नई दिल्ली/टीम डिजिटल। विवादित इस्लामी उपदेशक जाकिर नाईक ने साफ कहा है कि वह तब तक भारत नहीं लौटेगा, जब तक उसे अपनी समुचित सुरक्षा का अहसास नहीं हो जाता। नायक भारत में विभिन्न मामलों में गिरफ्तारी से बचने के लिए विदेश में रह रहा है। आज ही खबरें आई हैं कि नायक को मलेशिया भारत निर्वासित कर सकता है।
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इसके बाद भारत सरकार और खुद जाकिर नाईक ने अपनी ओर से स्पष्टीकर जारी किए हैं। अपने पीआरओ ऑफिस से जारी बयान में नायक ने कहा, 'मेरे भारत आने की खबर पूरी तरह से झूठी और बेबुनियाद है। मेरी भारत आने की तब तक कोई प्लानिंग नहीं है, जबतक मुझे समुचित सुरक्षा का अहसास नहीं हो जाता।'
The news of my coming to India is totally baseless and false. I have no plans to come to India till I don't feel safe from unfair prosecution. Insha Allah when I feel that the government will be just and fair, I will surely return to my homeland: Zakir Naik statement (File pic) pic.twitter.com/mrM8ApGAnv— ANI (@ANI) July 4, 2018
The news of my coming to India is totally baseless and false. I have no plans to come to India till I don't feel safe from unfair prosecution. Insha Allah when I feel that the government will be just and fair, I will surely return to my homeland: Zakir Naik statement (File pic) pic.twitter.com/mrM8ApGAnv
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नाईक ने कहा कि जब उन्हें लगेगा कि सरकार न्यायोचित और निष्पक्ष है, तब वह खुद ही अपने वतन लौट आएंगे। नाईक के खिलाफ भारत में भड़काऊ भाषण देने और मनी लॉन्ड्रिंग समेत विभिन्न मामले चल रहे हैं। इस लिए वह गिरफ्तारी से बचने के लिए विदेश में रह रहा है।
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राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने विभिन्न धार्मिक समूहों के बीच बैर बढ़ाने के आरोप में 2016 में 51 वर्षीय नाईक के खिलाफ आतंकवाद रोधी कानून के तहत केस दर्ज किया था। एनआईए और मुंबई पुलिस ने नायक के फाउंडेशन के कुछ पदाधिकारियों के आवासीय परिसरों समेत मुंबई में 10 स्थानों पर तलाशी ली थी।
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निर्वासित किए जाने को लेकर मलेशिया से कोई संदेश नहीं मिला इस बीच, विदेश मंत्रालय ने आज कहा कि जाकिर नाईक को निर्वासित किए जाने के संबंध में उसे मलेशिया सरकार से कोई औपचारिक संदेश नहीं मिला है। सरकारी सूत्रों के मुताबिक विदेश मंत्रालय ने जनवरी में, मलेशिया से नाईक को निर्वासित करने के लिए आधिकारिक गुजारिश की थी। नायक पर अपने भड़काऊ भाषणों के जरिए युवाओं को आतंकी गतिविधियों के लिए उकसाने का आरोप है। इसी सिलसिले में भारतीय एजेंसियों को उसकी तलाश है।
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