Wednesday, Sep 27, 2023
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2025 के बाद दो साल और जारी रहनी चाहिए अटल भूजल योजना 

  • Updated on 5/26/2023

-जल उपयोग दक्षता बढ़ाने के लिए सिंचाई तकनीक पर ध्यान दें: पंकज कुमार 
-ग्राम पंचायत स्तर पर क्वालिटी प्रशिक्षण के दिख रहे परिणाम: देबश्री मुखर्जी 
नई दिल्ली/टीम डिजिटल। अटल भूजल योजना की राष्ट्रीय स्तर की संचालन समिति चौथी बैठक आज जल शक्ति मंत्रालय के अंतर्गत जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण विभाग के सचिव की अध्यक्षता में आयोजित हुई। 
       अटल भूजल योजना अप्रैल, 2020 से सात राज्यों गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के 80 जिलों में 229 प्रशासनिक विकासखंडों, तालुकों की 8220 पानी की कमी वाली ग्राम पंचायतों में केंद्रीय क्षेत्र की योजना के रूप में पांच वर्ष की अवधि 2020-25 के लिए में लागू है। समिति ने योजना की समग्र प्रगति की समीक्षा की और राज्यों को जल सुरक्षा योजनाओं के तहत प्रयासों में तेजी लाने के निर्देश दिए। 
      समिति ने कहा कि शुरुआती दो वर्षों के दौरान कोरोना से काम प्रभावित हुआ लेकिन योजना के मौजूदा समय के समाप्त होने के बाद अगले दो वर्षों के लिए योजना को जारी रखा जाना चाहिए।
सचिव पंकज कुमार ने कहा कि योजना का समग्र प्रदर्शन संतोषजनक है और राज्यों को अब सिंचाई संबंधी दक्षता बढ़ाने के लिए सिंचाई के क्षेत्र में नई प्रौद्योगिकियों लाने पर जोर देना चाहिए। 
         उन्होंने राज्यों को पीने के पानी के स्रोतों का मैप तैयार करने, उनकी स्थिरता को समझने और अटल जल के तहत हस्तक्षेप से इन स्रोतों को कैसे बहाल रख सकते हैं इस पर विचार करने पर बल दिया।  बैठक में विशेष सचिव सुश्री देबश्री मुखर्जी ने ग्राम पंचायत स्तर पर प्रदान किए जा रहे प्रशिक्षणों की गुणवत्ता के मूल्यांकन के महत्व पर प्रकाश डाला। 
      उन्होंने सभी ग्राम पंचायत विकास योजनाओं में डब्ल्यूएसपी को एकीकृत करने का भी अनुरोध किया। इस एकीकरण से समय अवधि पूरी होने के बाद भी योजना द्वारा अपनाए गए दृष्टिकोण को स्थिरता मिलेगी। विश्व बैंक की प्रैक्टिस मैनेजर ने जल उपयोग दक्षता को सबसे आगे रखने के लिए योजना की प्रशंसा की और पिछले तीन वर्षों के दौरान हुई प्रगति का उल्लेख किया। उन्होंने सामुदायिक नेतृत्व वाले स्थायी भूजल प्रबंधन के महत्व पर जोर देते हुए समर्थन दिया। 
 

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