Friday, Mar 24, 2023
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गर्भवती महिलाओं को होने वाली ये बीमारी डॉक्टरों को भी भ्रमित कर सकती है

  • Updated on 5/11/2016

Navodayatimesनई दिल्ली (अंकुर शुक्ला)। शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र जब शरीर के उत्तकों के प्रति ही बागी हो जाए तो इसका क्या इलाज हो सकता है? जाहिर है आप बुरी तरह स्वास्थ्य चुनौतियों का सामना करने को मजबूर हो जायेंगे। ऑटो इम्यून डिर्साडर की श्रेणी में लुपस भी एक ऐसे ही बीमारियों में शुमार है।

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जो प्रतिवर्ष देश के दस लाख लोगों को अपने चपेट में लेता है। खासतौर से गर्भवती महिलाओं के लिए यह बीमारी मुसीबत बनकर आता है, उसके कारण 20 से 30 प्रतिशत महिलाओं के लिए गर्भधारण करना परेशानी का सबब बन जाता है और गर्भपात की पीड़ा से गुजरना पड़ता है। 

एम्स के रिमेटोलॉजी विभाग की हेड डॉ. उमा कुमार ने बताया कि यह बीमारी गर्भवती महिलाओं के साथ लोगों की जोड़ों, त्वचा, गुर्दे, रक्त कोशिकाओं, मस्तिष्क आंख, फेफड़े, हृदय आदि को भी प्रभावित करता है। लुपस के तहत शरीर का अपना ही रक्षा तंत्र अपने उत्तकों पर आक्रमण करता है।

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उन्होंने बताया कि इस बीमारी का फिलहाल कोई प्रभावी इलाज नहीं है। मौजूदा चिकित्सकीय प्रक्रिया के तहत इसके लक्षणों को नियंत्रित कर, उसमें तेजी से कमी लाकर जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाना संभव है।

कुमार ने बताया कि यह बीमारी कई बार भ्रमित करने वाली साबित होता है। उचित जीवन शैली, आहार और नियमित चिकित्सकीय परामर्श सेे इस बीमारी को निंयत्रित कर लंबे समय तक प्रभावित शख्स जीवन जी सकता है।

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