नई दिल्ली/टीम डिजिटल। अपना दल (सोनेलाल) की नेता और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल अब अपनी मां कृष्णा पटेल से समझौते के मूड में दिख रही हैं। बताया जा रहा है कि वे मां से समझौता कर अपना दल (कमेरावादी) का अपनी पार्टी में विलय करना चाहती हैं। हालांकि बहन पल्लवी से उनकी अदावत के चलते यह इतना आसान नहीं दिख रहा है।
सूत्रों के अनुसार विधानसभा चुनाव से पहले अपना दल को उत्तर प्रदेश में मजबूत आधार देने के लिए अनुप्रिया पटेल पांच साल बाद अपनी मां के साथ समझौते का प्रयास कर रही हैं। सूत्रों की माने तो अनुप्रिया ने अपनी मां अपना दल (कमेरावादी) का विलय अपना दल (सोनेलाल) में करने और साथ मिल कर सियासत करने का आग्रह किया है। सूत्रों के मुताबिक, कुछ दिन पूर्व अनुप्रिया ने दोनों धड़ों के बीच सुलह की पहल की है। इसके तहत उन्होंने समझौते के लिए कृष्णा पटेल के समक्ष कई विकल्प रखे हैं। उन्हें उत्तर प्रदेश में प्रस्तावित मंत्रिमंडल विस्तार में अपना दल कोटे से मंत्री पद देने के अलावा पार्टी का आजीवन संरक्षक या राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने का भी ऑफर दिया है।
सूत्रों के मुताबिक, अनुप्रिया ने यहां तक कहा है कि अगर कृष्णा पटेल चाहें तो उनके लिए, अनुप्रिया के पति आशीष पटेल विधान परिषद की सदस्यता (एमएलसी) से इस्तीफा दे देंगे या फिर कृष्णा चाहें तो अपना दल से अपनी पसंद की किसी भी सीट से आगामी विधानसभा का चुनाव लड़ सकती हैं। बता दें कि अपना दल (एस) का भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार में अपना दल (एस) कोटे से अभी एक ही मंत्री हैं। जय कुमार ङ्क्षसह जैकी के पास कारागार राज्य मंत्री का पद है। उत्तर प्रदेश में अपना दल (एस) के नौ विधायक और दो सांसद हैं।
अनुप्रिया के पिता सोनेलाल पटेल ने 1955 में अपना दल का गठन किया था। वर्ष 2009 में सोनेलाल पटेल के निधन के बाद पार्टी की कमान कृष्णा पटेल के हाथों में आ गई थी। बाद में पारिवारिक मतभेदों के कारण अनुप्रिया ने 2016 में अपनी अलग पार्टी अपना दल (सोनेलाल) बना ली। पारिवारिक लड़ाई अदालत में भी पहुंची। विवादों के चलते कृष्णा पटेल ने अपना दल (कमेरावादी) नाम से एक नई पार्टी बना ली। कहा जाता है कि इस विवाद में बहन पल्लवी और उनके पति की भूमिका को लेकर अनुप्रिया अब भी नाराज हैं। अपना दल (एस) के एक नेता ने बताया कि 2015 में अपना दल में विवाद के दौरान पल्लवी ने अनुप्रिया पर गबन का झूठा मुकदमा दर्ज कराया था। पल्लवी ने विवाद के बाद कथित रूप से लगभग सारी पैतृक संपत्ति अपने नाम वसीयत करा ली थी। इसमें अनुप्रिया और उनकी छोटी बहन अमन को कोई हिस्सा नहीं दिया गया।
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