Thursday, Sep 21, 2023
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गैरों पर करम अपनों पर सितम: बाहरी एजेंसियों को सौंप दिए करोड़ों के काम

  • Updated on 10/11/2018

देहरादून/ब्यूरो। अपनी एजेंसियों को दरिकनार कर बाहरी एजेंसियों को निर्माण कार्यों की जिम्मेदारी सौंपे जाने का खेल त्रिवेन्द्र सरकार में भी जारी है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत लगभग 500 करोड़ के काम बाहर की तीन ऐसी एजेंसियों को सौंपे जा रहे हैं, जिन्हें सड़क निर्माण का अनुभव है ही नहीं। इन एजेंसियों में ब्रिडकुल, एनपीसीसी और वाप्कोश लिमिटेड शामिल हैं।

प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास मनीषा पंवार ने 10 अक्तूबर को उत्तराखंड रूलल रोड डेवलपमेंट एजेंसी (यूआरआरडीए) के मुख्य कार्य अधिकारी को एक पत्र जारी किया है। पत्र में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के कार्यों को धरातल पर उतारे जाने के लिए अतिरिक्त प्रोजेक्ट इम्पलीमेंट यूनिट (पीआईयू) की आवश्यकता है। इसके लिए ब्रिडकुल, एनपीसीसी, वाप्कोश लिमिटेड, सीपीडब्लूडी और एडीबी आपदा खंड (लोक निर्माण विभाग) से पीआईयू लिये जाएं।

ब्रिडकुल को गरूड़, बेरीनाग, बड़कोट एवं गैरसैण, एनपीसीसी लिमिटेड को भिकियासैंण, सल्ट, मुनस्यारी, चम्पावत, चकराता, दुगड्डा, थराली एवं अगस्तमुनि तथा वाप्कोश लिमिटेड को अल्मोड़ा, कपकोट, मोरी एवं घनसाली में करोड़ों के काम दे दिये गये। इनमें से ब्रिडकुल को कुल 195.43 किमी के 26 कार्य, एनपीसीसी को 366.44 किमी के 41 और वाप्कोश लिमिटेड को 186.38 किमी के 25 कार्य सौंपे गये हैं।

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राज्य की अपनी एजेंसियों की माली हालत खराब
राज्य सरकार के पास अपनी ऐसी एजेंसियां हैं जो सड़क निर्माण में दक्ष हैं। इसके बावजूद अधिकांश काम बाहरी एजेंसियों को सौंपे जा रहे हैं। स्थिति ऐसी है कि सिंचाई विभाग, पेयजल निगम समेत सरकार की कई एजेंसियों में कर्मचारियों को तनख्वाह के लाले पड़े हैं। सरकार यदि अपनी एजेंसियों को ही काम दे तो ये माला माल हो सकती हैं।

'जिन एजेंसियों को काम दिया गया है वो केन्द्र सरकार की एजेंसी हैैं और केन्द्र की सहमित से उन्हें काम सौंपे गये हैं। राज्य की एजेंसियों को काम देने के बाद जो अतिरिक्त काम है वे बाहरी एजेंसियों को सौंप गए हैं'।
मनीषा पंवार, प्रमुख सचिव, ग्रम्य विकास।

'अधिकारियों की मिलीभगत से करोड़ों रुपये के काम बाहरी अनुभवहीन संस्थाओं को दिए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री इस ओर आंखें मूंदे हैं। पूरे मामले की जांच होनी चाहिए। इस डील में करोड़ों के वारे न्यारे हुए हैं'।
प्रदीप भट्ट, प्रदेश प्रवक्ता, कांग्रेस। 

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