-उपराज्यपाल हमारे प्रधानाध्यापक नहीं जो हमारा होमवर्क जांचेंगे: अरविंद केजरीवाल -सरकार फिनलैंड में शिक्षकों को ट्रेनिंग दिलवाना चाहती है, एलजी साहब को आपित्त क्यों है: सिसोदिया नई दिल्ली/टीम डिजिटल। दिल्ली विधानसभा से उपराज्यपाल निवास तक पैदल मार्च करके पहुंचे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दो टूक कहा, उपराज्यपाल हमारे प्रधानाध्यापक नहीं हैं जो हमारा होमवर्क जांचेंगे। दिल्ली की जनता तानाशाही सहन नहीं करेगी, दिल्ली लोकतंत्र से चलेगी, एलजी को संविधान और सुप्रीम कोर्ट के आदेश मानने ही पड़ेंगे। दिल्ली के लोगों ने अपने मुख्यमंत्री को चुना है और मुख्यमंत्री अपने टीचर्स को ट्रेनिंग के लिए भी नहीं भेज सकता तो ऐसे चुनाव व जनतंत्र का क्या फायदा, जनता के हक के लिए हमारा संघर्ष जारी रहेगा। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी के विधायकों ने दिल्ली सरकार के कामकाज में हस्तक्षेप और शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए फिनलैंड भेजने पर उपराज्यपाल की आपत्तियों के विरोध में सोमवार को राजनिवास तक मार्च निकाला। दिल्ली विधानसभा की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित किए जाने के बाद मार्च शुरू हुआ। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच अरविंद केजरीवाल और विधायकों ने विधानसभा से दो किलोमीटर की पैदल यात्रा शुरू की, लेकिन पुलिस ने राजनिवास से कुछ मीटर की दूरी पर उन्हें रोक दिया। आप विधायक उपराज्यपाल वी के सक्सेना से मिलने की अपनी मांग पर अड़े रहे। उपराज्यपाल कार्यालय के सूत्रों ने कहा कि अरविंद केजरीवाल को एक संदेश भेजा गया था कि उपराज्यपाल उनसे और उपमुख्यमंत्री से मिलने के लिए तैयार हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी पुष्टि की कि उन्हें एक संदेश मिला है कि उपराज्यपाल उनसे और उपमुख्यमंत्री से मिलने के लिए तैयार हैं। हालांकि अरिवंद केजरीवाल ने जोर देकर कहा कि उनके विधायकों को भी बैठक में शामिल होने की अनुमति दी जाए। पुलिस द्वारा रोके जाने के बाद केजरीवाल और विधायक विधानसभा लौट गए। उन्होंने कहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और विधायक उपराज्यपाल से मिलने के लिए सड़क पर इंतजार कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने मिलने से इनकार कर दिया। मार्च के दौरान आप विधायकों ने शिक्षकों को फिनलैंड भेजने के सरकार के प्रस्ताव पर कथित तौर पर आपत्ति जताने को लेकर उपराज्यपाल के खिलाफ नारेबाजी की। विधायकों के हाथ में तख्तियां थीं, जिन पर एलजी साहेब से शिक्षकों को फिनलैंड भेजने की अनुमति देने का आग्रह करते हुए नारे लिखे थे। मार्च शुरू होने से पहले केजरीवाल ने बातचीत में कहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप विधायकों को उपराज्यपाल कार्यालय तक मार्च करना पड़ रहा है। मुझे उम्मीद है कि उपराज्यपाल अपनी गलती पर गौर करेंगे और शिक्षकों को फिनलैंड में प्रशिक्षण की अनुमति देंगे। हालंाकि उपराज्यपाल वीके सक्सेना स्वतंत्र निर्णय नहीं ले सकते, लेकिन वह ऐसा कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार के काम जानबूझकर राजनीतिक कारणों से बाधित किए जा रहे हैं। उन्होने पूछा कि अगर निर्वाचित सरकार के पास फैसले लेने का अधिकार नहीं होगा तो वह कैसे काम करेगी। फिनलैंड में सबसे अच्छी शिक्षा प्रणाली है, हम यहीं इंतजार करेंगे और अपने बच्चों के भविष्य के लिए लड़ेंगे। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि अगर दिल्ली की चुनी हुई सरकार फिनलैंड में शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए भेजना चाहती है, तो एलजी साहब को इसमें आपत्ति क्यों हैं। हालंाकि करीबन एक घंटे बाद मुख्यमंत्री व सभी मंत्री, विधायक एलजी से बिना मिले वापिस आ गए।
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