नई दिल्ली/टीम डिजिटल। आज ओडिशा के बालासोर में 400 किलोमीटर तक वार करने में सक्षम ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल (BrahMos supersonic cruise missile) का सफल परीक्षण किया गया। इस मिसाइल के सफल परीक्षण के बाद गृह मंत्री अमित शाह (Amit shah) ने डीआरडीओ (Drdo) को बधाई दी है।
The extended range BrahMos supersonic cruise missile that was test-fired off the coast of Odisha’s Balasore today. The missile can hit targets at a range of more than 400 kms. It is fitted with new indigenous booster and airframe. https://t.co/Wacj2GD4fv pic.twitter.com/ATLvoY8xE3 — ANI (@ANI) September 30, 2020
The extended range BrahMos supersonic cruise missile that was test-fired off the coast of Odisha’s Balasore today. The missile can hit targets at a range of more than 400 kms. It is fitted with new indigenous booster and airframe. https://t.co/Wacj2GD4fv pic.twitter.com/ATLvoY8xE3
अमित शाह ने दी बधाई अमित शाह ने DRDO को बधाई देते हुए ट्वीट किया जिसमें उन्होंने कहा कि भारत को इस पर बहुत गर्व है।स्वदेशी रूप से विकसित रेंज ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के सफल परीक्षण के लिए DRDO को बहुत बहुत बधाई। यह अत्याधुनिक हथियार भारत की रक्षा क्षमता और प्रधानमंत्री का प्रमाण है।
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India is extremely proud of @DRDO_India for successfully testing the indigenously developed extended range BrahMos supersonic cruise missile. This state of the art weapon is a testimony of India’s defence potential and PM @NarendraModi ji’s resolve towards an #AatmaNirbharBharat. — Amit Shah (@AmitShah) September 30, 2020
India is extremely proud of @DRDO_India for successfully testing the indigenously developed extended range BrahMos supersonic cruise missile. This state of the art weapon is a testimony of India’s defence potential and PM @NarendraModi ji’s resolve towards an #AatmaNirbharBharat.
2019 में हुआ था परीक्षण इससे पहले सितंबर 2019 में इसी मिसाइल के 290 किमी तक मार करने की क्षमता वाले वर्जन का डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन डीआरडीओ ने सफल परीक्षण किया था। इस नए वर्जन का डीआरडीओ ने परीक्षण पीजे-10 प्रोजेक्ट के तहत किया गया है। इसे देश में बने बूस्टर का इस्तेमाल कर लॉन्च किया गया है। ये मिसाइल ब्रह्मोस के एक्सटेंडेड वर्जन का सफल परीक्षण है। ये नया वर्जन भी पहले वाले ब्रह्मोस मिसाइल नौसेना और वायुसेना में पहले से ही शामिल है।
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2017 में हुआ था इसके पहले वर्जन का परीक्षण वहीं इस मिसाइल का पहला वर्जन जो जमीन पर मार करने में सक्षम थी उसका पहला ही परिक्षण हो चुका है। पहली मिसाइल का परीक्षण 11 मार्च 2017 को किया गया था। ये जमीन पर लंबी दूरी तक मार कर सकती है। ये मिसाइल 490 किमी दूर लक्ष्य को भेदने में सक्षम है। डीआरडीओ ने सितंबर में 290 किमी तक दूरी वार करने वाली ब्रह्मोस का ओडिशा के चांदीपुर टेस्ट रेंज में परीक्षण किया गया था।
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