नई दिल्ली/टीम डिजिटल। यूक्रेन पर रूसी हमले की विश्व के नेताओं ने बृहस्पतिवार को निंदा की। उन्होंने इसे ‘एक अनुचित और बर्बर कृत्य’ करार दिया और रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाने का वादा करने समेत हमले के लिए ‘क्रेमलिन’ को जिम्मेदार ठहराने की बात कही। यूरोपीय आयोग (ईयू) की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने रूस की कार्रवाई को एक स्वतंत्र राष्ट्र पर ‘‘बर्बर हमला’’ कहा, जिसने ‘‘यूरोप में स्थिरता और संपूर्ण अंतरराष्ट्रीय शांति व्यवस्था’’ को भी निशाना बनाया है। ईयू ब्रसेल्स में एक आपात बैठक करेगा, जहां उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) भी एक बैठक कर रहा है। दरअसल, पोलैंड और रूस एवं यूक्रेन की सीमा से लगे बाल्टिक देशों ने तत्काल बैठक बुलाने की मांग की है।
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हालांकि, किसी ने भी सेना भेजने और यूक्रेन की रक्षा करने का वादा नहीं किया है क्योंकि इससे यूरोप में एक बड़ा युद्ध छिड़ सकता है। वहीं, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने चेतावनी दी है कि किसी तरह की दखलंदाजी का ‘ऐसा अंजाम होगा, जो इतिहास में कभी देखा नहीं गया होगा। ’’ यूरोपीय आयोग अध्यक्ष ने कहा, ‘‘यह राष्ट्रपति पुतिन हैं जो यूरोप पर युद्ध थोप रहे हैं। ’’ नाटो महासचिव जेंस स्तोल्तेनबर्ग ने कहा, ‘‘हमारे महाद्वीप में शांति बिखर गई है।’’ ईयू एवं नाटो सदस्य लिथुआनिया ने देश में आपातकाल घोषित कर दिया है। इस बाल्टिक देश की सीमाएं रूस के कालिनीनग्राद के अलावा बेलारूस और पोलैंड से लगी हुई हैं। अब तक चीन को छोड़ कर विश्व के ज्यादातर देशों ने रूसी हमले की ङ्क्षनदा की है। चीन ने संकट बढ़ाने के लिए अमेरिका और इसके सहयोगी देशों को जिम्मेदार ठहराया है। चीन ने पश्चिमी देशों के प्रतिबंध बढ़ाने से रूस पर पडऩे वाले प्रभाव को कम करने के कदम के तहत बृहस्पतिवार को रूस से गेहूं आयात करने को मंजूरी दी। रूस, गेहूं का एक सबसे बड़ा उत्पादक है, लेकिन विदेशी बाजार ने परिवहन को बाधित कर दिया तो उसका निर्यात जोखिम में पड़ जाएगा।
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यूरोपीय संघ के विदेश नीति मामलों के प्रमुख जोसेप बोरेल ने इन्हें अब तक के ‘कठोरतम और बेहद नुकसानदायक’ प्रतिबंध करार दिया। बोरेल ने कहा, ‘‘एक बड़ी परमाणु शक्ति पर एक पड़ोसी देश ने हमला किया है और उसे बचाने आ सकने वाले अन्य देशों को धमकी दी जा रही है। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह न केवल अंतरराष्ट्रीय कानून का सबसे बड़ा उल्लंघन है, यह मानव सह-अस्तित्व के बुनियादी सिद्धांतों का उल्लंघन है। कई लोगों की जान जा रही है। यूरोपीय संघ कड़ी से कड़ी जवाबी कार्रवाई करेगा।’’ लेयेन ने कहा हम मिलकर इसके लिए व्लादिमीर पुतिन को जिम्मेदार ठहरायेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘हम यूरोपीय नेताओं के समक्ष अनुमति के लिए बड़े और लक्षित प्रतिबंधों का पैकेज लेकर आएंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम प्रौद्योगिकी और बाजारों तक पहुंच को बाधित कर रूसी अर्थव्यवस्था के अहम रणनीतिक क्षेत्रों को निशाना बनाएंगे। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘यदि प्रतिबंधों को मंजूरी मिल गई तो ये रूसी अर्थव्यवस्था की बुनियाद कमजोर कर देंगे और आधुनिकीकरण की इसकी क्षमता घटा देंगे। ’’ यूरोपीय आयोग अध्यक्ष ने कहा, ‘‘इसके अलावा हम यूरोपीय संघ में रूसी संपत्ति जब्त कर लेंगे और यूरोपीय वित्तीय बाजारों तक रूसी बैंकों की पहुंच रोक देंगे।’’
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इस बीच, नाटो के सहयोगी देश यूक्रेन और रूस के नजदीक थल,जल और वायुसेना को ताकत देने के लिए बृहस्पतिवार को एक बैठक के लिए सहमत हुए। नाटो राजदूत ने एक बयान में कहा, ‘‘हमने सभी आकस्मिक स्थिति में जवाब देने के लिए अपने सैनिकों की तैयारी बढ़ा दी है। ’’ जापान, स्पेन, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया, इटली समेत अन्य देशों ने भी रूसी हमले की ङ्क्षनदा की है। जर्मनी और तुर्की ने यूक्रेन के नागरिकों को सतर्क करते हुए सुरक्षित स्थान पर रहने को कहा है। न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने यूक्रेन में सैनिक भेजने से रूस को रोकने के लिए असाधारण आपात बैठक बुलाई। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने शांति की अपील की है। जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्त्ज ने रूसी हमले को ‘‘रूस के लिए एक भयानक दिन और यूरोप के लिए एक स्याह दिना’’ करार दिया। चांसलर ने कहा कि यह हमला अंतरराष्ट्रीय कानूनों का सरासर उल्लंघन है। चेक गणराज्य के प्रधानमंत्री पीटर फियाला ने रूसी हमले की ङ्क्षनदा करते हुए कहा, ‘‘यह निॢववाद रूप से एक संप्रभु राष्ट्र के खिलाफ हमले की अनुचित कार्रवाई है।’’ स्लोवाकिया के प्रधानमंत्री एडुअर्ड हेगर ने इसे एक अनुचित और बर्बर कृत्य करार दिया।
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फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने कहा है कि ‘‘फ्रांस युद्ध छेडऩे के रूस के फैसले की कड़ी ङ्क्षनदा करता है’’ और यूक्रेन के लिए समर्थन का वादा करता है। मैक्रों ने कहा कि ‘‘रूस को अपने सैन्य अभियानों को तुरंत समाप्त करना चाहिए।’’ उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से फोन पर बात की। फ्रांस के राष्ट्रपति कार्यालय के एक बयान के अनुसार, मैक्रों से बातचीत में जेलेंस्की ने यूक्रेन के लिए यूरोप के एकजुट सहयोग की मांग की। मैक्रों ने कहा कि फ्रांस ‘‘युद्ध को समाप्त करने के लिए अपने भागीदारों और सहयोगियों के साथ काम कर रहा है।’’ वहीं, चीन ने रूस के खिलाफ प्रतिबंधों की आलोचना की है। चीन ने यूक्रेन में अपने नागरिकों को सलाह दी है कि वह घर में रहें और यदि लंबी दूरी की यात्रा करने की जरूरत पड़े तो अपने वाहनों में चीनी ध्वज लगाएं। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने कहा कि रूस के खिलाफ प्रतिबंध शुक्रवार तक कानून बन जायेंगे, लेकिन मार्च के अंत से पहले प्रभावी नहीं होंगे। मॉरिसन ने कहा, ‘‘हम यह सब इसलिए कर रहे हैं कि यूक्रेन पर बिना उकसावे के, गैर कानूनी, अवांछनीय और अनुचित हमले का परिणाम रूस को भुगतना पड़े। ’’
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जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने रूसी हमले की आलोचना करते हुए कहा कि उनका देश अमेरिका और अन्य सहयोगियों के साथ त्वरित प्रतिक्रिया व्यक्त करेगा। किशिदा ने कहा कि रूसी हमले ने अंतरराष्ट्रीय कानून के उस बुनियादी सिद्धांत को जोखिम में डाल दिया है जिसके तहत यथा स्थिति को बदलने के लिए सेना के एक पक्षीय इस्तेमाल की मनाही है। किशिदा ने कहा, ‘‘यूक्रेन में जापानी लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना अहम और चुनौतीपूर्ण है। हालात को पूरी तरह समझने के बाद हम मामले को उचित तरीके से हल करेंगे।’’ ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने बृहस्पतिवार तड़के यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से बात की और संकल्प जताया कि पश्चिमी देश चुप नहीं रहेंगे क्योंकि पुतिन ने यूक्रेन के लोगों के खिलाफ अभियान शुरू किया है। प्रधानमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता ने जॉनसन और जेलेंस्की की बातचीत के बारे में बताया, ‘‘प्रधानमंत्री जॉनसन ने कहा है कि पश्चिमी देश चुप नहीं रहेंगे क्योंकि राष्ट्रपति पुतिन ने यूक्रेनी लोगों के खिलाफ अपना अभियान शुरू किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि यूक्रेन प्रतिरोध कर सकता है तथा इस मुश्किल समय के दौरान ब्रिटेन के लोग यूक्रेन और उसके लोगों के साथ खड़े हैं।’’
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