Saturday, Dec 09, 2023
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what is the significance of kharna on the second day of chhath puja

क्या है छठ पूजा के दूसरे दिन खरना का महत्व, जानिए प्रसाद बनाने की वीधी

  • Updated on 11/18/2023

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। इस साल शुक्रवार 17 नवंबर से शुरू हो रहा है छठ का महापर्व। हिन्दू धर्म में छठ पर्व को अत्यंत शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस पर्व से जुड़े नियमों का पालन करने से माता छठी प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों की सभी मनोकामना पूर्ण करती हैं। संतान की लंबी उम्र, उसके अच्छे स्वास्थ्य और उज्जवल भविष्य की कामना के साथ 36 घंटों तक कठिन नियमों का पालन करते हुए रखा जाता है। छठ पर्व की शुरुआत नहाय खाय से होती है। उसके अगले दिन खराना होता है। तीसरे और चौथे दिन अर्ग देते है। आज हम आपको छठ पूजा के दूसरे दिन खरना के बारे में बताएगें।

खरना के दिन एक खास प्रकार का प्रसाद बनता है जिसे शाम को भोग में चढ़ाकर खाया जाता है। इस प्रसाद की खास बात ये है कि इसे लोग खास तरीके से खाते भी हैं। दरअसल, इस दिन रसियाव बनता है और इसे घी लगी रोटी और केले के साथ भोग में चढ़ाया जाता है।
 

रसियाव बनाने की वीधी
सबसे पहले चावल को भिगोकर रखें। फिर पानी में चावल डालकर अच्छी तरह से पकाएं। चावल को छूकर देखें कि पका या नहीं। जब चावल पक जाएं तो इसी पानी में गुड़ डालें। गुड़ को पूरी तरह से पिघलकर पकने दें। फिर इसमें ऊपर से दूध मिलाएं और खीर को पकने दें। ऊपर से ड्राई फ्रूट्स काटकर मिलाएं। जब दूध और खीर अच्छी तरह से पक जाए और मिला जुला लगने लगे तो गैस बंद कर दें। इस तरह से आप खरना के दिन रसियाव बना सकते हैं।
 

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