नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर किसान इस समय आंदोलन कर रहे हैं। इन किसानों को आंदोलन करते हुए इस समय 2 महीने से अधिक हो गया है। ऐसे में केंद्र सरकार की तरफ से किसानों से अभी तक 11 दौर की बैठक हो चुकी है मगर इसका कोई परिणाम नहीं निकला है। ऐसे में स्वयं देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने किसानों से कहा है कि वह उनसे बस सिर्फ एक कॉल दूर हैं मगर इसी बीच किसान आंदोलनों के पास से खबर आ रही है कि वहां सरकार ने बाड़ेबंदी कर दी है। जिससे कोई भी किसानों से के पास नहीं जा पा रहा है। इस पूरी घटना पर किसान नेता राकेश टिकैत ने टिप्पणी की है। महाराष्ट्र में पोलियो वालों ने गलती से 12 बच्चों को पिलाया हैंड सेनिटाइजर, सभी अस्पताल में भर्ती टिकैत ने मांगा पीएम का नंबर राकेश टिकैत ने कहा है कि देश के प्रधानमंत्री ने बोल था कि वह कह रहे थे कि किसान उनसे एक कि.मी. दूर हैं। ऐसे में जिन लोगों के पास प्रधानमंत्री का वो नंबर है तो हमें दे। वह कहते हैं कि सरकार इन कटीले तारों को आंदोलन के पास क्यों लगा रही है। हमने अपना दिल्ली जाने का प्लान स्थगित कर दिया है तो सरकार ऐसा क्यों कर रही है। वह कहते हैं कि सरकार किसानों के आगे जितने कील लगाएगी। उतनी ही लोग पास आएंगे। वह कहते हैं कि दिल्ली जाना ही नहीं है तो फिर कील क्यों लगा रहे हैं।
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6 फरवरी को देश में चक्का जाम का था ऐलान बता दें इससे पहले किसान नेताओं ने ऐलान किया था कि वह 6 फरवरी को देशभर में चक्का जाम करने वाले हैं। जो सिर्फ कुछ घण्टों के लिए होगा। इसी बीच दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर किसान इस चक्का जाम की तैयारी कर रहे थे। इससे पहले किसानों ने एक फरवरी को संसद घेराव की भी बात कही थी। मगर बाद में 26 जनवरी को हिंसा होने के बाद किसान संगठनों ने इस प्लान को टाल दिया था। पुलिस ने इसी कारण सभी आंदोलन स्थल के बाहर पुलिस बैरिकेडिंग के साथ नुकीली तार और बाड़मेड़ का प्रयोग किया है ताकि किसानों को दिल्ली में नहीं जाने दिया जाए।
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संसद में हुआ हंगामा सभापति एम वेंकैया नायडू ने सदस्यों से कहा कि वे एक दिन बाद, बुधवार को राष्ट्रपति अभिभाषण पर होने वाली चर्चा में अपनी बात रख सकते हैं। इससे पहले शून्यकाल शुरू होने पर सभापति ने कहा कि इस मुद्दे पर चर्चा के लिए उन्हें नियम 267 के तहत नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद, तृणमूल कांग्रेस के सुखेंदु शेखर राय, द्रमुक के तिरूचि शिवा, वाम सदस्य ई करीम और विनय विश्वम सहित कई सदस्यों के नोटिस मिले हैं। इस नियम के तहत सदन का सामान्य कामकाज स्थगित कर जरूरी मुद्दे पर चर्चा की जाती है। सभापति ने कहा कि किसानों के मुद्दे पर सदस्य अपनी बात कल राष्ट्रपति अभिभाषण पर चर्चा के दौरान रख सकते हैं। उन्होंने सदस्यों से संक्षिप्त में अपनी बात कहने को कहा। सुखेंदु शेखर राय, करीम, विनय विश्वम, शिवा के अलावा राजद के मनोज झा, बसपा के सतीश चंद्र मिश्रा, सपा के रामगोपाल यादव आदि सदस्यों ने किसानों के आंदोलन का जिक्र किया और इस पर चर्चा कराने की मांग की।
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