नई दिल्ली टीम डिजिटल। दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज को किसी तरह खाली करवा दिया गया है। 1 से 15 मार्च तक चली जमात में देश और विदेशों से आए 5 हजार से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया था। सुबह चार बजे तक ऑपरेशन चलाकर दिल्ली की बंगाल वाली मस्जिद को तो खाली करवा लिया गया है, मगर इससे पहले ही मरकज के खत्म होतेही 15 तारीख के बाद अपने-अपने घरों में लौट चुके हैं।
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11 राज्यों के लिए सिरदर्द बने मरकज से लौटे जमाती 11 राज्यों से आए इन जमातियों को तलाशना राज्य सरकारों के लिए बड़ा सिरदर्द बन चुका है। कोरोना के खिलाफ लड़ाई और लॉक आऊट को एक तरफ रखकर अब राज्य सरकारें अपने यहां मस्जिदों में इन जमातियों की तलाश में जुट गई हैं। गौरतलब है कि दिल्ली के मकरज से लौटे ये जमाती अब अपनी-अपनी मस्जिदों में जमात इकट्ठा कर रहे हैं।
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इस्लाम के खिलाफ साजिश है कोरोना के नाम पर लगाई गई रोक-टोक कोरोना के कारण लॉक आऊट होने या मस्जिद में इकट्ठा नहीं होने को इस्लाम के खिलाफ साजिश माना जा रहा है। खुद तबलीग के संचालक मौलाना शाद ये भाषण दे चुका है कि ये कोरोना की रोक टोक सिर्फ मस्जिदों के नमाजियों को दूर-दूर करने के लिए लगाई जा रही हैं। लिहाजा अपने-अपने इलाकों में जमातें लगाने वाले ये जमाती पुलिस प्रशासन के साथ-साथ खुद राज्य सरकारों के लिए भी सिरदर्द बन चुके हैं।
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बिहार बिहार में इन जमातियों की तलाश सरगर्मी से की जा रही है। मंगलवार की देर रात बिहार के मधुबनी में ऐसी ही मस्जिद में पूछताछ के लिए पहुंची पुलिस की पार्टी पर मस्जिद से पत्थरबाजी के बाद गोलीबारी भी की गई, जिससे पुलिस कर्मी किसी तरह जान बचाकर वापस भागे।
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आंध्र प्रदेश आंध्र प्रदेश में अभी तक जमात से लौटे 800 लोगों को चिन्हित किया जा चुका है। अधिकारी कार्यक्रम के आयोजकों से ही तबलीग में शामिल हुए लोगों के बारे में जानकारी मांगी जा रही है। गौरतलब है कि मरकज के आयोजक अधिकारियों को सहयोग करने की जगह उन्हें भटकाने में लगे हैं। मरकज के आयोजकों ने कहा था कि मस्जिद में सिर्फ एक हजार लोग और बचे हैं, मगर अंदर से लगभग ढाई हजार नमाजी बरामद किए गए थे। राज्य के मुख्यमंत्री ने बताया कि इन लोगों के बारे में इसलिए रेलवे, पुलिस अधिकारियों से सूचनाएं जुटाई जा रही हैं।
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जम्मू कश्मीर जमात से आए लोगों की ट्रेवल हिस्ट्री के आधार पर जम्मू कश्मीर में स्थानीय प्रशासन ने कम से कम 20 गांवों को आईसोलेट कर दिया है। अधिकारियों ने बताया कि हांजी जिले के दो, गंदेरबल का एक, सोपियां के दो, पुलवामा के सात, श्रीनगर के पांच और बडगांव के दो गांवों को रेड जोन घोषित कर दिया गया है। हांजी में पिछले हफ्ते 65 साल के मौलवी की मौत के संपर्क में आए लोगों की जांच की गई तो सात लोग कोरोना के लिए पॉजिटिव पाए गए हैं। इस मौलवी ने 8 और 9 मार्च को इस मरकज में हिस्सा लिया था। यहां से 10 मार्च को वो यूपी के देवबंद चला गया था। यहां से 12 मार्च को जम्मू के सांबा और 16 मार्च को वो श्रीनगर पहुंचा। श्रीनगर के जिस हिस्से में मौलवी आया था उसे सील कर दिया गया है। 200 लोगों को प्रशासनिक क्वारंटाईन और 600 लोगों को घरों में ही क्वारंटाईन कर दिया गया है।
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उत्तराखंड उत्तराखंड की सरकार ने बताया कि 34 लोगों ने इस जमात में शिरकर की थी। इनमें से अभी तक 15 को ढूंढ कर उन्हें क्वारंटाईन किया जा चुका है।
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झारखंड यहां के 22 लोगों ने तबलीगी मरकज में शिरकत की थी जिनमें से 17 विदेशी और 5 भारतीय हैं। इन लोगों को पांच मस्जिदों से बरामद किया जा चुका है। रांची के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने अविनाश गुप्ता ने बताया कि सभी 22 को अधिकारियों की निगरानी में आईसोलेट किया जा चुका है। इनकी मेडिकल जांच की जा रही है।
उत्तर प्रदेश सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने दावा किया कि इस जमात में सूबे से 157 लोगों ने हिस्सा लिया था और वापस आकर अपने-अपने गांवों में चले गए। इनमें से 95 फीसदी लोगों की पहचान की जा चुकी है। मंगलवार को पूरे मामले की समीक्षा करने के बाद उन्होंने बताया कि सूबे के 19 जिलों के लोगों ने इसमें शिरकत की थी। इनमें से मेरठ से 136 जमाती आये थे और 30 विदेशी थे। इन सभी की निगरानी की जा रही है। जमात में शामिल लोगों के अलावा उनके परिवार को भी क्वारंटाइन कर लिया गया है।
पश्चिम बंगाल पश्चिम बंगाल के गृह सचिव अलापन बांदोपाध्याय ने बताया कि बंगाल से आए सभी जमातियों की पहचान की जा चुकी है। जल्दी ही इनकी जांच के बाद इन्हें 14 दिनों के लिए क्वारंटाईन के लिए भेज दिया जाएगा। कोलकाता के मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य हाजी जमील मंजर बताते हैं कि इन सभी की पहचान करना इतना आसान नहीं होगा।
राजस्थान के डीजीपी लॉ एंड ऑर्डर एमएल लादर कहते हैं कि राज्य से 17 लोगों ने इसमें हिस्सा लिया था। इन सभी को दिल्ली में ही आईसोलेट करवा दिया गया है।
असम असम सरकार के मुताबिर राज्य से 356 लोगों ने मरकज में हिस्सा लिया था। अभी ये सभी दिल्ली में ही हैं।
मेघालय मेघालय के मुख्यमंत्री कार्यालय से पता लगा कि यहां से 12 लोगों ने हिस्सा लिया था। ये सभी फिलहाल दिल्ली में ही हैं।
हिमाचल प्रदेश हिमाचल प्रदेश से सात लोग तबलीग में हिस्सा लेने के लिए आए थे और इन सभी को दिल्ली में ही क्वारंटाईन कर दिया गया है।
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