नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। कांग्रेस ने मंगलवार को लोकसभा में पेश महिला आरक्षण से संबंधित विधेयक को ‘चुनावी जुमला' करार देते हुए कहा कि महिलाओं के साथ धोखा हुआ है क्योंकि विधेयक में कहा गया है कि ताजा जनगणना और परिसीमन के बाद यह 2029 से लागू होगा। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह दावा भी किया कि सरकार का यह कदम ‘ईवीएम (इवेंट मैनेजमेंट)' है।
In a season of election jumlas, this one is the biggest of them all! A huge betrayal of the hopes of crores of Indian women and girls. As we had pointed out earlier, Modi government has not yet conducted the 2021 Decadal Census making India the only country in G20 that has… — Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) September 19, 2023
In a season of election jumlas, this one is the biggest of them all! A huge betrayal of the hopes of crores of Indian women and girls. As we had pointed out earlier, Modi government has not yet conducted the 2021 Decadal Census making India the only country in G20 that has…
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार 2021 की जनगणना कराने में विफल रही है। सरकार ने संसद के निचले सदन, राज्य विधानसभाओं और दिल्ली विधानसभा में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण प्रदान करने से संबंधित ऐतिहासिक ‘नारीशक्ति वंदन विधेयक' को मंगलवार को लोकसभा में पेश किया।
"खोदा पहाड़ निकली चुहिया" - महिला आरक्षण बिल की क्रोनोलॉजी समझिए यह बिल आज पेश जरुर हुआ लेकिन हमारे देश की महिलाओं को इसका फायदा जल्द मिलते नहीं दिखता। ऐसा क्यों? क्योंकि यह बिल जनगणना के बाद ही लागू होगा। आपको बता दें, 2021 में ही जनगणना होनी थी, जोकि आज तक नहीं हो पाई।… — Srinivas BV (@srinivasiyc) September 19, 2023
"खोदा पहाड़ निकली चुहिया" - महिला आरक्षण बिल की क्रोनोलॉजी समझिए यह बिल आज पेश जरुर हुआ लेकिन हमारे देश की महिलाओं को इसका फायदा जल्द मिलते नहीं दिखता। ऐसा क्यों? क्योंकि यह बिल जनगणना के बाद ही लागू होगा। आपको बता दें, 2021 में ही जनगणना होनी थी, जोकि आज तक नहीं हो पाई।…
रमेश ने ‘एक्स' पर पोस्ट किया, ‘‘ चुनावी जुमलों के इस मौसम में यह सभी जुमलों में सबसे बड़ा है! करोड़ों भारतीय महिलाओं और युवतियों की उम्मीदों के साथ बहुत बड़ा धोखा है। जैसा कि हमने पहले बताया था, मोदी सरकार ने अभी तक 2021 की दशकीय जनगणना नहीं कराई है, जिससे भारत जी20 में एकमात्र देश बन गया है जो जनगणना कराने में विफल रहा है।''
मोदी जी ने अपने जुमलों से इस देश की महिलाओं को भी नहीं बख़्शा. महिला आरक्षण बिल में उनकी खोटी नियत साफ़ हो गई बिल के अनुसार महिला आरक्षण के पहले जनगणना और फिर डिलिमिटेशन होना अनिवार्य है - मतलब 2029 से पहले ये संभव ही नहीं है अगर आप वाक़ई में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करना… pic.twitter.com/O9uPrTcZPr — Supriya Shrinate (@SupriyaShrinate) September 19, 2023
मोदी जी ने अपने जुमलों से इस देश की महिलाओं को भी नहीं बख़्शा. महिला आरक्षण बिल में उनकी खोटी नियत साफ़ हो गई बिल के अनुसार महिला आरक्षण के पहले जनगणना और फिर डिलिमिटेशन होना अनिवार्य है - मतलब 2029 से पहले ये संभव ही नहीं है अगर आप वाक़ई में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करना… pic.twitter.com/O9uPrTcZPr
उन्होंने कहा, ‘‘अब इसमें कहा गया है कि महिला आरक्षण विधेयक के अधिनियम बनने के बाद पहली दशकीय जनगणना के पश्चात ही महिलाओं के लिए आरक्षण लागू होगा। रमेश ने सवाल किया कि यह जनगणना कब होगी?'' उनके मुताबिक, ‘‘विधेयक में यह भी कहा गया है कि आरक्षण अगली जनगणना के प्रकाशन और उसके बाद परिसीमन प्रक्रिया के बाद ही प्रभावी होगा। क्या 2024 चुनाव से पहले होगी जनगणना और परिसीमन?''
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, ‘‘मूल रूप से यह विधेयक अपने कार्यान्वयन की तारीख के बहुत अस्पष्ट वादे के साथ आज सुर्खियों में है। यह कुछ और नहीं बल्कि ईवीएम-इवेंट मैनेजमेंट है।
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