम में सहायक होते हैं। इन जीवाणु के प्रकार या संख्या में बदलाव होने पर शरीर में सूजन और इस प्रकार की कई अन्य बीमारियां हो सकती हैं।

इस तरह रखें आंत को दुरुस्त 

  • धीरे-धीरे खायें, कम खायें और भोजन का आनंद लें।
  • फल और सब्जियों से ही आधी प्लेट भर लें।
  • प्लेट में अधिक भोजन लेने से बचें, वो वजन बढऩे की वजह बन सकता है।
  • साबुत अनाज का सेवन अधिक से अधिक करें।
  •  ट्रांस फैट और अधिक चीनी वाला भोजन न लें।  
  •  स्वास्थ्यप्रद वसा चुनें। वसा मुक्त या कम वसा वाला दूध प्रयोग करें।
  •  खूब पानी पिए। चीनी वाले पेय से बचें।
  •  वे चीजें खाने से बचें जिनमें सोडियम अधिक होता है, जैसे स्नेक्स व प्रोसेस्ड फूड। 
  •  अपने गतिविधि के स्तर के हिसाब से अपना भोजन चुनें। 
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