Sunday, Jun 04, 2023
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enjoy this diwali without pollution

इस दीपावली प्राकृतिक चीजों को अपनाएं, खुशियां फैलाएं

  • Updated on 10/24/2019

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। दिवाली (diwali) का त्यौहार खुशियों का त्यौहार है।इस त्यौहार के आते ही चारों तरफ खुशियों का माहौल छा जाता है। दिवाली मनाने का सबका अपना एक अंदाज होता है। वैसे बात दिवाली की करें तो यह त्यौहार दीपों और प्रकाश का त्यौहार होता है जब हर तरफ प्रकाश ही प्रकाश होता है।

दिवाली को इन टिप्स के जरिए बनाएं Special

इस त्यौहार को दीपक और पटाखा खास बनाता है लेकिन इसके साथ एक और सच्चाई यह है कि पटाखा प्रदूषण को बढाने में एक जिम्मेदार कारक भी है। हम इस दिवाली को खास बना सकते है  लेकिन यह याद रखना होगा कि पटाखा का इस्तेमाल कम से कम करें।

स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है पटाखा

पटाखा हमारे स्वास्थ्य के साथ-साथ प्रदूषण के लिए हानिकारक है। पटाखा को जलाने से जो धुंआ निकलता है वह वातावरण में फैलकर लोगों में सांस की बीमारी को उत्पन्न करता है। पटाखा जलाने से उससे निकलने वाला आवाज कान के लिए भी नुकसानदायक होता है। थोड़ी भी असावधानी होने से पटाखा कई लोगों को एक साथ अपने लपेट में ले सकता है। पटाखा से जलने का डर बहुत अधिक होता है और यह आग लगाने में एक जिम्मेदार कारक है।

 



 

 

बिजली का बचाव यूं करें


यह खुशियों का त्यौहार है इसलिए इसे खुशी के साथ मनाना चाहिए। परिवार के साथ रहने पर त्यौहार ऐसे ही खास हो जाता है। इस दिन हर तरफ लाइट, बल्ब, और ढेरों झालर देखने को मिलता है। सब अपने घर में ज्यादा से ज्यादा प्रकाश करना चाहते हैं लेकिन इसका प्रयोग कम करके आप बिजली का बचाव कर सकते हैं।
 

 

रंगोली बनाने के लिए प्राकृतिक रंगों का करें इस्तेमाल

दिवाली के दिन लोग अपने घरों में रंगोली बनाते हैं। रंगोली को बनाते हुए इस बात का ध्यान रखें कि ज्यादा से ज्यादा प्राकृतिक चीजों का प्रयोग करें। आप नेचुरल तरीके से रंग बना सकते हैं और उस रंग को अपने रंगोली में इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे आपके घर की खूबसूरती में चार चांद लगेगा, आप रंगोली को बनाने के लिए फूलों का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। प्राकृतिक चीजों के इस्तेमाल से कोई खतरा नहीं होता है लेकिन आज-कल बाजार में जो रंग मिलते हैं उसके प्रयोग करने से हाथों में जलन और खुजली जैसी समस्या होने का खतरा होता है। 

 

इस सब को ध्यान में रखते हुए इस दिवाली हम खुशियों के साथ-साथ अपने स्वास्थ्य और पर्यावरण का भी खयाल रखेंगे।

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