Monday, Sep 25, 2023
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सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लागू, बढ़ेगी जागरूकता और जांच टीमों की सख्ती 

  • Updated on 1/2/2023

नई दिल्ली/टीम डिजिटल।  राजधानी में 120 माइक्रोन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक बैग के निर्माण, बिक्री और इस्तेमाल पर भी प्रतिबंध लागू हो चुका है। चूंकि 19 सिंगल यूज प्लास्टिक की वस्तुएं और 75 माइक्रोन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक बैग, जो पिछले साल प्रतिबंधित कर दिए गए थे लेकिन ये अभी भी लोग न सिर्फ इस्तेमाल कर रहे हें आसानी से बेचे जा रहे हैं। 
     पर्यावरण विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन दूसरा संशोधन, नियम, 31 दिसम्बर, 2022 से प्लास्टिक कैरी बैग की मोटाई 120 माइक्रोन से अधिक बढ़ाने को अनिवार्य बनाता है और प्रतिबंध लागू करने के लिए टीमों का गठन किया गया है और जागरूकता के लिए विभिन्न टीमें भी बना रहे हैं। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के आंकड़ों के मुताबिक से पता चलता है कि राजधानी में रोजाना 587 टन सिंगल यूज प्लास्टिक कचरे का उत्पादन होता है। 
   सबसे ज्यादा प्लास्टिक की थैलियां करीबन 92.53 प्रतिशत होती हैं, दूसरे नंबर पर बर्तन आदि 7 प्रतिशत से अधिक होते हैं। कचरे के ढेर में भी यह दिखता है जहां पॉलीबैग सबसे ज्यादा हैं और फिर प्लास्टिक के बर्तन व अन्य सामान होता है। जुलाई-2022 में केंद्र सरकार ने प्लास्टिक स्टिक, ईयरबड, गुब्बारे के लिए प्लास्टिक स्टिक, प्लास्टिक के झंडे, कैंडी स्टिक, आइसक्रीम स्टिक, सजावट के लिए पॉलीस्टाइरीन थर्मोकोल, प्लेट, कप, ग्लास, कांटे, चम्मच, चाकू, स्ट्रॉ, ट्रे, मिठाई के डिब्बे के चारों ओर रैपिंग पैकिंग फिल्म, निमंत्रण कार्ड, सिगरेट के पैकेट और 100 माइक्रोन से कम के प्लास्टिक, पीवीसी बैनर और स्टिकर सहित ने 19 सिंगल यूज प्लास्टिक आइटम पर प्रतिबंध लगाया था। 
       ऐसे ही 30 सितम्बर, 2021 से 75 माइक्रोन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक बैग पर प्रतिबंध लगा दिया गया था और अब यह प्रतिबंध 120 माइक्रोन तक की मोटाई वाले प्लास्टिक बैग तक बढ़ा दिया गया है। प्रतिबंध के बावजूद ये सामान बेचे और इस्तेमाल हो रहे हैं। विशेषज्ञ बातचीत में मानते हें कि सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध करीब छह महीने पहले लागू हुआ था, लेकिन इसे ठीक से लागू नहीं किया जा रहा है। पॉलीबैग पर प्रतिबंध तो लगा लेकिन जमीन पर असर नहीं दिखा जनता में जागरूकता की कमी है और लोग कैरी बैग की मोटाई नहीं माप सकते हैं चाहे वे 100 माइक्रोन हों या 150 माइक्रोन। चूंकि प्लास्टिक की थैलियां विकल्पों की तुलना में सस्ती हैं, इसलिए दुकानदारों को  वैकल्पिक आपूर्ति व सही कीमत पर उपलब्ध करवाए बिना पूर्णतय: प्रतिबंध सौ फीसदी लागू करना चुनौती होगा। 
 

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