नई दिल्ली/निशांत राघव। द्वारका सेक्टर-25 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को भारत मंडपम के बाद अब आधुनिक भारत की वास्तु और निर्माण कला को प्रदर्शित करने वाले यशोभूमि(भारत अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन और एक्सपो केंद्र-आईआईसीसी) का उद्घाटन किया। अपने आप में बेजोड़ आर्किटेक्ट एवं वास्तु कला का नमूने के तौर पर इसे निर्मित किया गया है।
न केवल इसके बाहरी निर्माण पर बल्कि भीतरी साज-सज्जा को भी भारतीय संस्कृति के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय मानकों पर ध्यान दिया गया है। मजेदार बात यह है कि बाहर भले ही मौसम गर्म अथवा सर्द जैसा भी हो, लेकिन भीतर सूर्य के प्रकाश के साथ-साथ अंदर के वातावरण को भी एक समान रखने में वास्तु व निर्माण कला बेहद कारगर साबित होगी। यहां एक वक्त में एक साथ 11 हजार लोगों की बैठक आयोजित हो सकती है।
यशोभूमि में दुनिया के सबसे बड़े प्रदर्शनी हॉलों में से एक बताया जाता है। करीब 1.07 लाख वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्रफल में बने इन 15 प्रदर्शनी हॉलों का उपयोग प्रदर्शनियों, व्यापार मेलों और व्यावसायिक कार्यक्रमों की मेजबानी के लिए किया जाएगा।
लगभग 73 हजार वर्ग मीटर में सम्मेलन हॉल तैयार किये गए हैं। प्रमुख प्रवेश स्थल को तांबे की छत के साथ विशिष्ट रूप से डिजाइन किया गया है जो विभिन्न स्काईलाइट के माध्यम से सूर्य के प्रकाश को भी जरूरत के अनुसार भीतर प्रवेश करने लायक रखेगा। इसमें मीडिया रूम, वीवीआईपी लाउंज, क्लोक सुविधाएं, आगंतुक सूचना केंद्र, टिकटिंग जैसे विभिन्न सहायता क्षेत्र होंगे।
इसके अलावा यशोभूमि में सभी सार्वजनिक परिसंचरण क्षेत्रों को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह सम्मेलन केंद्रों के बाहरी स्थान के साथ निरंतरता का बोध कराता है। यह टेराजो फर्श के रूप में भारतीय संस्कृति से प्रेरित सामग्रियों और वस्तुओं से बना है, जिसमें पीतल की जड़ाई रंगोली पैटर्न, सस्पेंडेड साउंड एव्जोरवेंट मेंटल सिलेंडर और रोशनी की पैटर्न वाली दीवारों को तैयार किया है।
यहां 100 प्रतिशत अपशिष्ट जल के पुन: उपयोग, वर्षा जल संचयन के प्रावधानों के साथ अत्याधुनिक अपशिष्ट जल उपचार प्रणाली को पूरी तरह से रखा गया है। इसके परिसर को सीआईआई के भारतीय ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल (आईजीबीसी) से प्लेटिनम प्रमाणन प्राप्त हुआ है।
क्या है यशोभूमि
दरअसल द्वारका में बना यह सम्मेलन व एक्सपो केंद्र अपने आप में निर्माण कला का बेजोड़ नमूना है। करीब 8.9 लाख वर्ग मीटर से अधिक का परियोजना क्षेत्र और लगभग 1.8 लाख वर्ग मीटर से अधिक के कुल निर्मित क्षेत्र के साथ, ''''यशोभूमिÓ दुनिया की सबसे बड़ी एमआईसीई (बैठकें, प्रोत्साहन, सम्मेलन और प्रदर्शनियां) सुविधाओं में अपना स्थान बनाएगी।
-इसे तैयार करने में लगभग 5400 करोड़ रुपये की लागत आई है।
- इसमें एक भव्य कंवेंशन सेंटर, कई प्रदर्शनी हॉल और अन्य सुविधाओं से सुसज्जित हॉल है।
-73 हजार वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र में बने कंवेंशन सेंटर में मुख्य सभागार, ग्रैंड बॉलरूम सहित 15
सम्मेलन कक्ष और 13 बैठक कक्ष शामिल हैं।
-इसमें कुल क्षमता 11,000 प्रतिनिधियों को एक साथ बैठने की है।
-कन्वेंशन सेंटर में देश का सबसे बड़ा एलईडी मीडिया अग्रभाग है।
-कन्वेंशन सेंटर का हॉल लगभग 6,000 मेहमानों की बैठने की क्षमता का है।
- ऑडिटोरियम में सबसे नवीन स्वचालित बैठने की प्रणालियों को शामिल किया है, जिसमें फर्श को एक सपाट फर्श या अलग-अलग बैठने की व्यवस्था के लिए ऑडिटोरियम शैली में बैठने में सक्षम बनाती है।
-सभागार में लकड़ी के फर्श और ध्वनिक दीवार (एकुस्टिक वॉल) पैनल अंतरराष्ट्रीय मानक के अनुरूप हैं।
-पंखुड़ीनुमा छत वाला ग्रैंड बॉलरूम लगभग 2,500 मेहमानों की मेजबानी कर सकता है।
- इसमें एक विस्तारित खुला क्षेत्र भी है जिसमें 500 लोग बैठ सकते हैं।
-आठ मंजिलों में 13 बैठक कक्षों में विभिन्न स्तरों की विभिन्न बैठकें आयोजित हो सकती हैं।
-करीब 3,000 से अधिक कारों के लिए भूमिगत कार पार्किंग सुविधा और 100 से अधिक इलेक्ट्रिक चार्जिंग पॉइंट बनाए गए हैं।
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